नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि उनकी सरकार प्रौद्योगिकी को हर व्यक्ति के लिए सहज और सुलभ बनाकर प्रौद्योगिकी के लोकतांत्रिकरण के लिए काम कर रही है।
मोदी ने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी के विस्तार से आज गांव-गांव में डिजिटल उद्यमी तैयार हो रहे हैं तथा आम लोगों को बैंकिंग और भुगतान सेवाओं का फायदा हो रहा है। प्रधानमंत्री पूरे देश में 91 एफएम रेडियो ट्रांसमीटर का उद्घाटन कर रहे थे। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम को आनलाइन संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आज ऑल इंडिया रेडियो की एफएम सर्विस का ये विस्तार ऑल इंडिया (अखिल भारतीय) एफएम बनने की दिशा में एक बड़ा और महत्वपूर्ण कदम है।
उन्होंने कहा कि ऑल इंडिया रेडियो के 91 एफएम ट्रांसमीटर की यह शुरुआत देश के 85 जिलों के दो करोड़ लोगों के लिए उपहार की तरह है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार, निरंतर, इसी तरह, टेक्नोलॉजी के लोकतांत्रिकरण के लिए काम कर रही है। भारत अपने सामर्थ्य का पूरा इस्तेमाल कर पाए, इसके लिए जरूरी है कि किसी भी भारतीय के पास अवसरों की कमी न हो।
उन्होंने कहा कि आधुनिक टेक्नोलॉजी को सभी के लिए सुलभ बनाना, उसे मुनासिब दर पर रखना, इसका बहुत बड़ा माध्यम है। कार्यक्रम में कई केंद्रीय मंत्री, विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री, सांसद और विधायक जुड़े थे।
श्री मोदी ने कहा कि आज भारत में जिस तरह गांव-गांव तक ऑप्टिकल फाइबर पहुंचाया जा रहा है, मोबाइल और मोबाइल डेटा, दोनों की कीमत इतनी कम हुई है कि उससे सूचना प्राप्त करना बहुत आसान हो गया है। गांव-गांव में नये डिजिटल एंत्रेप्रेन्योर (उद्यमी) बन रहे हैं। युवा, गांव में रहते हुए ही डिजिटल टेक्नोल़ॉजी का लाभ उठाकर कमाई कर रहे हैं। छोटे दुकानदारों को, रेहड़ी-पटरी वाले साथियों को इंटरनेट और यूपीआई से बैंकिंग सिस्टम का लाभ मिल रहा है।
उन्होंने कहा कि टेक्नोलॉजी की मदद से हमारे मछुआरों को समय पर मौसम संबंधी सही जानकारी, उद्यमियों को नेट पर देश के कोने-कोने में सामान बेचने का मौका मिल रहा है और वे गवर्नमेंट-ई-मार्केट प्लेस- जेम पर भी उन्हें मदद मिल रही है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि एफएम रेडियो प्रसारण नेटवर्क के विस्तार से आज जिन जिलों को कवर किया जा रहा है, उसमें विकास की दृष्टि से पिछड़े बहुत से जिले और प्रखंड भी हैं। उन्होंने कहा कि इसका काफी लाभ हमारे पूर्वोत्तर के भाई-बहनों को होगा, युवा मित्रों को होगा। श्री मोदी ने कहा कि मैं ऑल इंडिया रेडियो को इस उपलब्धि के लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूँ।
श्री मोदी ने इस अवसर पर अपने मन की बात कार्यक्रम और आकाशवाणी के साथ अपने संबंध का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा, “जब बात रेडियो और एफएम की होती है, तो हम जिस पीढ़ी के लोग हैं, हम सबका रिश्ता एक भावुक श्रोता का भी है, और मेरे लिए तो ये भी खुशी है कि मेरा रिश्ता एक होस्ट का भी बन गया है। अभी कुछ दिन बाद ही मैं रेडियो पर 'मन की बात' का सौंवा एपिसोड करने जा रहा हूँ।
उन्होंने कहा कि मन की बात' का ये अनुभव, देशवासियों से इस तरह का भावनात्मक जुड़ाव केवल रेडियो से ही संभव था। मैं इसके जरिए देशवासियों के सामर्थ्य से जुड़ा रहा, देश की सामूहिक कर्तव्यशक्ति से जुड़ा रहा। स्वच्छ भारत अभियान हो, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ हो, या हर घर तिरंगा अभियान हो, 'मन की बात' ने इन अभियानों को जनआंदोलन बना दिया। इसलिए, एक तरह से मैं ऑल इंडिया रेडियो की आपकी टीम का भी हिस्सा हूँ।
श्री मोदी ने कहा कि समय पर जरूरी जानकारी पहुंचाना हो, समुदाय निर्माण का काम हो, कृषि से जुड़ी मौसम की जानकारियां हों, किसानों को फसलों-फल-सब्जियों की कीमत की ताजा जानकारी हो, केमिकल खेती से होने वाले नुकसान की चर्चा हो, खेती के लिए आधुनिक मशीनों की पूलिंग हो, महिलाओं के सेल्फ हेल्प ग्रुप को नए बाजारों के बारे में बताना हो, या फिर किसी प्राकृतिक आपदा के समय पूरे क्षेत्र की मदद करना, इन एफएम ट्रांसमिटर की बहुत अहम भूमिका रहेगी।
उन्होंने कहा कि बीते वर्षों में देश में हुई टेक क्रांति ने रेडियो और विशेषकर एफएम को भी नए अवतार में गढ़ा है। इंटरनेट के कारण रेडियो पिछड़ा नहीं, बल्कि ऑनलाइन एफएम के जरिए, पॉडकास्ट के जरिए, इनोवेटिव तरीकों से सामने उभरकर के आया है। यानी, डिजिटल इंडिया ने रेडियो को नए श्रोता भी दिये हैं, और नई सोच भी दी है। यही क्रांति आप संचार के हर माध्यम में देख सकते हैं। जैसे आज देश के सबसे बड़े डीटीएच प्लेटफार्म, डीडी फ्री डिश की सेवा चार करोड़ 30 लाख घरों में पहुंच रही है। देश के करोड़ों ग्रामीण घरों में, बॉर्डर के पास वाले इलाकों में, आज दुनिया की हर सूचना, रियल टाइम में पहुंच रही है। समाज का जो वर्ग दशकों तक कमजोर और वंचित रहा, उसे भी फ्री डिश से शिक्षा और मनोरंजन की सुविधा मिल रही है। इससे समाज के अलग-अलग वर्गों के बीच असमानता दूर करने और हर किसी तक अच्छी सूचना पहुंचाने में सफलता मिली है।
उन्हेंने कहा कि एफएम ट्रांसमीटर से बन रही इस कनेक्टिविटी का एक और आयाम है। देश की सभी भाषाओं और विशेष रूप से 27 बोलियों वाले इलाकों में इन ट्रांसमिटर से ब्रॉडकास्ट होगा। यानि ये कनेक्टिविटी सिर्फ कम्यूनिकेशन के साधनों को ही आपस में नहीं जोड़ती, बल्कि लोगों को भी जोड़ती है। प्रधानमंत्री ने हा कि कनेक्टिविटी (संपर्क सुविधा) चाहे किसी भी स्वरूप में क्यों न हो, उसका उद्देश्य होता है- देश को जोड़ना, 140 करोड़ देशवासियों को जोड़ना।