0 गहलोत बोले- हर एंगल से इन्वेस्टिगेशन
उदयपुर। रेलवे पुल पर एक धमाका, जिसने रविवार को पूरे राजस्थान को हिला कर रख दिया। क्या यह आतंकी घटना है या किसी की शरारत। आखिर इसके पीछे मकसद क्या था? फिलहाल एनआईए, स्टेट एटीएस समेत तमाम एजेंसियां इसकी जांच में जुटी हैं। सोमवार को नेशनल सिक्योरिटी गाड्र्स (एनएसजी) और इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) की टीमें भी मौके पर पहुंचीं और इन्वेस्टिगेशन शुरू की।
पूरे मामले में आतंकी और नक्सली एक्टिविटी के एंगल से भी जांच की जा रही है। सीएम गहलोत ने कहा है कि नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) को बुलाया गया है। हर एंगल से जांच होगी। वहीं, ट्रैक को रेलवे की ओर फिट घोषित कर दिया गया है। अब ट्रेनों का संचालन शुरू हो गया है। रेलवे मुख्य जनसंपर्क अधिकारी शशि किशन ने बताया, उदयपुर से अहमदाबाद जाने वाली ट्रेन शाम 5 बजे रवाना होगी।
एनआईए के एसपी रवि चौधरी ने भी घटनास्थल का दौरा किया। टीम ने मौके से सैंपल लिए। इस दौरान एटीएस के अधिकारी भी उनके साथ रहे। हर चीज को लोकल एटीएस ने ब्रीफ कर बताया। वहीं, आईबी की टीम जॉइंट डायरेक्टर के नेतृत्व में टीम आई है। उन्होंने भी मौके पर निरीक्षण किया। एनएसजी ने सुबह 10 बजे से 11:30 तक ब्रिज के आस-पास एक दर्जन से ज्यादा जगहों पर सबूत जमा किए।
गांव के दो युवक न पहुंचते तो हो जाता बड़ा हादसा
एक सच्चाई यह भी है कि अगर हादसे से कुछ ही दूर स्थित गांव के दो युवक अगर मौके पर नहीं पहुंचते तो शायद बड़ा हादसा हो सकता था। रेल ट्रैक पर धमाका शनिवार रात करीब 10 बजे हुआ। ओढ़ा गांव में करीब एक किलोमीटर तक इस धमाके की आवाज सुनाई दी। ट्रैक से सबसे करीब घर के बर्तन तक बजने लगे। अंधेरा होने के कारण रात में लोग मौके पर जाने की हिम्मत नहीं कर सके। गांववाले घर पर ही सहम कर बैठे रहे। घटनाक्रम की सच्चाई करीब 9 घंटे बाद सुबह 7 बजे सामने आई। जब धमाके की बात सुनकर दो युवक रेलवे ट्रैक पर देखने पहुंचे।
एनआईए, एनएसजी, एफएसएल, एटीएस, ईआरटी, सीआईडी सब जांच में जुटे
मामले की जांच करने के लिए कई एजेंसिया मौके पर सुबह से देर रात तक जुटी रहीं। मामले की जांच अब एनआईए, एनएसजी भी कर रही है। एफएसएल की टीम ने रेलवे लाइन पर लगे बारूद और नट-बोल्ट सहित अन्य सामग्री के सबूत जुटाए। एटीएस के एडिशनल एसपी अनंत कुमार भी टीम के साथ यहां मामले की जांच कर रहे हैं। इमरजेंसी रिस्पॉन्स टास्क की एक बटालियन भी तैनात की गई है। इसके अलावा सीआईडी व पुलिस जांच में जुटी हुई है। इस बीच, उदयपुर एसपी विकास शर्मा ने बताया कि यूएपीए (अनलॉफुल एक्टिविटी प्रिवेंशन एक्ट) के तहत जावर माइंस थाना में दर्ज किया गया। मामले की जांच की शुरू हो चुकी है। मामले में टेरर एक्ट की धारा 16 और 18 भी लगाई गई है। ये धाराएं आतंकी गतिविधियों से जुड़ी हैं।
गहलोत बोले, जांच के लिए एनआईए को बुलाया
उदयपुर रेलवे ट्रैक को ब्लास्ट से उड़ाने के पीछे आतंकी एंगल से भी जांच होगी। एनआईए की टीम भी मौके पर पहुंच रही है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार कहा, 'उदयपुर की घटना की जांच चल रही है। हमने एनआईए वालों को भी बुला लिया है। घटना क्यों हुई, पीछे क्या कारण था?, एफएसएल वाले भी चले गए हैं। इसको हमने बहुत गंभीरता से लिया है। हर एंगल से जांच की जा रही है।' सीएम जयपुर में एक कार्यक्रम में भाग लेने पहुंचे थे।
शहर से ओढ़ा पुल तक जंगल व गहरी घाटियों से गुजरता है रास्ता
ओढ़ा पुल उदयपुर शहर से करीब 35 किमी दूर केवड़े की नाल में बना है। शहर से पुल तक यह रास्ता चारों तरफ जंगल और गहरी घाटियों से होकर गुजरता है। ओढ़ा गांव में करीब 200 परिवार रहते हैं। आसपास ज्यादातर माइंस है, जिनमें ब्लास्ट के लिए एक्सप्लोसिव उपयोग लिए जाते हैं। बताया जा रहा है कि वही सामग्री रेलवे लाइन पर ब्लास्ट के उपयोग में ली गई।
समय पर सूचना नहीं मिलती तो दोपहर 12 बजे हो सकता था बड़ा हादसा
ग्रामीणों की सजगता से अगर समय पर सूचना नहीं मिली होती तो 12 बजे बड़ी जनहानि हो सकती थी। यहां अहमदाबाद से उदयपुर ट्रेन दोपहर 12:30 बजे पहुंचती है। इसमें हजारों यात्री रोज सफर करते हैं। इस पुल पर ट्रेन के समय से पहले आला अधिकारियों तक सूचना पहुंच गई तो बड़ा हादसा होने से टल गया। रेलवे ने उदयपुर तक इस ट्रेन का संचालन रविवार को रद्द कर दिया था। सोमवार से इस ट्रेनों का संचालन वापस शुरू कर दिया।