0 कतर फीफा वर्ल्ड कप फाइनल में अर्जेंटीना से मिली थी हार
पेरिस। फ्रांस फुटबॉल टीम के कप्तान ह्यूगो लोरिस ने सोमवार को इंटरनेशनल फुटबॉल से संन्यास लेने की घोषणा कर दी। 36 साल के लोरिस 16 साल तक फ्रेंच टीम के साथ जुड़े रहे। उन्होंने 2018 में विश्व कप और 2020-21 में नेशंस लीग जीता। लोरिस ने नवंबर 2008 में 21 साल की उम्र में उरुग्वे के खिलाफ एक फ्रेंडली मैच से अंतरराष्ट्रीय डेब्यू किया था।
वह वर्ल्ड कप में फ्रांस के लिए सबसे ज्यादा मैच खेलने वाले खिलाड़ी भी हैं। उन्होंने लिलियन थुरम के 142 मैचों के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ा था। पिछले फीफा वर्ल्ड कप फाइनल में उतरने के साथ ही लोरिस ने फ्रांस के लिए 145वां मैच खेला।
फीफा वर्ल्ड कप 2022 के फाइनल तक पहुंचा था फ्रांस
लोरिस की कप्तानी में पिछले साल कतर में हुए फीफा वर्ल्ड कप में फ्रांस की टीम फाइनल में पहुंची। हालांकि, फाइनल में उसे पेनल्टी शूटआउट में अर्जेंटीना से हार का सामना करना पड़ा था। इस मैच में एक्स्ट्रा टाइम तक दोनों टीमों ने 3-3 गोल करके बराबरी हासिल की थी। पेनल्टी शूट आउट में अर्जेंटीना 4 गोल करने में सफल हुई, जबकि फ्रांस की टीम 2 ही गोल कर पाई। इस तरह फ्रांस को 2-4 से हार का सामना करना पड़ा।
लगातार दो वर्ल्ड कप फाइनल खेलने वाले चौथे कप्तान
लोरिस ने अपनी कप्तानी में फ्रांस को लगातार दूसरी बार फाइनल में पहुंचाया। वह दुनिया के चौथे कप्तान रहे जिसने यह कारनामा किया। लोरिस की कप्तानी में 2018 वर्ल्ड कप में फ्रांस विजेता रही, जबकि 2022 वर्ल्ड कप में रनरअप रही।
इससे पहले जर्मनी के कप्तान कार्ल हींज रुमेनिगे ने अपनी टीम को 1982 और 1986 वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंचाया था। हालांकि, उनकी टीम को दोनों ही बार हार का सामना करना पड़ा। वहीं डिएगो मारोडोना भी अर्जेंटीना को अपनी कप्तानी में 1986 और 1990 के फाइनल तक ले गए थे। 1986 में अर्जेंटीना ने खिताब अपने नाम किया, जबकि 1990 में उसे हार का सामना करना पड़ा था।