नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य सेवा के लिए एक व्यापक और एकीकृत दृष्टिकोण पर जोर देते हुए सोमवार को कहा कि विश्व और जन कल्याण के लिए निरोग काया आवश्यक है।
श्री धनखड़ ने यहां विश्व होम्योपैथी दिवस के अवसर पर आयोजित एक समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि समाज में एक नयी समस्या उभर रही है। प्रत्येक व्यक्ति तनाव और चिंता से ग्रस्त है। इसका समाधान तलाशा होगा। उन्होंने स्वस्थ शरीर पर बल देते हुए कहा, “ कौशल, प्रतिभा, योग्यता, सब अर्थहीन हैं, यदि काया रोगी है, राष्ट्र निर्माण में तभी योगदान दे पाएंगे जब आप स्वस्थ होंगे।
उप राष्ट्रपति ने कहा कि हर नागरिक को 24 घंटे में से एक घंटा शरीर को स्वस्थ रखने के लिए देना चाहिए। लोग स्वस्थ रहेंगे तो भारत स्वस्थ रहेगा। प्रगति की रफ़्तार में गति आयेगी। उन्होंने कहा कि विश्व और जन कल्याण के लिये स्वस्थ रहना अनिवार्य है। हमारे ऋषि-मुनि कह गए हैं, “पहला सुख निरोगी काया।
उन्होंने कोविड का मुकाबला करने में होम्योपैथी की भूमिका का उदाहरण दिया और कहा कि होम्योपैथी ने महामारी का मुकाबला करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने कहा कि भारत को “विश्व की फार्मेसी” कहा जाता है, और इसका श्रेय भारत की गुणवत्ता, आश्वासन और प्रतिबद्धता को जाता है।
विश्व होम्योपैथी दिवस के अवसर पर केंद्रीय होम्योपैथी अनुसंधान परिषद ने एक दिवसीय वैज्ञानिक सम्मेलन का आयोजन किया। सम्मेलन का विषय “ होमियो परिवार – सर्वजन स्वास्थ्य, एक स्वास्थ्य, एक परिवार ” था।
इस अवसर पर आयुष सर्बानंद सोनोवाल ने दवाओं की आयुष प्रणाली को बढ़ावा देने की पहल का उल्लेख किया और कहा कि कि चिकित्सा प्रणालियों में अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।
आयुष राज्य मंत्री डॉ. मुंजपारा महेंद्रभाई ने कहा कि निवारक देखभाल के साथ-साथ बीमारियों के शीघ्र निदान और उपचार के महत्व को समझने की आवश्यकता है।
उद्घाटन समारोह के बाद श्री सोनोवाल और डॉ. मुंजपारा की अध्यक्षता में “होम्योपैथी के विकास में नीतिगत पहलू” पर एक सत्र हुआ।