
0 जीडीपी 8% जो देश की जीडीपी से 1% ज्यादा
रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र के तीसरे दिन शुक्रवार को छत्तीसगढ़ के बजट सत्र के तीसरे दिन योजना मंत्री अमरजीत भगत ने छत्तीसगढ़ सरकार का आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया। राज्य की प्रति व्यक्ति आय अब एक लाख 33 हजार सालाना हो गई है। पिछले साल की तुलना में 10.93% की वृद्धि हुई है। वहीं प्रदेश का जीडीपी 8% है, जो देश की जीडीपी से 1% ज्यादा है। सर्वेक्षण में यह भी बताया गया कि प्रदेश में वर्तमान में 72.50 लाख से अधिक राशन कार्डधारी है।
मंत्री श्री भगत ने सदन में बताया कि वर्ष 2022-23 में आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार स्थिर मूल्य पर वर्ष 2022-23 में सकल राज्य घरेलू उत्पाद में वर्ष 2021-22 की तुलना में आठ प्रतिशत की वृद्धि अनुमानित है। कृषि एवं सम्बद्ध क्षेत्र (कृषि, पशुपालन, मत्स्य एवं वन) में 5.93 प्रतिशत वृद्धि, उद्योग (निर्माण, विनिर्माण, खनन एवं उत्खनन, विद्युत, गैस तथा जल आपूर्ति शामिल) में 7.83 प्रतिशत की वृद्धि और सेवा क्षेत्र में 9.21 प्रतिशत वृद्धि अनुमानित है। वर्ष 2022-23 में प्रति व्यक्ति आय बाजार मूल्य पर 133898 रुपए अनुमानित है, जबकि वर्ष 2021-22 में प्रति व्यक्ति आय 120704 रुपए थी। इस तरह वर्ष 2022-23 में प्रति व्यक्ति आय में 10.93 फीसदी की वृद्धि हुई है। साथ ही न्यूनतम बेरोजगारी दर वाले राज्य के राज्य के रूप में छत्तीसगढ़ राज्य की गिनती अग्रिम क्रम पर है।
रिपोर्ट में बताया कि उन्नत स्वास्थ्य सेवाएं छत्तीसगढ़ की पहचान बन रही है। वर्ष 2001-03 में मतृ मृत्यु दर 1 लाख प्रति जीवित जन्मों पर 379 थई, वह घटकर 137 हो गई। बढ़ते संस्थागत प्रसव और गिरते कुपोषण के कारण शिशु मृत्यु दर वर्ष 2022 में घटकर 38 रह गई है, जो राज्य निर्माण के वक्त प्रति एक हजार जीवित जन्म पर 77 था। रिपोर्ट में बताया गया कि छत्तीसगढ़ देश में एक मिलेट हब के रूप में अपनी पहचान बना रहा है। मोटे आनाजों और लघु अनाजों की पैदावार बढ़ाने से किसानों की आय में वृद्धि हो रही है। वहीं जन सामान्य का पूर्ण पोषण सुनिश्चित हो रहा है। छत्तीसगढ़ के 14 जिले मिलेट जिले के रूप में चिन्हांकित है। राज्य में मिलेट कैफे के माध्यम से नवीन रोजगार और पोषण की बढ़ावा दिया जा रहा है। छत्तीसगढ़ ने शिक्षा के क्षेत्र में नया कीर्तिमान स्थापित किया है। स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालय अंग्रेजी/हिंदी माध्यम से विद्यार्थियों को आधुनिक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दी जा रही है।
उद्योग क्षेत्र की भागीदारी 49.88 फीसदी
प्रदेश में जीडीपी में उद्योग क्षेत्र की भागीदारी में इजाफा हुआ है। इस क्षेत्र में खनन, विनिर्माण, विद्युत, जलापूर्ति और निर्माण क्षेत्र शामिल है। वर्ष 2012-13 से 2022-23 तक औसत वृद्धि 6.34 फीसदी दर्ज की गई। वर्ष 2011-12 में जहां जीडीपी (स्थिर भाव) में उद्योग क्षेत्र की भागीदारी 47.27 फीसदी थी, जो 2022-23 में बढ़कर 49.88 प्रतिशत संभावित है।
सेवा क्षेत्र की हिस्सेदारी घटी
छत्तीसगढ़ में सेवा क्षेत्र की हिस्सेदारी में भी इजाफा हुआ है। प्रदेश में सेवा क्षेत्र की हिस्सेदारी जीडीपी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए लगातार बढ़ रही है। इस क्षेत्र में व्यापार, होटल और जलपान गृह, स्थावर संपदा व अन्य सेवाएं शामिल हैं। वर्ष 2011-12 में जहां जीडीपी (स्थिर भाव) में सेवा क्षेत्र की हिस्सादारी 34.63 फीसदी थी, यह वर्ष 2022-23 में घटकर 33.21 फीसदी हो गई है।
