नई दिल्ली। लोकसभा में भारतीय लोकतंत्र को अपमानित करने और हिंडनबर्ग रिपोर्ट को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई।
एक बार स्थगन के बाद दो बजे जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई विपक्षी सदस्य नारे लगाते हाथों में तख्तियां लेकर आसन के सामने आकर हंगामा करने लगे। इसके जवाब में सत्ता पक्ष की तरफ से भी नारेबाजी होने लगी। पीठासीन अधिकारी डॉक्टर किरीट प्रेमभाई सोलंकी ने हंगामे के बीच ही ज़रूरी काग़ज़ात सदन के पटल पर रखवाए।
श्री सोलंकी में सदस्यों को अपने-अपने स्थान पर जाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि इस तरह तख्तियाँ लेकर सदन में आना शोभा नहीं देता है। पीठासीन अधिकारी के आग्रह के बावजूद हंगामा नहीं रुका तब उन्होंने सदन को दिनभर के लिए स्थगित कर दिया।
इससे पहले लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सुबह 11 बजे जैसे ही प्रश्नकाल शुरू किया विपक्षी सदस्य नारे लगाते हुए और हाथों पर तख्तियां लेकर आसन के सामने आकर हंगामा करने लगे। जवाब में सत्ता पक्ष की तरफ से भी नारेबाजी होने लगी।
सत्ता पक्ष और विपक्ष के सदस्यों की तरफ से सदन में नारेबाजी के साथ सदन में हंगामा होने लगा तो अध्यक्ष ने सदस्यों से शांत रहने और सदन की मर्यादा का पालन करने का आग्रह किया। विपक्षी सदस्यों को उन्होंने सख्तियां नहीं लहराने की चेतावनी दी, लेकिन उनके बात का सदस्यों पर कोई असर नहीं हुआ।
अध्यक्ष की बात का हंगामा कर रहे सदस्यों पर कोई असर नहीं हुआ और वे तख्तियां लहराते रहे और नारेबाजी करते रहे। हंगामा बढ़ने पर श्री बिरला ने सदन की कार्यवाही दो बजे तक स्थगित कर दी थी।