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0 चीफ सेक्रेटरी ने कहा-लोगों को सुरक्षित जगह शिफ्ट करेंगे
0 कल वैज्ञानिकों की टीम पहुंचेगी

जोशीमठ। उत्तराखंड के जोशीमठ के हालात को लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने रविवार को एक हाई लेवल मीटिंग की। एक्सपर्ट से बात करने के बाद बड़े रिस्क की आशंका जाहिर की गई है। मीटिंग में जिला प्रशासन से लोगों को जल्द से जल्द सुरक्षित जगह पर शिफ्ट कराने के लिए कहा गया है।

चीफ सेक्रेटरी एसएस संधू ने कहा कि हमारी कोशिश है कि बिना किसी नुकसान के लोगों को दूसरी जगह शिफ्ट कराया जाए। लैंडस्लाइड के कारणों का पता लगाने के लिए सोमवार को एक्सपर्ट की एक टीम जोशीमठ जाएगी।

उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक यह पता लगाने में लगे हैं कि लैंडस्लाइड को कैसे रोका जा सकता है। जल्द ही समाधान ढूंढ लिया जाएगा। इसके लिए जरूरी कदम उठाए जाने शुरू कर दिए गए हैं, हालांकि अभी के हालातों को देखते हुए लोगों को डेंजर जोन से निकालना ज्यादा जरूरी है।

मीटिंग में पीएमओ के सेक्रेटरी जनरल डॉ. पी के मिश्रा, कैबिनेट सेक्रेटरी और नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी के सदस्य शामिल हुए। जोशीमठ के प्रशासनिक अधिकारी भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मौजूद रहे। मीटिंग के बाद उत्तराखंड के चीफ सेक्रेटरी, डीजीपी, मुख्यमंत्री के सचिव आरके मीनाक्षी सुंदरम ने लैंडस्लाइड क्षेत्रों का जायजा लिया।

मोदी ने सीएम धामी से पूछा- कितने लोग प्रभावित हैं
इससे पहले, प्रधानमंत्री मोदी ने भी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को फोन कर इस मामले में जानकारी ली। धामी ने बताया कि पीएम ने कई तरह के प्रश्न पूछे जैसे कितने लोग इससे प्रभावित हुए हैं, कितना नुकसान हुआ, लोगों के विस्थापन के लिए क्या किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने जोशीमठ को बचाने के लिए हर संभव सहायता का आश्वासन दिया है।

जोशीमठ में किरायेदार घर छोड़कर भागे
वहीं, प्रशासन ने इलाके को डेंजर जोन घोषित किया है। प्रशासन की चेतावनी के बाद जोशीमठ के सिंगधर इलाके में किराए के मकान में रहने वाले लोग भाग चुके हैं। इस बीच एक किराए दार ने बताया कि यहां के हालात 'बहुत भयावह' हो गए हैं, जिसके कारण वे घर खाली कर रहे हैं। एक अन्य व्यक्ति गुरनाम सिंह पंवार ने कहा- मैं इस जगह को छोड़ना चाहता हूं क्योंकि मैं यहां बढ़ते लैंड स्लाइड से डरा हुआ हूं।

सीएम धामी के सामने बिलखकर रोए लोग
लोगों का दर्द बांटने के लिए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जोशीमठ पहुंचे। लोग उनके सामने बिलखकर रोने लगे। महिलाओं ने उन्हें घेर लिया। वे बोलीं- हमारी आंखों के सामने ही हमारी दुनिया उजड़ रही है, इसे बचा लीजिए। हमें अपने घरों में रहने में डर लग रहा है। इधर, चमोली जिला प्रशासन ने बताया- जोशीमठ के 9 वार्डों के 603 घरों में अब तक दरारें आई हैं। 66 परिवारों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया है।

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