
रायपुर। छत्तीसगढ़ में अनुसूचित जनजाति की बच्चियों व महिलाओं के साथ अपराध के मामले में छत्तीसगढ़ देश में तीसरे स्थान पर है, जबकि अनुसूचित जाति के मामले में छत्तीसगढ़ छठवें स्थान पर है। यह बात शुक्रवार को विधानसभा में एक लिखित सवाल के जवाब में गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने कही।
मस्तूरी विधायक डॉ. कृष्णमूर्ति बांधी ने अपने लिखित सवाल में पूछा कि प्रदेश में जनवरी 2021 से नवंबर 2022 अवधि में अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति वर्ग की कितनी बच्ची व महिलाओं के विरुद्ध दुराचार की घटना हुई है। इस प्रकार की घटनाओं में पीड़िता को कितनी राशि मुआवजा/सहायता/राहत के लिए प्रदान करते के प्रावधान हैं. गृहमंत्री ने बताया कि प्रश्नाधीन अवधि में प्रदेश में अनुसूचित जाति वर्ग की बच्ची व महिलाओं के विरुद्ध दुराचार की 258 और अनुसूचित जनजाति वर्ग की बच्चियों व महिलाओं के विरुद्ध दुराचार के 463 घटनाएं हुई हैं।
गृहमंत्री ने बताया कि इस प्रकार की घटनाओं में पीड़िता को चार लाख रुपए तीन किस्तों में (अपराध पंजीबद्ध होने के बाद प्रथम किस्त के रूप में स्वीकृत राशि का 50 प्रतिशत राशि, चालान पेश होने के बाद द्वितीय किस्त के रूप में 25 प्रतिशत राशि और आरोपी के दोषसिद्ध होने पर 25 प्रतिशत राशि) देने का प्रावधान है।
डॉ. बांधी ने पूछा कि कितनी पीड़िताओं को राशि प्रदान की गई है और कितनी लंबित है। गृहमंत्री ने बताया कि अनुसूचित जाति व जनजाति के 750 मामलों में 1623.18 लाख राशि प्रदान की गई है। शेष नहीं है। डॉ. बांधी ने पूछा कि कितनी पीड़िता 10 वर्ष से कम आयु की हैं। इन वर्ग की बच्चियों व महिलाओं के साथ घटनाएं न हों, इसलिए क्या उपाय किए गए हैं।
गृहमंत्री ने बताया कि 10 वर्ष से कम आयु की 10 पीड़िता है। गृहमंत्री ने बताया कि अनुसूचित जाति व जनजाति की बच्चियों व महिलाओं के साथ दुराचार की घटना न हो इसलिए प्रदेश के 6 जिलों में महिला विरुद्ध अपराध अनुसंधान ईकाई की स्थापना की गई है। पीड़िताओं को त्वरित न्याय दिलाने के लिए प्रदेश के चार जिलों में महिला थाना संचालित है। महिलाओं से संबंधित लैंगिक उत्पीड़न के प्रकरणों की समयावधि में जांच कार्यवाही पूर्ण करने के लिए ITSSO के माध्यम से मॉनिटरिंग की जा रही है।
महिलाओं एवं बेटियों की सुरक्षा के लिए अभिव्यक्ति एप के माध्यम से महिला व बच्चियों को अपने सुरक्षा हेतु जागरूक कर स्कूल, कॉलेज, मॉल व सार्वजनिक स्थानों पर प्रचार प्रसार किया जा रहा है। इस एप के माध्यम से पीड़ित पक्ष किसी भी स्थान पर पैनिक बटन दबाकर तत्काल पुलिस सुरक्षा प्राप्त कर सकती है। इसी एप के माध्यम से ऑनलाइन अपनी शिकायत भी दर्ज करा सकती है।
डॉ. बांधी ने अनुसूचित जाति व जनजाति की बच्चियों और महिलाओं के साथ होने वाले अपराध के मामलों में देश में छत्तीसगढ़ की स्थिति की जानकारी मांगी। इस पर गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने बताया कि एनसीआरबी की 2021 की रिपोर्ट के मुताबिक देश में प्रति लाख जनसंख्या के आधार पर अनुसूचित जनजाति की बच्चियों व महिलाओं के साथ होने वाले अपराध के छत्तीसगढ़ का तीसरा स्थान है। वहीं अनुसूचित जाति की बच्चियों व महिलाओं के साथ होने वाले अपराध में छत्तीसगढ़ का छठवां स्थान है। एनसीआरबी का 2022 का आंकड़ा नहीं आया है।