
0 गांधी प्रतिमा के पास विपक्षी सदस्यों ने दिया धरना
रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के पांच दिवसीय शीतकालीन सत्र का सोमवार को आगाज हुआ। सत्र के पहले दिन काफी हंगामेदार रहा। आरक्षण मुद्दे पर पक्ष-विपक्ष में जमकर बहस हुई। दोनों पक्षों के बीच हंगामे को देख विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही मंगलवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। इधर आरक्षण मुद्दे पर बहस के बीच नाराज होकर भाजपा सदस्यों ने बाहर गांधी प्रतिमा के पास जाकर धरना दिया।
प्रश्नकाल के बाद पीसीसी अध्यक्ष मोहन मरकाम ने आदिवासियों के आरक्षण पर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि सदन से विधेयक पारित होने के बाद अब तक लागू नहीं हो पाया है। इस पर विपक्ष के विधायकों ने भी राज्य सरकार को घेरा। सत्ता पक्ष और विपक्ष के सदस्य अपने-अपने स्थान पर खड़े होकर एक-दूसरे पर आरोप लगाने लगे। भारी हंगामे और शोर-शराबे के कारण स्पीकर डॉ. चरणदास महंत ने कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी।
जैसे ही दोबारा सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो फिर से आरक्षण के मुद्दे पर हंगामा शुरू हो गया। सत्ता पक्ष के विधायकों ने आरक्षण में देरी के लिए राजभवन को जिम्मेदार ठहराया। इस बीच विधानसभा स्पीकर डॉ. महंत ने कहा कि राजभवन और राज्यपाल के प्रति मर्यादा का पालन हो। राज्यपाल पर की गई टिप्पणी बर्दाश्त नहीं है। राज्यपाल पर कोई अशोभनीय बात सदन की मर्यादा के विपरीत है।
कांग्रेस विधायक मोहन मरकाम ने आरक्षण विधेयक के सर्वसम्मति से पारित होने के 32 दिन बाद भी राज्यपाल के दस्तखत नहीं किए जाने के लिए बीजेपी को घेरा। उन्होंने भाजपा पर सदन में कुछ और कहने और बाहर कुछ और करने का आरोप लगाया। कैबिनेट मंत्री कवासी लखमा ने भी भाजपा पर आरक्षण को रोकने और राज्यपाल को गुमराह करने का आरोप लगाया। उन्होंने इसकी निंदा करते हुए कहा कि बीजेपी के खाने के दांत अलग और दिखाने के दांत अलग है।
वहीं दूसरी ओर भाजपा की ओर से बृजमोहन अग्रवाल और अजय चंद्राकर ने मोर्चा संभालते हुए राज्यपाल पर निशाना साधने पर आपत्ति जताई। अजय चंद्राकर ने कहा कि जो उत्तर राजभवन में भेजा है, उस पर विधानसभा में चर्चा क्यों नहीं हो सकती। कॉन्टिफाइबल डाटा आयोग की रिपोर्ट में क्या है, इसे सिर्फ मुख्यमंत्री जानते हैं। छत्तीसगढ़ में कोई दूसरा व्यक्ति नहीं जानता। वहीं बृजमोहन अग्रवाल ने सरकार पर क्वांटिफिएबल डाटा आयोग की रिपोर्ट पर चर्चा करने से बचने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि जब इस आधार पर विधेयक लाया है तो इसकी रिपोर्ट पेश करने से क्या दिक्कत है।
इस बीच विपक्ष के सदस्य क्वांटिफाएबल डाटा आयोग की रिपोर्ट सदन में प्रस्तुत करने लगे और हंगामा करते हुए गर्भगृह तक पहुंच गए। इसके बाद विपक्ष के विधायक स्वयमेव निलंबित कर दिए गए। विधायक नारेबाजी करते हुए निकले और गांधी प्रतिमा के पास धरने पर बैठ गए। इधर, स्पीकर ने दिनभर के लिए कार्यवाही स्थगित कर दी।
जल जीवन मिशन में 100 करोड़ का घपला, भाजपा का सदन से वॉकआउट
इससे पहले जल जीवन मिशन में भ्रष्टाचार को लेकर भाजपा सदस्यों ने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री गुरू रूद्रकुमार को घेरा। इस मामले की जांच की मांग करते हुए भाजपा सदस्यों ने सदन से वॉकआउट किया।
प्रश्नकाल में भाजपा विधायक कृष्णमूर्ति बांधी ने जल जीवन मिशन के टेंडर में भ्रष्टाचार होने की बात कहते हुए मामले में मंत्री रूद्र कुमार से जवाब मांगा और जांच की मांग की। इस मुद्दे को लेकर भाजपा सदस्य बृजमोहन अग्रवाल, अजय चंद्राकर, धरमलाल कौशिक व शिवरतन शर्मा ने मंत्री से इस मामले में जांच की मांग की। सत्ता पक्ष की खैरागढ़ विधायक यशोदा वर्मा व संजारी बालोद की विधायक संगीता सिन्हा ने भी अपने-अपने क्षेत्र में ठेकेदार द्वारा की जा रही अनियमितता की जांच की मांग की। इस बीच नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा कि जल जीवन मिशन में हर जिले में भ्रष्टाचार हुआ है। इस योजना में 100 करोड़ का घपला हुआ है। आम जनता के धन की लूट हो रही है। नारायण चंदेल ने सदन की जांच कमेटी से मामले की जांच कराने की मांग की।
सावित्री मंडावी को विधायक पद की शपथ दिलाई
सत्र की शुरुआत में विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत ने सावित्री मंडावी को विधायक पद की शपथ दिलाई। इसके बाद छत्तीसगढ़ की पूर्व मंत्री लता उसेंडी के पिता व पूर्व विधायक मंगलाराम उसेंडी के निधन पर दुख जताया गया। नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने शोक जताते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी है।
कार्यमंत्रणा समिति की बैठक हुई
विधानसभा सभा सत्र शुरू होने के पहले विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत की अध्यक्षता में विधानसभा के समिति कक्ष में कार्यमंत्रणा समिति की बैठक हुई। इस बैठक में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल और संसदीय कार्य मंत्री रविन्द्र चौबे सहित समिति के सदस्य मौजूद रहे।