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0 लोगों के रोकने पर भी नहाने गए, नाव वालों ने रस्सी के सहारे निकाला

खंडवा। ओंकारेश्वर तीर्थ में रविवार सुबह नौ बजे नर्मदा नदी में नहाने गए 20 से ज्यादा श्रद्धालु लहरों में फंस गए। उन्होंने नदी के बीच में एक चट्टान को पकड़ लिया। यह सब देख नाव वाले बोट लेकर नदी उनके पास पहुंचे और लाइफ जैकेट पहनाकर रस्सी के सहारे महज 15 से 20 मिनट में ही बाहर निकाल लिया।

बांध पर बनी ओंकारेश्वर विद्युत परियोजना के चार टर्बाइन चल रहे थे। इन्हीं टर्बाइन से रविवार सुबह नर्मदा में एक-एक घंटे के अंतराल से पानी छोड़ा जाना था। इसके लिए बांध प्रशासन ने पानी छोड़ने से पहले सायरन बजाकर लोगों को नदी में न उतरने के लिए कहा। इसके बावजूद 20 से ज्यादा श्रद्धालु नदी में नहाने उतर गए। लोग आवाज देकर उन्हें रोकते रहे, लेकिन वे नहीं माने।

नहाते-नहाते वे नदी में आगे बढ़ गए। अचानक नदी में पानी बढ़ने लगा, इससे वे घबरा गए और मदद के लिए चिल्लाने लगे। नदी में फंसे लोगों ने अलग-अलग चट्‌टानें पकड़ ली। उनकी चीख-पुकार सुनकर नदी किनारे खड़े नाविक अपनी बोट लेकर नदी में पहुंचे। तेज धार में वे नदी में कूद और रस्सियों के सहारे उन्हें बोट पर चढ़ाकर लाइफ जैकेट पहनाएं और 4-4 का ग्रुप बनाकर उन्हें बाहर निकाला। पुलिस ने बताया- नदी की धार में फंसने वालों में 14 युवाओं का एक ग्रुप महाराष्ट्र से आया था। एसडीएम चंदर सिंह सोलंकी ने बताया कि 20 से ज्यादा श्रद्धालुओं को रेस्क्यू किया गया है। हालांकि, नाविकों ने 40 से ज्यादा श्रद्धालुओं के रेस्क्यू का दावा किया है।

पानी कम था, नहाते-नहाते बीच में पहुंच गए
नदी में फंसे भगौरा (पातालपानी) के रवि चौहान ने बताया- जब हम नहाने के लिए नदी में उतरे तो पानी कम था। इसलिए नहाते-नहाते बीच नदी में पहुंच गए थे। अचानक नदी पानी आ गया तो किनारे जाने के लिए बढ़े, लेकिन धार तेज होने की वहज से हम लौट नहीं पाए और पत्थर पकड़कर वहीं खड़े हो गए।

पहले लाइफ जैकेट दी, फिर रस्सी के सहारे नाव पर चढ़ाया
श्रद्धालुओं को रेस्क्यू करने वाले विनोद केवट ने बताया मैं, मेरा भाई शैलू केवट और भतीजा समेत चार लोग नाव लेकर गए। दूसरे लोग भी नाव लेकर पहुंचे। सबसे पहले हमने उन्हें लाइफ जैकेट दी, फिर रस्सी के सहारे नाव में चढ़ाया। एक बार में 11, दूसरी बार में 7 से 8 लोगों को बचाकर लेकर आए।

महाकाल लोक से ओंकारेश्वर भी पहुंचते हैं श्रद्धालु
उज्जैन में महाकाल लोक बन जाने के कारण रोजाना बड़ी संख्या में वहां श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। यही श्रद्धालु ओंकारेश्वर भी दर्शन करने के लिए आ रहे हैं। इन दिनों नदी में पानी कम है। ऐसे में श्रद्धालु नदी के बीच चट्‌टानों पर जाकर बैठ जाते हैं। इसी बीच जब कभी बांध से पानी छोड़ा जाता है, तो श्रद्धालुओं को वहां से हटाया जाता है।