भानुप्रतापपुर। भानुप्रतापपुर में वोटिंग खत्म हो चुकी है। इस चुनाव में भाजपा के प्रत्याशी ब्रह्मानंद नेताम फिलहाल बड़ी राहत मिली है। झारखंड के रांची हाईकोर्ट ने ब्रह्मानंद की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। हाईकोर्ट ने इस मामले में कहा है कि अगली सुनवाई होने तक फिलहाल कार्रवाई न की जाए। सोशल मीडिया पर भाजपा और इससे जुड़े लोग सत्यमेव जयते लिखकर ब्रह्मानंद का सपोर्ट कर रहे हैं। इधर ब्रम्हानंद नेताम को गिरफ्तार करने आई झारखंड पुलिस को भाजपा कार्यकर्ताओं के भारी विरोध के बाद खाली हाथ लौटना पड़ा।
झारखंड हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस संजय द्विवेदी की अदालत में इस मामले की सुनवाई हुई। भानुप्रतापपुर में भाजपा के प्रत्याशी ब्रह्मानंद नेताम की ओर से हाईकोर्ट के अधिवक्ता इंद्रजीत सिन्हा और कुमार हर्ष ने पक्ष रखते हुए अदालत में दलील दी कि इस केस में उनके मुवक्किल की कोई संलिप्तता नहीं है और न ही एफआईआर में उनका नाम है, फिर भी पुलिस उन्हें परेशान कर रही है। वकीलों की दलील के बाद कोर्ट ने मामले की जांच करने, अगली सुनवाई तक गिरफ्तार करने पर रोक लगा दी है।
सोमवार को ब्रह्मानंद सुबह सबसे पहले गांव में ही शीतला माता मंदिर गए। उन्होंने जीत के लिए देवी से आशीर्वाद लिया। फिर करीब 9 से 9:30 के बीच कसावाही मतदान केंद्र पहुंचे। इस मामले में ब्रम्हानंद ने कहा कि यदि मैं बलात्कारी होता तो शायद क्षेत्र की जनता मुझे अपना आशीर्वाद नहीं देती। मैं लोगों के पास जब वोट मांगने पहुंचता तो मुझे भगा देते। मेरे ऊपर झूठा आरोप लगाकर राजनीतिक षड्यंत्र रचा गया है। यदि मेरी गिरफ्तारी करनी हो तो कर लीजिए। मैं तैयार खड़ा हूं।
जमशेदपुर की पुलिस आई थी पकड़ने
चुनाव से 5 दिन पहले झारखंड के जमशेदपुर की पुलिस ने कांकेर में डेरा डाला था। ब्रह्मानंद नेताम काे जमशेदपुर की नाबालिग से याैन शोषण का आरोपी बताया गया है। जमशेदपुर पुलिस के आते ही भाजपा ने ब्रह्मानंद नेताम को कुछ देर के लिए नजर बंद कर दिया था। इसके बाद वो प्रचार के लिए निकले। ब्रह्मानंद को कांकेर थाने में आकर पेश हाेने कहा गया था, मगर उनकी तरफ से स्थानीय वकील ने जाकर कह दिया था कि 8 दिसंबर के बाद ब्रह्मानंदद थाने आएंगे। खींचतान के बाद जमशेदपुर की पुलिस ब्रह्मानंद के घर पर थाने आने का नोटिस लगाकर लौट गई थी।