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0 तीन लाख से ज्यादा कर्मचारियों ने कोई विकल्प नहीं दिया 

रायपुर। छत्तीसगढ़ में ओल्ड पेंशन स्कीम (ओपीएस) लागू होने के बाद विधानसभा में दिए गए जवाब में नया खुलासा हुआ है। छत्तीसगढ़ में 10 फरवरी 2023 की स्थिति में सिर्फ 857 एनपीएस कर्मचारी ने ओल्ड पेंशन स्कीम के लिए सहमति दी है। एक कर्मचारी ने एनपीएस में बने रहने की सहमति दी है। 309197 कर्मचारी-अधिकारियों ने अब तक कोई विकल्प नहीं दिया है।

पूर्व नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने अपने लिखित सवाल में पूछा कि प्रदेश सरकार द्वारा शासकीय कर्मचारी और अधिकारियों के लिए एनपीएस के स्थान पर ओपीएस कब से प्रारंभ की गई है। इसके प्रमुख प्रावधान क्या हैं? क्या प्रदेश के कर्मचारी और अधिकारी संगठनों ने इस योजना में प्रावधानों की अस्पष्टता/भ्रांति या अन्य मुद्दों/कमियों को लेकर आवेदन दिए हैं? यदि हां तो उनमें प्रमुख तथ्य क्या थे और उस पर क्या कार्यवाही की गई?

सीएम भूपेश बघेल ने अपने लिखित जवाब में बताया कि छत्तीसगढ़ शासन वित्त विभाग की अधिसूचना दिनांक 11 मई 2022 के द्वारा दिनांक 01.11.2004 से 31.03.2022 के मध्य नियुक्त राज्य के सभी शासकीय कर्मचारी और अधिकारियों के लिए एनपीएस के स्थान पर ओपीएस पेंशन योजना दिनांक 01.11.2004 से प्रारंभ की गई है।

पुरानी पेंशन योजना यथा छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (पेंशन) नियम 1976 और छत्तीसगढ़ (कार्यभारित तथा आकस्मिकता से वेतन पाने वाले कर्मचारी) पेंशन नियम 1979 के अंतर्गत सेवानिवृत्त हेन वाले शासकीय सेवकों के लिए पेंशन, उपदान तथा पेंशन सारांशीकरण का और शासकीय सेवक की मृत्यु पर परिवार पेंशन, उपदान प्रदाय किए जाने का प्रावधान है।

प्रदेश के कर्मचारी और अधिकारी संगठन से इस योजना के प्रावधानों के संबंध में आवेदन प्राप्त हुआ है। (अ) छत्तीसगढ़ अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन द्वारा पुरानी पेंशन योजना/नवीन पेंशन योजना के विकल्प चयन में भ्रांति उत्पन्न होने एवं विकल्प चयन के लिए निर्धारित तिथि में एक माह की वृद्धि करने का अनुरोध किया गया है।

(ब) छत्तीसगढ़ शालेय शिक्षक संघ के द्वारा पेंशन के लिए सेवा की गणना कब से की जाएगी, इसके प्रावधान नष्ट न होने का लेख करते हुए विकल्प भरने की प्रक्रिया स्थगित करने का अनुरोध किया है। इसके आधार पर (अ में) ओपीएस योजना लागू किए जाने के उपरांत ओपीएस/एनपीएस चयन में आ रही भ्रांतियों के निराकरण के संबंध में छत्तीसगढ़ शासन सामान्य प्रशासन विभाग के पत्र क्रमांक 6-4/2019/1-8 दिनांक 09.02.2023 के परिपालन द्वारा दिनांक 09.02.2023, 13.02.2023 और 14.02.2023 को मंत्रालय में और 09.02.2023 को विभागाध्यक्ष कार्यालयों के लिए इंद्रावती भवन स्थित ऑडिटोरियम में कार्यशाला का आयोजन किया गया।

इसके अतिरिक्त समस्त जिला मुख्यालयों में व आवश्यक होने पर जहां कर्मचारियों की संख्या अधिक है, वहां उनके कार्यालयों में भी कार्यशाला का आयोजन किया गया।

राज्य शासन द्वारा वित्त निर्देश 09/2023 के माध्यम से विकल्प भरने की समय सीमा में वृद्धि कर दिनांक 05.03.2023 निर्धारित की गई है. (ब) शालेय शिक्षक संघ द्वारा प्रस्तुत आवेदन जिसमें उनके द्वारा सेवा की गणना कब से की जाएगी की अस्पष्टता के संबंध में पेंशन नियम के प्रावधानों में स्पष्ट है कि उनकी सेवा जिस दिनांक से वे शासकीय सेवा में संविलयित हुए हैं, उसी दिनांक से उनकी सेवाओं की गणना पेंशन हेतु की जाएगी।

कौशिक ने पूछा कि दिनांक 10.02.2023 की स्थिति में कितने एनपीएस कर्मचारी और अधिकारियों द्वारा ओपीएस के लिए सहमति दी गई है। कितने कर्मचारी और अधिकारी द्वारा एनपीएस में बने रहने की सहमति दी गई है। कितने कर्मचारी व अधिकारियों द्वारा कोई विकल्प नहीं दिया गया है। सीएम ने बताया कि 857 एनपीएस कर्मचारी और अधिकारी ने ओपीएस के लिए सहमति दी है. एक कर्मचारी और अधिकारी ने एनपीएस में बने रहने की सहमति दी है। 309197 कर्मचारी और अधिकारी द्वारा कोई विकल्प नहीं दिया गया है।

कौशिक ने पूछा कि ओपीएस की सहमति देने वाले कर्मचारी और अधिकारियों के एनपीएस खाते में नियमित राशि प्रति माह जमा नहीं होने पर उनके खाते को नियमित/जीवित रखने हेतु एनपीएस में क्या प्रावधान है? सीएम ने बताया कि इस संबंध में पीएफआरडीए (PFRDA) अधिनियम में खाते अप्रचलित होने संबंधी प्रावधान नहीं है।