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0 24 दिन के सत्र में होंगी 14 बैठकें

रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा का बजट सत्र (16वां सत्र) 1 से 24 मार्च तक चलेगा। 24 दिन के इस सत्र में कुल 14 बैठकें होंगी। सत्र की शुरुआत 1 मार्च को सुबह 11.05 बजे राज्यपाल बिस्व भूषण हरिचंदन के अभिभाषण से होगी। राज्यपाल के अभिभाषण पर 3 मार्च को चर्चा होगी। इसका सीधा प्रसारण दूरदर्शन और आकाशवाणी से किया जाएगा। 6 मार्च को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल राज्य का बजट पेश करेंगे। सीएम बघेल के इस कार्यकाल का यह आखिरी बजट होगा। 

विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने मंगलवार को प्रेस वार्ता में मीडिया से चर्चा करते हुए बजट सत्र की जानकारी दी। डॉ. महंत ने बताया कि सत्र के पहले दिन अविभाजित मध्यप्रदेश विधानसभा के पूर्व सदस्य पुनीत राम साहू व राधेश्याम शर्मा के निधन पर उन्हें श्रद्धांजलि दी जाएगी। इसके बाद वित्तीय वर्ष 2022-23 के तृतीय अनुपूरक अनुमान पेश किया जाएगा। 2 मार्च को अनुपूरक अनुमान की अनुदान मांगों पर चर्चा की जाएगी। 

14 से 22 मार्च तक अनुदान मांगों पर चर्चा
डॉ. महंत ने बताया कि 13 मार्च को वित्तीय वर्ष 2023-24 के आय-व्यय पर सामान्य चर्चा होगी। वहीं 14 से 22 मार्च तक विभागवार अनुदान मांगों पर चर्चा की जाएगी। 23 मार्च को आय-व्ययक की मांगों से संबंधित विनियोग विधेयक पर चर्चा होगी। 

1590 प्रश्न लगे, 812 तारांकित प्रश्न 
डॉ. महंत ने बताया कि इस सत्र में सदस्यों ने कुल 1590 प्रश्न लगाए हैं। इनमें 812 तारांकित व 768 अतारांकित प्रश्न हैं। इनमें 1556 ऑनलाइन व 34 प्रश्न ऑफलाइन पूछे गए हैं। इस तरह कुल 97.86 प्रतिशत प्रश्न ऑनलाइन माध्यम से पूछे गए हैं। सत्र के दौरान दो संशोधन विधेयक पेश होंगे। अशासकीय संकल्प की कुल 9 सूचनाएं प्राप्त हुई हैं। वहीं एक अशासकीय विधेयक की सूचना है। ध्यानाकर्षण प्रस्ताव की 57 व शून्यकाल की 23 सूचनाएं प्राप्त हुई हैं। 

मोबाइल एप की लांचिंग आज 
विस अध्यक्ष डॉ. महंत ने बताया कि 1 मार्च को ही विधानसभा का एक एंड्रायड मोबाइल एप लांच किया जाएगा। इसके माध्यम से अब विधानसभा से संबंधित सूचना व डेटा तुरंत उपलब्ध हो जाएगा। एप के माध्यम से बजट की संपूर्ण जानकारी, प्रतिदिन की कार्यसूची, प्रश्नोत्तरी, पक्षक-भाग-1, पत्रक भाग-2, सभी की अशोधित कार्यवाही, प्रक्रिया एवं कार्य संचालन नियम, सदस्यों की जानकारी, राज्यपाल का अभिभाषण व बजट भाषण उपलब्ध उपलब्ध कराया जाएगा। 

सभी मंत्रियों के लिए नवीन कक्षों का लोकार्पण
डॉ. महंत ने बताया कि विधानसभा परिसर स्थित डी ब्लाक में सभी मंत्रियों के लिए निर्मित नवीन कक्षों का 1 मार्च को ही लोकार्पण किया जाएगा। मंत्रियों के लिए 10 करोड़ की लागत से कुल 14 कक्ष बनाए गए हैं। डॉ. महंत ने बताया कि नवा रायपुर में नया विधानसभा भवन का निर्माण किया जा रहा है। उन्होंने उम्मीद जताई कि विधानसभा का अगला सत्र नए भवन में लगने की उम्मीद है। 
 
1 लाख करोड़ से ज्यादा का हो सकता है
इस बार बजट 1 लाख करोड़ से ज्यादा का हो सकता है। सीएम भूपेश बघेल गृह विभाग, कृषि, स्वास्थ्य रोजगार, संबंधित विभागों के अलग-अलग मंत्रियों और अफसरों से रायशुमारी कर बजट का अंतिम स्वरूप तैयार कर चुके हैं ।

ई-बजट की थीम पर बजट पेश कर सकते हैं  
पिछली बार गोबर से बने सूटकेस के साथ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बजट सत्र में विधानसभा पहुंचे थे। इस बार चर्चा है कि ई-बजट की थीम पर बजट पेश किया जा सकता है। वित्त विभाग इसकी तैयारियों में जुटा हुआ है। ऐसा भी कहा जा रहा है कि मुख्यमंत्री अपना बजट भाषण सीधे टेबलेट से पढ़े और इसकी जानकारी अन्य सदस्यों को भी लैपटॉप स्क्रीन या टेबलेट के जरिए ही दी जाएगी। यह प्रयोग छत्तीसगढ़ की विधानसभा में पहली बार होगा।

पिछले साल 1 लाख 5 हजार करोड़ का बजट पेश किया था
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 1 लाख 5 हजार करोड़ का बजट पेश किया था। इसमें उन्होंने समाज के हर वर्ग को रखने की कोशिश की। बड़ी घोषणाओं में पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने की घोषणा के साथ शासकीय अधिवक्ताओं के मानदेय में वृद्धि और 6 नई तहसीलें बनाने की भी घोषणा रही । इस बजट में लोगों को राहत देते हुए कोई भी नया टैक्स नहीं लगाया गया था।

इस तरह एक लाख करोड़ तक पहुंचा बजट
मध्यप्रदेश से अलग होने के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने पहला बजट पेश किया था। 2001 में पहला बजट साढ़े तीन हजार करोड़ रुपये का था, जो अनुपूरक को मिलाकर पांच हजार 705 करोड़ रुपये का हुआ। वर्ष 2014-15 में बजट का आकार पहली बार 50 हजार करोड़ रुपये के पार पहुंचा। अनुपूरक को मिलाकर इसका कुल आकार 54 हजार 710 करोड़ रुपये हुआ। यह 2013-14 की तुलना में 24 प्रतिशत बड़ा था। 2018 में डॉ. रमन सिंह ने जब अपनी सरकार का अंतिम बजट पेश किया, तब इसका आकार 83 हजार 179 करोड़ रुपए तक पहुंच गया था। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 2019 में अपना पहला बजट 90 हजार करोड़ रुपये से अधिक का पेश किया। 2022-23 में इसका आकार एक लाख चार हजार करोड़ रुपये हो चुका है।

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