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0 अब 6 दिनों में भी पूरी यात्रा संभव

नई दिल्ली। चारधाम यात्रा शनिवार से शुरू होगी। 22 अप्रैल को यमुनोत्री व गंगोत्री के कपाट खुलेंगे। 25 को केदारनाथ और 27 को बद्री विशाल के दर्शन शुरू होंगे। पहले जहां ऋषिकेश से सड़क मार्ग से चारधाम यात्रा पूरी करने में कम से कम 7 दिन (रोज 7-8 घंटे का सफर) लगते थे, इस बार 6 दिन (रोज 7 घंटे यात्रा) में यात्रा पूरी हो सकती है, क्योंकि 85% रास्ता सुगम हो चुका है। हालांकि, रुकते-रुकाते यात्रा का इरादा है तो 9 से 10 दिन लगेंगे। ज्यादातर श्रद्धालु ऋषिकेश के भद्रकाली तिराहे से चारधाम यात्रा शुरू करते हैं। यहां चेकपोस्ट पर रजिस्ट्रेशन आईडी और गाड़ी का ग्रीन कार्ड आदि चेक कराना होगा। दूसरा चेकपोस्ट ऋषिकेश-बद्रीनाथ हाइवे पर ब्रह्मपुरी में है। प्रशासन की हरी झंडी के बाद सफर शुरू कर सकते हैं।

हेलीकॉप्टर से 1.8 लाख रुपए में 4 दिन और 5 रातों में यात्रा
चारधाम यात्रा के लिए हेलीकॉप्टर सेवा बढ़ रही है। 5-6 कंपनियां 18-20 हेलीकॉप्टर चला रही हैं। हरिद्वार से यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ होते हुए बद्रीनाथ की यात्रा 4 दिन और 5 रातों में पूरी होती है। एक हेलीकॉप्टर में 6 लोग जाते हैं। आपका वजन 75 किलो से ज्यादा है तो प्रति किलो 1000 रु. अतिरिक्त लगेंगे। दो साल से छोटे बच्चों का कोई चार्ज नहीं। कंपनी देहरादून स्टेशन या एयरपोर्ट से पिक करेगी।

कीमत: चार धाम यात्रा के लिए प्रति व्यक्ति 1.8 लाख रु.। दो दिन में दो धाम (केदारनाथ, बद्रीनाथ) के लिए 1.20 लाख रुपए देने होंगे।
सुविधाएं: रुकने से टैक्सी तक का खर्च कंपनी उठाएगी। देहरादून में हयात रिजेंसी, खरसाली (यमुनोत्री) में यमुनोत्री कॉटेज, हर्षिल (गंगोत्री) में हिमालयन नेचर रिसॉर्ट, सिरसी (केदारनाथ) में तेल विंड्स रिसॉर्ट और बद्रीनाथ में सरोवर पोर्टिको जैसे लग्जरी रिजॉर्ट में ठहराते हैं।

बद्रीनाथ धाम को दिया जा रहा भव्य-दिव्य रूप
बद्री विशाल के कपाट 27 अप्रैल को खुलेंगे। जब श्रद्धालु यहां पहुंचेंगे, तो उन्हें बिल्कुल अलग नजारा दिखाई देगा। यहां हर तरफ पहाड़ काटती पोकलैंड मशीन, क्रेन, डंपर आदि का शोरगुल सुनाई देगा। ऐसा लगेगा कि किसी कंस्ट्रक्शन साइट पर आ गए हैं। दरअसल, यह पूरी कवायद मास्टर प्लान के तहत बद्रीनाथ धाम के सौंदर्यीकरण को लेकर चल रही है। यह प्रोजेक्ट करीब 450 करोड़ रुपए का है। मंदिर के सामने बह रही अलकनंदा नदी में भव्य रिवरफ्रंट का निर्माण काम तेजी से चल रहा है। यह काम 3 फेज में होगा। पहले में लेक फ्रंट, रिवर फ्रंट, अराइवल प्लाजा, सिविक एमेनिटीज सेंटर, लूप रोड हॉस्पिटल और बीआरओ रोड बनाई जाएगी। इस प्रोजेक्ट के असिस्टेंट इंजीनियर विनय ने बताया कि पहले फेज के तहत कुल मिलाकर 14 काम हो रहे हैं। इसमें छह रिवर फ्रंट, 2 रोड कार्य, दो लेक फ्रंट और बाकी बिल्डिंग का काम पूरी गति से चल रहा है। 1.6 किमी का बाईपास बनकर तैयार है। यह रणनीतिक रूप से अहम है। इससे सेना की आवाजाही निर्बाध रूप से चीन बॉर्डर तक हो सकेगी। यात्रियों की सुगम आवाजाही के लिए मंदिर परिसर के 70 मीटर के रेडियस को क्लियर किया जा रहा है। सिर्फ पौराणिक मंदिर और तप कुंड ही रहेंगे। बाकी धर्मशाला, दुकानें, होटल हटाए जा रहे हैं। कुल 198 इमारतों को हटाने का काम चल रहा है।

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