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0 1 फाइनल, 12 सेमीफाइनल गंवाने के बाद इतिहास में दूसरा आईसीसी टाइटल जीता
लंदन। साउथ अफ्रीका की क्रिकेट टीम ने 'चोकर्स' का दाग आखिरकार हटाकर 'वर्ल्ड चैंपियन' का टैग हासिल कर लिया। हटाया भी कैसे, तीनों फॉर्मेट में 8 बार की वर्ल्ड चैंपियन ऑस्ट्रेलिया को 'होम ऑफ क्रिकेट' द लॉर्ड्स में वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) का फाइनल हराकर। कप्तान टेम्बा बावुमा, बैटर ऐडन मार्करम और पेसर कगिसो रबाडा ने ऐतिहासिक जीत की इबारत लिखी।

1991 में 22 साल बैन के बाद क्रिकेट में वापसी करने वाले साउथ अफ्रीका ने इससे पहले तीनों फॉर्मेट के अलग-अलग वर्ल्ड कप में 1 फाइनल और 7 सेमीफाइनल गंवाए थे। डब्ल्यूटीसी से पहले टीम की इकलौती आईसीसी ट्रॉफी भी 1998 में चैंपियंस ट्रॉफी के रूप में आई। इस टूर्नामेंट में भी टीम ने 5 सेमीफाइनल गंवा दिए। 27 साल तक लगातार हार के बाद साउथ अफ्रीका को अब जाकर किसी आईसीसी टूर्नामेंट को जीतने की खुशी मिली।

वनडे वर्ल्ड कपः 6 सेमीफाइनल गंवाए, 1 भी फाइनल नहीं
1992 में आईसीसी टूर्नामेंट में अच्छी शुरुआत के बाद 1996 से 2015 तक टीम 6 में 5 बार नॉकआउट राउंड में पहुंची, लेकिन कभी क्वार्टर फाइनल तो कभी सेमीफाइनल हारकर बाहर हो गई। 2003 और 2019 में टीम नॉकआउट राउंड में नहीं पहुंच सकी। 2023 में साउथ अफ्रीका ने फिर कमबैक किया और सेमीफाइनल खेला, लेकिन ऑस्ट्रेलिया से हार गए। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टीम ने यह वनडे वर्ल्ड कप में तीसरा सेमीफाइनल गंवाया था। इसके अलावा टीम 2 बार न्यूजीलैंड और एक-एक बार वेस्टइंडीज और इंग्लैंड से भी नॉकआउट हारी। टीम ने एकमात्र नॉकआउट मैच 2015 में जीता, तब साउथ अफ्रीका ने क्वार्टर फाइनल में श्रीलंका को हराया था। हालांकि, इस टूर्नामेंट के भी सेमीफाइनल में टीम को हारकर बाहर होना पड़ गया।

टी-20 वर्ल्ड कपः भारत ने इकलौता फाइनल हराया
क्रिकेट के सबसे छोटे फॉर्मेट का वर्ल्ड कप जब 2007 में शुरू हुआ तो आईसीसी ने साउथ अफ्रीका को ही इसकी मेजबानी दे दी। टीम ने पहले ही मैच में वेस्टइंडीज को हरा दिया। सुपर-8 में भी टीम ने लगातार 2 मैच जीत लिए, लेकिन आखिरी मैच भारत से हारकर ग्रुप स्टेज से बाहर होना पड़ा। 2009 में साउथ अफ्रीका फिर सेमीफाइनल तक पहुंचा, लेकिन इस बार पाकिस्तान से हार गया। 2010 और 2012 में ग्रुप स्टेज से बाहर हुआ। 2014 में सेमीफाइनल तक पहुंच गया, लेकिन भारत से ही हारकर बाहर होना पड़ा। 2016 से 2022 तक टीम फिर ग्रुप स्टेज से ही बाहर हो गई और पिछले साल 2024 में पहली बार फाइनल में जगह बना ली। टीम ने अफगानिस्तान को सेमीफाइनल हराया और पहली बार टी-20 वर्ल्ड कप में कोई नॉकआउट मुकाबला जीता। साउथ अफ्रीका के पास भारत को हराकर चैंपियन बनने का मौका था। फाइनल में टीम को एक समय 30 गेंद पर महज 30 रन चाहिए था, लेकिन साउथ अफ्रीका को 7 रन से हार मिल गई।

चैंपियंस ट्रॉफीः खिताब के बाद 5 सेमीफाइनल गंवाए
1998 में आईसीसी ने पहली बार चैंपियंस ट्रॉफी के रूप में अपना दूसरा 50-ओवर टूर्नामेंट शुरू किया। इसका नाम कभी विल्स इंटरनेशनल तो कभी नॉकआउट ट्रॉफी हुआ, लेकिन अब इसे चैंपियंस ट्रॉफी के नाम से पहचाना जाता है। साउथ अफ्रीका ने इसमें शानदार प्रदर्शन किया और लगातार 3 नॉकआउट मैच जीतकर ट्रॉफी भी उठाई। जैक्स कैलिस प्लेयर ऑफ द मैच और प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट बने। यह साउथ अफ्रीका की सीनियर क्रिकेट टीम का 13 जून 2025 तक पहला और इकलौता आईसीसी खिताब रहा। इसके बाद टीम ने चैंपियंस ट्रॉफी में 7 बार हिस्सा लिया, लेकिन खिताब तो दूर फाइनल में पहुंचना भी नसीब नहीं हुआ। टीम ने 2000 और 2002 में भारत से लगातार 2 सेमीफाइनल गंवाए। 2006 में वेस्टइंडीज और 2013 में इंग्लैंड ने उन्हें सेमीफाइनल हराकर बाहर किया। साउथ अफ्रीका 2004, 2009 और 2017 में तो ग्रुप स्टेज भी पार नहीं कर सकी। पहले खिताब के बाद टीम ने चैंपियंस ट्रॉफी में 5 नॉकआउट मैच खेले, 4 सेमीफाइनल गंवाए। वहीं इंग्लैंड के खिलाफ एकमात्र क्वार्टर फाइनल भी साल 2000 में जीता। यानी टीम वर्ल्ड कप में 32 साल तो वहीं चैंपियंस ट्रॉफी में 26 साल से चोक करती आ रही है।