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0 21 व 28 नवंबर को बस्तर व सरगुजा संभाग मुख्यालय का घेराव किया जाएगा
0 भाजपा ने कहा-सरकार की नाकामी की वजह से आदिवासी समाज का आरक्षण कम हो गया

रायपुर। प्रदेश में आदिवासी समाज के आरक्षण को लेकर राजनीति गरमा गई है। इसको लेकर भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा ने प्रदेश सरकार के खिलाफ हल्ला बोल दिया है। भाजपा अजजा मोर्चा इसको लेकर आगामी 8 नवंबर को सरगुजा संभाग व 9 नवंबर को बस्तर संभाग के सभी जिला मुख्यालय का घेराव कर प्रदर्शन करेगा। इसके बाद 21 नवंबर को बस्तर संभाग और 28 नवंबर को सरगुजा संभाग मुख्यालय का घेराव किया जाएगा। 
भाजपा मुख्यालय एकात्म परिसर में बुधवार को भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा की बैठक हुई।

बैठक के बाद प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए पूर्व मंत्री रामविचार नेताम कहा कि बैठक में राज्य सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने का निर्णय लिया गया। कांग्रेस सरकार ने प्रदेश के आदिवासी समाज को ठगने व छलने का काम किया है। तरह-तरह के लोकलुभावन बात करके सत्ता में आई कांग्रेस ने हर स्तर पर आदिवासी समाज को ठगने का काम किया। भाजपा सरकार में आदिवासियों को 32 फीसदी आरक्षण देने का काम किया। आज वह आरक्षण कांग्रेस सरकार की नाकामी की वजह से 32 प्रतिशत से 20 प्रतिशत पर आ गया। जिस प्रकार से हार्ईकोर्ट में प्रदेश सरकार की ओर से पैरवी होना था, वैसा नहीं हो पाया। आदिवासी समाज को संविधान प्रदत्त आरक्षण मिला हुआ है। समाज को आरक्षण का संवैधानिक व्यवस्था दी गई है। समाज को जो आरक्षण मिलना है वह मिलेगा ही। श्री नेताम ने कहा कि छत्तीसगढ़ में आदिवासी समाज की 32 प्रतिशत आबादी है। इससे कम आरक्षण लागू नहीं हो सकता। इसके बावजूद प्रदेश सरकार कोर्ट में आदिवासी समाज के पक्ष में पैरवी नहीं कर पाया। आज प्रदेश का आदिवासी समाज ठगा महसूस कर रहा है। प्रदेश सरकार के मंत्री व नेता तरह-तरह की बातें कह रहे हैं। इसको लेकर आदिवासी समाज उद्वेलित है। इसके लेकर भाजपा अजजा मोर्चा 8 व 9 नवंबर को सरगुजा व बस्तर संभाग के सभी जिला मुख्यालयों का घेराव करेगा। फिर जनजागरूकता करने 21 व 28 नवंबर को दोनों संभागीय मुख्यालयों में प्रदर्शन व घेराव किया जाएगा। 

कई राज्यों में 50 प्रतिशत तक आरक्षण 
श्री नेताम ने दूसरे राज्यों का हवाला देते हुए कहा कि आदिवासियों को कई राज्यों में 50 प्रतिशत का आरक्षण दिया गया है। प्रदेश सरकार की नाकामी की वजह से छत्तीसगढ़ में आदिवासी समाज का आरक्षण 32 प्रतिशत से घटकर 20 प्रतिशत में आ गया है। इसका कारण प्रदेश सरकार द्वारा कोर्ट में सही तरीके से पैरवी नहीं कर पाना है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस के कई लोग कोर्ट में बैठे हुए हैं। कांग्रेस सरकार आदिवासी समाज के नेताओं को दबाने का काम कर रहे हैं। जो उनके सामने उन्हें दबाओ। कांग्रेस सरकार आदिवासियों के नाम पर सिर्फ राजनीति कर रही है। उन्होंने कहा कि दक्षिण के सभी राज्यों में आदिवासी समाज के लिए आरक्षण लागू है। उन्होंने कहा कि भाजपा शासनकाल में हमने स्थानीय भर्ती नियम बनाए थे। सुदूर आदिवासी अंचल के स्थानीय युवाओं को रोजगार देने का काम किया था, लेकिन कांग्रेस सरकार इन सब में नाकाम रही है। भाजपा अजजा मोर्चा आदिवासी समाज को मिलने वाला 32 प्रतिशत आरक्षण को लेकर लड़ाई लड़ेगा। इसी को लेकर प्रदेश स्तर पर प्रदर्शन किया जाएगा। 

प्रेस वार्ता में अजजा मोर्चा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मंत्री रामविचार नेताम के अलावा पूर्व मंत्री विक्रम उसेंडी, पूर्व मंत्री रामसेवक पैकरा, पूर्व मंत्री महेश गागड़ा,मोर्चा अध्यक्ष विकास मरकाम, प्रदेश अनुसूचित जनजाति मोर्चा प्रभारी खामसिंग माझी, भाजपा प्रदेश प्रवक्ता देवलाल ठाकुर मौजूद रहे।