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श्रीनगर। केन्द्रीय परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नीतिन गडकरी ने सोमवार को रणनीतिक रुप से महत्वूपूर्ण सुरंगों के काम का जायजा लेने के लिए जोजिला दर्रे और सोनमर्ग का दौरा किया।
ज़ोजिला सुरंग और जेड-मोड़ सुरंगें कश्मीर और लद्दाख क्षेत्र के बीच साल भर संपर्क सुनिश्चित करने के लिए एक रणनीतिक परियोजना का हिस्सा हैं। यह मार्ग भारी बर्फबारी के कारण सर्दियों के दौरान बंद रहता है।
श्री गडकरी के साथ निरीक्षण के दौरान जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और सड़क परिवहन एवं राजमार्ग पर संसदीय सलाहकार समिति के सदस्य भी थे।
अधिकारी ने कहा कि 6.5 किलोमीटर जेड- मोड सुरंग पर काम साल के अंत तक पूरा हो जाएगा तथा तेरह किलोमीटर लंबी जोजिला सुरंग पर काम 2026 तक पूरा होने की उम्मीद है। जोजिला सुरंग देश में सबसे लंबी सड़क सुरंग है।
केन्द्रीय मंत्री ट्वीट्स की एक श्रृंखला में कहा कि केन्द्र सरकार ने ज़ोजिला सुरंग परियोजना में आधुनिक तकनीक के उपयोग से 5000 करोड़ रुपये बचाए हैं। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में 25 हजार करोड़ रुपये की लागत से 19 सुरंगों का निर्माण किया जा रहा है।
ट्वीट में कहा गया है कि इसके तहत जोजिला में 6800 करोड़ रुपये की लागत से 13.14 किलोमीटर लंबी सुरंग एवं अप्रोच रोड का निर्माण कार्य प्रगति पर है। यह 7.57 मीटर ऊंची घोड़े की नाल के आकार की सिंगल ट्यूब, 2-लेन सुरंग है, जो कश्मीर में गांदरबल और लद्दाख के कारगिल जिले के द्रास शहर के बीच हिमालय में जोजिला दर्रे के नीचे से गुजरेगी।
उन्होंने कहा कि परियोजना में एक स्मार्ट टनल (एससीएडीए) प्रणाली शामिल है, जिसका निर्माण न्यू ऑस्ट्रियन टनलिंग विधि का उपयोग करके किया गया है। यह सीसीटीवी, रेडियो कंट्रोल, निर्बाध बिजली आपूर्ति और वेंटिलेशन जैसी सुविधाओं से लैस है।
अब तक ज़ोजिला सुरंग का 28 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। इस सुरंग के बनने से लद्दाख के लिए हर मौसम में कनेक्टिविटी हो जाएगी। अब जोजिला दर्रे को पार करने में औसत यात्रा समय कभी-कभी तीन घंटे लग जाते हैं, इस सुरंग के पूरा होने के बाद यात्रा का समय घटकर 20 मिनट रह जाएगा।
एक अन्य ट्वीट में कहा गया है कि यह सुरंग कश्मीर घाटी और लद्दाख के बीच साल भर संपर्क बनाए रखेगी, जो लद्दाख के विकास, पर्यटन को बढ़ावा देने, स्थानीय सामानों की मुक्त आवाजाही और आपात स्थिति में भारतीय सशस्त्र बलों की आवाजाही के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होगा।