इंफाल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को देश में प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को अच्छी से अच्छी बुनियादी सुविधा मुहैया कराए जाने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि इस काम में केंद्र तथा राज्य सरकारों के साथ-साथ निजी क्षेत्र की भी महत्वूर्ण भूमिका बनती है।
श्री मोदी ने कहा कि खेलो इंडिया अभियान के तहत बुनियादी सुविधाओं के प्रसार के काम को अब प्रखंड स्तर पर ले जाना होगा। प्रधानमंत्री मणिपुर की मेजबानी में राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के युवा मामलों और खेल मंत्रियों के चिंतन शिविर को संबोधित कर रहे थे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के हर प्रतिभाशाली खिलाड़ी को क्वालिटी स्पोर्ट्स इन्फ्रास्ट्रक्चर देना, हम सभी का दायित्व है। इसके लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकार को मिलकर काम करना होगा। खेलो इंडिया स्कीम ने जिला स्तर पर स्पोर्ट्स इन्फ्रास्ट्रक्चर, जरूर कुछ बेहतर किया है, लेकिन अब इस प्रयास को हमें ब्लॉक स्तर पर लेकर जाना है। श्री मोदी ने कहा कि इस काम में “प्राइवेट सेक्टर समेत सभी हितधारकों की भागीदारी महत्वपूर्ण है।”
उन्होंने राष्ट्रीय युवा महोत्सव कार्यक्रम को अधिक प्रभावकारी बनाने के लिए, नए सिरे से सोचा जाना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि राज्यों में जो इस तरह के कार्यक्रम होते हैं, वे सिर्फ औपचारिकता ना बनें, ये जरूर देखा जाना चाहिए। जब चौतरफा, इस तरह के प्रयास होंगे, तभी भारत खेल जगत में एक अग्रणी देश के तौर पर स्थापित हो पाएगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि स्पोर्ट्स को लेकर आज पूर्वोत्तर क्षेत्र में जो काम हो रहा है, वह भी आपके लिए एक बड़ी प्रेरणा है। स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़ी 400 करोड़ रुपए से ज्यादा की परियोजनाएं आज पूर्वोत्तर के विकास को नई दिशा दे रही हैं। इंफाल का राष्ट्रीय खेल विश्वविद्यालय आने वाले समय में देश भर के युवाओं को नए अवसर देगी।
श्री मोदी ने कहा कि खेलो इंडिया स्कीम और ओलम्पिक के लिए पदक विजेता तैयार करने की शीर्ष योजना जैसे प्रयासों ने इसमें एक बड़ी भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर के हर जिले में कम से कम दो खेलो इंडिया सेंटर, और हर राज्य में खेलो इंडिया स्टेट सेंटर ऑफ एक्सिलेंस की स्थापना की जा रही है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि ये प्रयास खेल जगत में एक नए भारत की बुनियाद बनेंगे, देश को एक नई पहचान देंगे। आपको अपने-अपने राज्यों में भी इस तरह के कार्यों को और गति देनी है।
श्री मोदी ने कहा कि देश की खेल परंपरा को आगे बढ़ाने में पूर्वोत्तर और मणिपुर का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। यहां के सगोल कांगजई, थांग-ता, युबी लाक्पी, मुक्ना और हियांग तान्नबा जैसे स्वदेशी खेल, अपने आप में बहुत आकर्षक हैं। उन्होंने विश्वास जताया कि खेलमंत्रियों का यह चिंतन शिविर इस दिशा में अहम भूमिका निभाएगा।
उद्घाटन कार्यक्रम में खेल तथा युवा मामलों के केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने भी भाग लिया। इस तरह का पिछला चिंतन शिविर 2022 में केवड़िया (गुजरात) में हुआ था। प्रधानमंत्री ने राज्यों को आगामी विभिन्न वैश्विक खेल-कूद प्रतिस्पर्धाओं के संबंध में भारत की तैयारियों की समीक्षा किए जाने का भी आह्वान किया।