राजस्व प्राप्ति 89073 25 करोड़ अनुमानित
वित्तीय वर्ष वर्ष 2022-23 में राजस्व प्राप्ति रू. 89073 25 करोड़ एवं राजस्व व्यय रू. 8,83,71.61 करोड़ अनुमानित है। इस प्रकार राजस्व घाटा रू. 701.64 करोड़ दर्शाता है। वित्तीय वर्ष 2022-23 के कुल कर राजस्व में 7.55 प्रतिशत वृद्धि अनुमानित है। गैर कर राजस्व में प्रमुख योगदान केन्द्र सरकार से प्राप्त सहायक अनुदानों का है। वर्ष 2022-23 के कुल गैर कर राजस्व प्राप्तियों में इसका योगदान 51.94 प्रतिशत अनुमानित है।
वर्ष 2021-22 में वैट (प्रान्तीय) कर संग्रहण से सितंबर 2021 तक 2,242.51 करोड़ रु प्राप्त हुआ, तथा 31 मार्च 2022 की स्थिति में 3.088.74 करोड रू प्राप्त हुआ। वर्ष 2022-23 में माह सितंबर 2022 तक 2.801.91 करोड़ रू. का राजस्व प्राप्त हो चुका है।
वर्ष 2021-22 में केन्द्रीय विक्रय कर संग्रहण से सितंबर 2021 तक 6.83 करोड रू. का राजस्व प्राप्त हुआ तथा 31 मार्च 2022 की स्थिति में 10.25 करोड़ रु. की राजस्व प्राप्ति हुई। साथ ही वर्ष 2022-23 में माह सितंबर 2022 तक 717 करोड़ रू. का राजस्व प्राप्त हो चुका है।
वर्ष 2021-22 में प्रवेश कर संग्रहण से सितंबर 2021 तक 15.06 करोड़ रु का राजस्व प्राप्त हुआ है, तथा 31 मार्च 2022 की स्थिति में 30.51 करोड़ रु. की राजस्व प्राप्ति हुई है। साथ ही वर्ष 2022-25 ग्रह ऐतवार 2022 तक 18.22 करोड़ रु. का राजस्व प्राप्त हो चुका है। वर्ष 2021-22 में स्थानीय कर संग्रहण से सितंबर 2021 तक 0.09 करोड रू. का राजस्व प्राप्त हुआ है। वर्ष 2021-22 म स्थानाथ कर संग्रहण सितंबर 2021 तक 0.09 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ है, तथा 31 मार्च 2022 की स्थिति में 24 रु की राजस्व प्राप्ति हुई है। साथ ही वर्ष 2022-23 में माह सितंबर 2022 तक 0.45 करोड़ रु का राजस्व प्राप्त हो चुका है।
जीएसटी संग्रहण
वर्ष 2021-22 एसजीएसटी संग्रहण माह सितंबर 2021 तक 3140.52 करोड़ रु. का राजस्व प्राप्त हुआ तथा आईएसजीएसटी संग्रहण से 1176.66 करोड़ रु का राजस्व प्राप्त हुआ। साथ ही क्षति पूर्ति के रूप में राज्य को 633.82 करोड़ राजस्व प्राप्त हुआ है।
वर्ष 2021-22 में एसजीएसटी संग्रहण से 31 मार्च 2022 तक 3,607.69 करोड़ रु. का राजस्व प्राप्त हुआ, तथा आईजीएसटी संग्रहण से 1,588.81 करोड़ रु. का राजस्व प्राप्त हुआ। साथ ही क्षतिपूर्ति के रूप में राज्य को 583.03 करोड का राजस्व प्राप्त हुआ है।
राज्य की बैंकिंग गतिविधियों में निरंतर वृद्धि हो रही है
छत्तीसगढ़ राज्य की बैंकिंग गतिविधियों में निरंतर वृद्धि हो रही है। जून 2022 की स्थिति में बैंक जमा राशि 2,14.42487 करोड़ है जो के जून 2021 की तुलना में 11.84. प्रतिशत अधिक है। इस संदर्भ अवधि में कृषि क्षेत्र में क्रेडिट (अग्रिम) में 20.06 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
सिंचाई योजनाएं
वर्तमान में मार्च 2022 की स्थिति में वृहद मध्यम एवं लघु सिंचाई योजनाओं से सृजित सिंचाई क्षमता 2147 हो गई है। वर्तमान में 08 वृहद 38 मध्यम, 2477 लघु सिंचाई योजनाएं तथा 30 नलकूप योजना एवं 806 एनीकट / स्टॉपडेम निर्मित है।
राज्य में मत्स्योत्पादन को बढ़ावा
