नई दिल्ली। कांग्रेस ने कहा है कि कई राज्यों के राज्यपाल रहे सत्यपाल मलिक ने 300 करोड़ की रिश्वत के एक मामले का खुलासा करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) नेता राम माधव का नाम लिया है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस मामले में उनके (श्री माधव के) खिलाफ तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए।
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने मंगलवार को यहां पार्टी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पहले श्री मलिक ने आरएसएस नेता कहकर अपनी बात कही थी लेकिन अब उन्होंने एक ताजा साक्षात्कार में उस नेता का नाम राम माधव बताया है। श्री माधव आरएसएस के नेता तथा श्री मोदी के करीबी हैं। उनका कहना था कि इस खुलासे में यदि सच्चाई नहीं है तो श्री माधव को श्री सत्यपाल मलिक पर मानहानि का मुकदमा करना चाहिए और यदि नहीं करते हैं तो श्री मोदी को तत्काल उनके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।
श्री खेड़ा ने सवाल किया कि पूर्व राज्यपाल के खुलासों पर भाजपा महासचिव राम माधव के घर पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीस जांच ब्यूरो (सीबीआई) के अधिकारी क्यों नहीं आये जबकि जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल रहते हुए श्री मलिक ने अक्टूबर 2021 में नाम लिए बिना ख़ुलासा किया था कि आरएसएस के एक प्रमुख नेता ने ‘अंबानी’ से संबंधित दो फ़ाइलें मंज़ूर कराने के लिए 300 करोड़ रुपए की रिश्वत देने की पेशकश की थी। श्री मलिक अगस्त 2018 से अक्टूबर 2019 तक जम्मू-कश्मीर के राजयपाल रहे और फिर मेघालय के राज्यपाल बने थे।
उन्होंने कहा कि हाल ही में श्री मलिक ने इस संबंध में बड़ा खुलासा करते हुए एक यूट्यूब चैनल से कहा कि उस समय उन्होंने आरएसएस के जिस नेता की तरफ इशारा किया था वह भाजपा नेता राम माधव थे।
इस पर श्री माधव ने श्री मलिक के खिलाफ क़ानूनी कार्रवाई करने की धमकी दी और खुद पर लगे आरोपों को झूठ बताया है।
प्रवक्ता के अनुसार श्री मालिक ने ताजा साक्षात्कार में कहा “यदि वह दो फ़ाइलें मैं मंज़ूर कर देता तो मुझे 300 करोड़ रुपए मिल जाते। इनमें से दो फ़ाइलें जल विद्युत परियोजना से संबंधित थीं और एक इश्योरेंस मामले से जुड़ी थी। मैंने प्राइवेट इंश्योरेंस बंद कर सीजीएचएस लागू करते हुए कहा था कि मैं गलत काम नहीं करूंगा। इसमें जो अस्पताल चयनित किए गये हैं वे महज 4-5 हैं और सब थर्ड ग्रेड के हैं।”
कांग्रेस नेता ने कहा कि श्री मोदी सुबह से शाम तक भ्रष्टाचार विरोधी होने का राग अलापते रहते हैं तो श्री राम माधव पर जब पूर्व राज्यपाल आरोप लगा रहे हैं तो उनको अभी तक सीबीआई ने क्यों नहीं बुलाया। उनके यहां सीबीआई और ईडी की छापामारी क्यों नहीं हुई है।