नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन करने और माओवादी संगठनों से संबंध रखने के आरोप में गिरफ्तार असम के सामाजिक कार्यकर्ता एवं निर्दलीय विधायक अखिल गोगोई को मंगलवार को जमानत दे दी।
न्यायमूर्ति वी रामासुब्रमण्यम और न्यायमूर्ति पंकज मिथल की पीठ ने गोगोई की जमानत याचिका स्वीकार की। पीठ ने साथ ही स्पष्ट किया कि गोगोई को आरोपमुक्त करने के आदेश को रद्द करने संबंधी गुवाहाटी उच्च न्यायालय का आदेश बरकरार रहेगा।
शिवसागर विधानसभा क्षेत्र के विधायक श्री गोगोई को गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत प्राथमिकी दर्ज कर गिरफ्तार किया गया था। शीर्ष अदालत ने इसी मामले में उन्हें जमानत दी है।
शीर्ष अदालत ने उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ गोगोई की अपील पर सुनवाई पूरी होने के बाद 20 मार्च 2023 को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
गोगोई और तीन अन्य पर दिसंबर 2019 में प्राथमिकी दर्ज की गई थी।