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नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सदस्य देशों से जोर देकर कहा है कि आतंकवाद के सभी रूपों को मिलकर जड़ से मिटाने तथा इसका समर्थन करने और इसे शह देने वालों की जवाबदेही तय किये जाने की जरूरत है।

श्री सिंह ने शुक्रवार को यहां एससीओ सदस्य देशों के रक्षा मंत्रियों की बैठक की अध्यक्षता करते हुए जोर देकर कहा कि किसी भी तरह का आतंकवाद या किसी भी तरह के आतंकवाद को समर्थन देना मानवता के खिलाफ बड़ा अपराध है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद और शांति तथा समृद्धि एक साथ नहीं रह सकते।

उन्होंने किसी देश का नाम लिये बिना कहा कि यदि कोई देश आतंकवादियों को समर्थन देता है तो वह न केवल दूसरों के लिए खतरा पैदा करता है बल्कि अपने लिए भी खतरा पैदा करता है। उन्होंने कहा कि युवाओं को कट्टरपंथी बनाना केवल सुरक्षा की दृष्टि से चिंता का विषय नहीं है बल्कि यह समाज की सामाजिक -आर्थिक प्रगति के मार्ग में भी बड़ी बाधा है। उन्होंने कहा कि यदि हम एससीओ को मजबूत तथा विश्वसनीय अंतर्राष्ट्रीय संगठन बनाना चाहते हैं तो हमारी सबसे पहली प्राथमिकता आतंकवाद से प्रभावशाली ढंग से निपटने की होनी चाहिए।

भारत संयुक्त राष्ट्र चार्टर के प्रावधानों के आधार पर शांति तथा सुरक्षा बनाये रखने में विश्वास करता है। उन्होंने कहा कि सभी सदस्य देशों को अधिक से अधिक फायदे के लिए सहयोग के प्रयासों को बढाना होगा।

उन्होंने कहा कि सुरक्षित , स्थिर और स्मृद्ध क्षेत्र से सभी देशों में लोगों का जीवन स्तर सुधरेगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का ‘सिक्योर’ विजन क्षेत्र के बहु आयामी कल्याण के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को प्रकट करता है। श्री सिंह ने कहा कि भारत साझा सुरक्षा हितों को देखते हुए एससीओ सदस्य देशों की रक्षा क्षमता बढाने के प्रति वचनबद्ध है।