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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को भोपाल के रानी कमलापति स्टेशन से मध्य प्रदेश की पहली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन का शुभारंभ करेंगे जो नयी दिल्ली तक चलेगी। श्री मोदी इससे पहले भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे हाॅल में संयुक्त कमांडर सम्मेलन-2023 में भी सम्मिलित होंगे।

प्राप्त जानकारी के अनुसार श्री मोदी देश के पहले निजी डेवलपर द्वारा विकसित एवं परिचालित रेलवे स्टेशन रानी कमलापति स्टेशन पर अपराह्न सवा तीन बजे आयोजित एक कार्यक्रम में भोपाल दिल्ली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर उसका शुभारंभ करेंगे।

यह गाड़ी शनिवार को छोड़कर सप्ताह के छह दिन चलेगी। सुबह करीब साढ़े पांच बजे रवाना हो कर सवा/डेढ़ बजे दिल्ली पहुंचेगी और वापसी में ढाई अथवा पोने तीन बजे चल कर रात में करीब सवा दस बजे रानी कमलापत स्टेशन पहुंचेगी। रास्ते में यह ट्रेन वीरांगना लक्ष्मीबाई झाँसी, ग्वालियर और आगरा स्टेशनों पर ठहरेगी। पश्चिम मध्य रेल को इस ट्रेन के परिचालन और रखरखाव का जिम्मा सौंपा गया है।

जानकारों के मुताबिक यह देश की यह 11वीं वंदे भारत एक्सप्रेस ऐसी पहली वंदे भारत एक्सप्रेस होगी जो दिल्ली से आगरा सेक्शन पर 160 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति से दौड़ सकेगी। इससे पहले 10 वंदे भारत एक्सप्रेस गाड़ियों की अधिकतम गति 130 किलोमीटर प्रतिघंटा है।

वंदे भारत एक्सप्रेस ने देश में यात्रियों के यात्रा-अनुभव को पुनर्भाषित कर दिया है। यह देश की ग्यारहवीं वंदे भारत एक्सप्रेस होगी। स्वदेशी स्तर पर वंदे भारत एक्सप्रेस को डिजाइन किया गया है, जो उत्कृष्ट यात्रा सुविधाओं से लैस हैं। इस रेलगाड़ी से सभी यात्रियों को तेज, आरामदेह और सुविधाजनक यात्रा का अनुभव होगा, क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा और आर्थिक विकास को प्रोत्साहन मिलेगा।

वंदे भारत एक्सप्रेस में कुल 16 कोच हैं। इनमें 14 कोच एसी चेयरकार और दो एग्जीक्यूटिव क्लास कोच है। इसमें 1128 सीटें यात्रियों के लिए उपलब्ध रहेंगी।
सैन्य कमांडरों का तीन दिवसीय सम्मेलन 30 मार्च से एक अप्रैल, 2023 तक आयोजित किया जायेगा। सम्मेलन की विषयवस्तु ‘रेडी, रीसर्जन्ट, रेलेवेंट’ है। सम्मेलन के दौरान सशस्त्र बलों की युद्धभूमि की संयुक्त तैयारियों के मद्देनजर विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की जायेगी। सशस्त्र बलों की तैयारी और ‘आत्मनिर्भरता’ प्राप्त करने की दिशा में रक्षा इकोसिस्टम की प्रगति की भी समीक्षा की जायेगी।

सम्मेलन में तीनों सशस्त्र बलों के कमांडर और रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी हिस्सा लेंगे। थलसैनिकों, नौसैनिकों और वायुसैनिकों के साथ समावेशी और अनौपचारिक बातचीत भी होगी। ये सभी चर्चाओं में योगदान करेंगे।