0 आर्मी मूवमेंट में होगी आसानी, तवांग झड़प के बाद प्रोजेक्ट में तेजी
नई दिल्ली/ईटानगर। तवांग में भारत-चीनी सेना के बीच झड़प के बाद सरकार सीमावर्ती इलाके पर शीघ्र ही इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण करने की योजना बना रही है। ताकि सैनिकों को जरूरी समान पहुंचाने में सुविधा हो। इसी के मद्देनजर अब अरुणाचल प्रदेश में केंद्र सरकार फ्रंटियर हाइवे बनाएगी। ये अगले पांच साल में तैयार होगा। तिब्बत-चीन-म्यांमार से सटी भारतीय सीमा के काफी करीब इस हाइवे के निर्माण से सेना के मूवमेंट में आसानी होगी।
कई मीडिया रिपोर्ट्स में सरकार के अफसरों के हवाले से बताया जा रहा है कि हाइवे का नाम NH-913 होगा और इसकी लंबाई 1748 किमी. होगी। रोड ट्रांसपोर्ट मिनिस्ट्री इसे बनाएगी और इसका फोकस बॉर्डर एरिया से लोगों का पलायन रोकना है।
तिब्बत और चीन सीमा के करीबी पॉइंट्स से गुजरेगा, लागत 27 हजार करोड़
ये हाइवे बोमडिला से शुरू होगा। जो नाफ्रा, हुरी और मोनीगॉन्ग पास से गुजरेगा। ये 3 पॉइंट्स इंडिया-तिब्बत बॉर्डर के काफी करीब हैं। चीन सीमा के करीब जिडो और चेनक्वेंटी स्थित पॉइंट्स से भी जाएगा। यह इंडिया-म्यांमार बॉर्डर के पास विजयनगर में खत्म होगा। इस पूरे हाइवे को 9 पैकेज में बांटा जाएगा।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर नितिन गडकरी ने बताया कि इस प्रोजेक्ट की कीमत 27 हजार करोड़ होगी। सरकार इसकी लागत को कम करने के विकल्पों पर भी विचार कर रही है।
निगरानी रखने पलायन रोकने में भी मिलेगी मदद
एक सरकारी अफसर ने बताया इन इलाकों में अभी कोई सड़क मौजूद नहीं है। इस पर पुल और सुरंगें भी होंगी। 2024-25 तक इस प्रोजेक्ट का पूरा प्लान तैयार हो जाएगा और अगले 2 साल में इसका निर्माण भी पूरा कर लिया जाएगा। उम्मीद है कि 2026-27 तक ये काम हो जाएगा। इस हाईवे के चलते डेवलपमेंट में बूस्ट आएगा। खासतौर से उन इलाकों में जो सीमा के करीब हैं। इससे हमें वहां हो रहे पलायन को रोकने में भी मदद मिलेगी।