
0 राज्य सरकार हर साल दे रही बैंक गारंटी
रायपुर। छत्तीसगढ़ मार्कफेड पर 30292 करोड़ का कर्ज है। इसके एवज में हर साल करोड़ों रुपए का ब्याज चुकाना पड़ता है। राज्य सरकार हर साल बैंक गारंटी देती है, जिसके आधार पर मार्कफेड कर्ज लेता है। वहीं, नागरिक आपूर्ति निगम ने मार्कफेड का 5522 करोड़ रुपए नहीं लौटाए हैं। विधानसभा में शुक्रवार को विधायक अजय चंद्राकर द्वारा पूछे गए एक लिखित सवाल के जवाब में अमरजीत भगत ने यह जानकारी दी।
अजय चंद्राकर ने पूछा कि एक दिसंबर 2018 से 31 जनवरी 2023 तक छत्तीसगढ़ मार्कफेड द्वारा किन-किन खरीफ विपणन वर्षों में कितनी राशि की राज्य सरकार से बैंक गारंटी ली गई है? मार्कफेड द्वारा किन-किन संस्थाओं से कितनी अवधि के लिए, कितनी ब्याज दर पर कितनी राशि का कर्ज लिया गया है?
खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने अपने लिखित जवाब में बताया कि मार्कफेड ने 2018-19 में 11 हजार करोड़, 2019-20 में 15000 करोड़, 2020-21 में 15 हजार करोड़, 2021-22 में 14700 करोड़ और 2022-23 में 14700 करोड़ की बैंक गांरटी राज्य सरकार से ली है।
मार्कफेड ने 2018-19 में 14786 करोड़, 2019-20 में 14850 करोड़, 2021-22 में 17100 करोड़, 2021-22 में 17350 करोड़ और 2022-23 में 19209 करोड़ कर्ज लिया है।
श्री चंद्राकर ने फिर पूछा कि इस साल 31 जनवरी की स्थिति में छत्तीसगढ़ मार्कफेड पर कुल कितनी राशि का ऋण है और कितनी राशि का ब्याज भुगतान प्रतिमाह या प्रतिवर्ष करती है?
खाद्य मंत्री ने बताया कि 31 जनवरी 2023 की स्थिति में छत्तीसगढ़ मार्कफेड पर 30292.52 करोड़ रुपए का कर्ज है। मार्कफेड द्वारा 2019-20 में 821.48 करोड़, 2020-21 में 945.03 करोड़, 2021-22 में 844.99 करोड़ और 2022-23 (3 माह का ब्याज) 374.12 करोड़ रुपए भुगतान किया गया है।
इसके बाद चंद्राकर ने पूछा कि वित्तीय वर्ष 2019-20, 2020-21, 2021-22 और 2022-23 में राज्य सरकार ने राज्य पूल में चावल हेतु मार्कफेड को कितना धान दिया था और कितनी मात्रा में चावल प्राप्त हुआ। उसका कितना भुगतान मार्कफेड को किया गया। क्या बकाया राशि का भुगतान ब्याज के साथ किया जाता है?
खाद्य मंत्री ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2019-20, 2020-21, 2021-22 और 2022-23 में राज्य सरकार ने राज्य पूल में चावल हेतु मार्कफेड को धान प्रदाय नहीं किया गया है। राज्य शासन द्वारा प्रदेश में धान उपार्जन के लिए विपणन संघ को अधिकृत किया गया है। विपणन संघ द्वारा राज्य पूल में नागरिक आपूर्ति निगम की चावल की आवश्यकता के अनुरूप मिलरों के माध्यम से कस्टम मिलिंग करा कर चावल जमा किया जाता है। खरीफ वर्ष 2019-20 में राज्य पूल में 4.90 लाख टन चावल जमा है। इस वर्ष में नान ने विपणन संघ को 1245.14 करोड़ राशि प्रदान की है। 314.77 करोड़ राशि प्राप्ति हेतु शेष है। 2020-21 में राज्य पूल में जमा चावल की मात्रा 6.19 लाख टन है. नान ने 1808.70 करोड़ राशि प्रदान की है। 202.19 करोड़ राशि शेष है।
2021-22 में 5.53 लाख टन चावल जमा है। 1239.24 करोड़ राशि नान ने प्रदान की है। 716.29 करोड़ शेष है। इसी तरह 2022-23 में 6.15 लाख टन चावल राज्य पूल में जमा है. नान ने विपणन संघ को 1283.84 करोड़ राशि प्रदान की है। अभी 4289.36 करोड़ राशि शेष है। खाद्य मंत्री ने बताया कि भारत सरकार द्वारा जारी प्रावधिक सीएमआर दर से राशि की प्राप्ति परिदान किए गए चावल पर प्राप्त होता है। अंतिम सीएमआर दर निर्धारित होने के बाद अंतर की राशि का ब्याज भुगतान विपणन संघ को प्राप्त नहीं होता।