0 पुलवामा हमले पर सवाल उठाए थे
0 गृह मंत्री शाह बोले-सत्ता में रहते क्यों नहीं जागी अंतरात्मा
नई दिल्ली। भ्रष्टाचार के केस में सीबीआई के समन के एक दिन बाद जम्मू-कश्मीर समेत 4 राज्यों के राज्यपाल रह चुके सत्यपाल मलिक शनिवार को दिल्ली के आरकेपुरम पुलिस स्टेशन गिरफ्तारी देने पहुंचे। हालांकि पुलिस ने कहा कि हमने न उन्हें हिरासत में लिया, न छोड़ा। वो स्वयं आए थे, स्वयं चले गए।
दरअसल, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान के कुछ खाप और किसान नेता मलिक के दिल्ली आवास उनसे मिलने पहुंचे थे। मलिक इन नेताओं के लिए अपने घर के करीब आरके पुरम के पार्क में टेंट लगवाकर खाना बनवा रहे थे। तब दिल्ली पुलिस के अधिकारी वहां पहुंचे और आयोजन रोकने को कहा।
मलिक ने कहा कि उन्होंने आयोजन की अनुमति मांगी तो पुलिस ने इससे भी इनकार कर दिया। मलिक ने बताया कि उन्होंने पुलिस से कहा कि अगर आप अनुमति नहीं देंगे तो हम गिरफ्तारी देंगे। मलिक ने खुद कहा कि वे गिरफ्तारी देने थाने गए थे। हालांकि दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तारी से इनकार किया।
राजस्थान के किसान नेता हिम्मत सिंह गुर्जर के मुताबिक सत्यपाल मलिक के आरकेपुरम थाने से घर जाने की पुष्टि की है। गुर्जर ने बताया, 'मलिक 3 घंटे तक आरकेपुरम थाने में बैठे रहे। वे घर लौट गए हैं। पुलिस ने गुरमान चढ़ूनी सहित 25 से ज्यादा किसानों को अभी नहीं छोड़ा है। इन्हें पुलिस अब जाफराबाद थाने पर ले गई है।
गुर्जर ने बताया कि दिल्ली पुलिस आज दोपहर में सत्यपाल मलिक के घर पहुंची। पुलिस अधिकारियों ने मलिक से कहा कि आपसे जो लोग मिलने आ रहे हैं, वे बिना परमिशन आ रहे हैं, उनको हम घर में एंट्री नहीं करने देंगे।
इस पर मलिक ने कहा कि अगर कोई मेरे घर पर मिलने आ रहा है तो ये मैं तय करूंगा, दिल्ली पुलिस नहीं। इस पर दिल्ली पुलिस ने किसानों को गिरफ्तार करने की बात कही। तब मलिक ने कहा कि ठीक है फिर मैं भी इनके साथ थाने पर चलता हूं।
पुलवामा मामले में केंद्र को घेरा तो शाह बोले- उनकी विश्वसनीयता नहीं
सत्यपाल मलिक ने हाल ही में दावा किया था कि केंद्र सरकार के ढुलमुल रवैये के कारण पुलवामा हमला हुआ था। शनिवार को गृह मंत्री अमित शाह ने सत्यपाल मलिक पर पलटवार किया। इंडिया टुडे के कार्यक्रम में शाह ने मलिक के खुलासों से जुड़े सवाल पर कहा कि आपको उनसे ये भी पूछना चाहिए कि उनको ये सारी बातें हमारा साथ छोड़ने के बाद ही क्यों याद आ रही हैं? उन्होंने कहा कि अंतरात्मा उस वक्त क्यों जागृत नहीं होती जब लोग सत्ता में होते हैं। शाह ने सत्यपाल मलिक की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते हुए कहा कि इस पर जनता को सोचना चाहिए।