राज्य में मत्स्योत्पादन समस्त स्त्रोत से वर्ष 2021-22 में 5.91,284 मे. टन किया गया जो गत वर्ष की तुलना में 2.42 प्रतिशत अधिक है। छत्तीसगढ़ राज्य में कुल 1.999 लाख हेक्टेयर जलक्षेत्र उपलब्ध है जिसमें से 1.961 लाख हेक्टेयर जलक्षेत्र मछली पालन अन्तर्गत विकसित किया जा चुका है, जो कुल जल क्षेत्र का 98.09 प्रतिशत है।
गोधन न्याय योजना
गोधन न्याय योजना के तहत नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा कुल 21647 पशुपालकों से 2354513.47 क्विटल गोबर की खरीदी किया जा चुका है। वर्तमान में कुल 5,82,361.024 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट, 24.781.768 क्विंटल गोकाष्ठ 2.06.79017 क्विंटल सुपर कम्पोस्ट तैयार किया जा चुका है तथा इनके विक्रय से कुल राशि रू. 24,72.98.4102 प्राप्त किया जा चुका है।
कोयले का उत्पादन 1.54. 120 हजार टन
31 मार्च 2022 की स्थिति में कोयले का उत्पादन 1.54. 120 हजार टन, लौह अयस्क का 41,313 हजार की 41,888 हजार टन बाक्साइट का 968 हजार टन तथा टिन का 26,383 किग्रा उत्पादन हुआ है।
राजस्व आय में खनिज विभाग का महत्वपूर्ण योगदान
विगत वर्ष 2021-22 में छत्तीसगढ़ राज्य का राजस्व आय में खनिज विभाग का महत्वपूर्ण योगदान रहा। वित्तीय वर्ष 2021-22 में मुख्य खनिज से 7.320.35 करोड़ रू. आय हुई, वहीं गौण खनिजों से इसी अवधि में 252.85 करोड़ रु. आय हुई है। राज्य की खनिज राजस्व आय मूलतः कोयला एवं लौह अयस्क से ही प्राप्त होती है।
राज्य में सुनियोजित विकास के लिये वर्तमान में औद्योगिक नीति 2019-24 अपनायी गई है। राज्य में वर्ष 2021-22 में लगभग 19,725 करघों पर लगभग 59,175 बुनकर प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार में सलग्न है।
17953.18 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन
राज्य शासन के अधीन विद्युत संयंत्रों द्वारा वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान 17953.18 मिलियन यूनिट (तापीय 17515.518 जलीय 431.39 एवं अन्य सह-उत्पादन 6.270 मिलियन यूनिट), विद्युत का उत्पादन किया गया। अक्टूबर 2022 की स्थिति में कुल स्थापित क्षमता 2984.70 मेगावाट है। इसमें 2.840 विद्युत 1387 बालविद्युत तथा 6 मेगावाद अन्य (सह-उत्पा) की स्थापित क्षमता है वर्ष 2021-22 में कारण हानि का प्रतिशत 18.13 रहा।
हॉफ बिजली बिल स्कीम अंतर्गत वर्ष 2021-22 में सितंबर 2021 तक राज्य के लगभग 41.94 लाख उपभोक्ताओं को रू. 548.77 करोड़ की छूट दी जा चुकी है।
13.55 लाख परिवारों को रोजगार
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना अंतर्गत अंतर्गत वर्ष 2022-23 में सितम्बर तक 13.55 लाख परिवारों को रोजगार, 325.67 लाख मानव दिवस सृजित, महिलाओं का प्रतिशत 52 है। वर्ष 2022-23 में सितम्बर तक 6185 परिवारों को 100 दिवस का राजगार।
ग्रामीण क्षेत्रों में 2,82,335 हैण्डपम्प स्थापित
वर्ष 2022-23 2005 में राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों के 19,678 ग्रामों के 75,233 बसाहटों में 261.042 हैंडपंप, शालाओं में 16,716 एवं आंगनबाडी केन्द्रों में 14,577 हैण्डपम्प इस प्रकार कुल 2,82,335 हैण्डपम्प स्थापित कर शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है।
जल जीवन मिशन के अंतर्गत वर्ष 2022-23 में सितंबर 2022 की स्थिति में कुल 4,83,034 परिवारों को घरेलू ल कनेक्शन के माध्यम से पेयजल उपलब्ध कराया गया है।