
0 कथावाचक पं. मिश्रा ने कहा-शिवमहापुराण के जरिए हिंदू धर्म को संगठित कर रहे हैं
रायपुर। राजधानी रायपुर में शिवपुराण कथावाचन करने पहुंचे अंतरराष्ट्रीय कथावाचक पं. प्रदीप मिश्रा ने शुक्रवार को धर्मांतरण के मुद्दे पर कहा कि जो धर्मांतरण करवा रहे हैं, पहले उनके माता-पिता से पूछें कि वो कौन से धर्म से थे? उनके दादा-परदादा कौन से धर्म के थे। क्या उन्होंने कभी शिव के सामने अगरबत्ती नहीं जलाई थी। धर्मांतरण कराने वालों को किसी दबाव में नहीं आना चाहिए। ये उनकी विपरीत बुद्धि है। उनके ऊपर से प्रेशर रहता है। उन्हें इतना धन दिया जाता है कि उन्हें धर्मान्तरण कराना पड़ता है।
पं. मिश्रा ने प्रेसवार्ता में मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि शिवमहापुराण के जरिए हिंदू धर्म को संगठित कर रहे हैं। अब लोग शिव भक्ति की ओर बढ़ रहे हैं। शिवभक्ति में लीन हो रहे हैं। पहले शिव मंदिर में जाले लगे होते थे, अब शिव के प्रति लोगों का विश्वास बढ़ रहा है।
उनके पास पहले भोजन के लिए पैसे नहीं थे
प्रदीप मिश्रा ने बचपन की कहानी बताते हुए कहा कि उनके पास पहले भोजन करने के लिए भी पैसे नहीं थे। घर की स्थिति देख कथावाचक बनने का विचार नहीं बना पाया था। अपने कर्म के साथ शिवभक्ति की और भगवान शिव पर विश्वास बनाए रखा रहा। घर पर बहन की शादी थी तो सेठ के घर में भी शादी थी। हमने उनसे अनुरोध किया था, शादी के उस साज सज्जा को जस का तस ही रहने दिया जाए। उस वक्त बुरी परिस्थितियां थी। फिर भोलेनाथ की कृपा इतनी हुई कि उन्होंने पेट तो भरा, साथ ही जीवन में वैभव, यश और सम्मान भी मिल रहा है।
सनातन धर्म के सभी पुराण श्रेष्ठ हैं
महाभारत और शिवपुराण की तुलना पर पं. मिश्रा ने कहा कि सनातन धर्म के सभी पुराण श्रेष्ठ हैं। चाहे वह महाभारत हो या फिर शिवमहापुराण। पहले लोग केवल दीये और अगरबत्ती जलाने मंदिर जाते थे। अब विश्वास के साथ मंदिर जाते हैं।
भगवान शिव ने कोई नशा नहीं किया
शिव के नाम पर चरस, गांजा के नशे पर पं. मिश्रा ने कहा कि भगवान शिव ने कोई नशा नहीं किया। कभी चिलम और गांजा नहीं पिया। शिव के सामने नशे का सामान रहता था, परंतु शिव ने कभी उसका सेवन नहीं किया। जब विष की बूंदे उत्पन्न हुई तो भांग उत्पन्न हुआ, वो भगवान शिव के नजदीक में रखा हुआ है। वे उसका सेवन नहीं करते थे। शिव जी कहते हैं मुझे राम और कृष्ण का नशा है।
राजनीति पर हमेशा से धर्म हावी रहा है
राजनीति और धर्म को लेकर पं. प्रदीप मिश्रा ने कहा कि राजनीति पर हमेशा से धर्म हावी रहा है। पहले भी राजा-महाराजाओं के साथ उनके गुरु बैठे रहते थे, इसलिए चाहे केंद्र हो या राज्य, अगर धर्म के अनुसार राजनीति को बढ़ाया जाए तो राजा और प्रजा दोनों सुखी होंगे और हमेशा एक ही राजा रहेगा।
ज्ञानव्यापी के फैसले को लेकर भी बोले पं. मिश्रा
उन्होंने ज्ञानव्यापी के फैसले को लेकर कहा कि शिव-शिव हैं। पूरे विश्व की भूमि को कहीं से भी खोदेंगे तो शिव निकलेंगे, बाकी मूर्तियां बाद में प्रकट हुई, लेकिन भगवान शिव का वर्चस्व प्राचीन समय से ही रहा है। निर्णय तो भगवान शिव ही देंगे। जगतगुरु शंकराचार्य के हिंदू राष्ट्र निर्माण को लेकर कहा पं. मिश्रा ने कहा कि पूरा राष्ट्र सनातनी बने। उनके साथ पूरा राष्ट्र है। सनातन धर्म सर्वोपरि हो, सनातन धर्म का हमेशा विजय हो।