Head Office

SAMVET SIKHAR BUILDING RAJBANDHA MAIDAN, RAIPUR 492001 - CHHATTISGARH

tranding

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने बिहार के गोपालगंज के 1994 में तत्कालीन जिला अधिकारी जी कृष्णैया की पीट-पीटकर हत्या के दोषियों में शामिल बाहुबली नेता आनंद मोहन सिंह को उम्र कैद की पूर्व निर्धारित सजा पूरी होने से पहले जेल से पिछले महीने रिहा करने के राज्य सरकार के संशोधित कानून को चुनौती देने वाली याचिका पर सोमवार को संबंधित पक्षों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया।
न्यायमूर्ति सूर्य कांत और न्यायमूर्ति जे के माहेश्वरी की पीठ बिहार सरकार एवं अन्य को दो सप्ताह के भीतर अपना जवाब दाखिल करने का आदेश जारी किया।
मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने स्वर्गीय कृष्णैया की विधवा उमा कृष्णैया की याचिका पर शीघ्र सुनवाई की गुहार एक मई को को स्वीकार करते हुए मामले को 08 मई को सूचीबद्ध का निर्देश दिया।
याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता तानिया श्री ने पीठ के समक्ष 'विशेष उल्लेख' के दौरान इस मामले को उठाते हुए शीघ्र सुनवाई की गुहार लगाई थी।
भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के 1985 कैडर के 37 वर्षीय अधिकारी कृष्णैया की हत्या मुजफ्फरपुर में उत्तेजित भीड़ द्वारा पीट-पीटकर कर दी गई थी।
बिहार सरकार के जेल मैनुअल में संशोधन के कारण आजीवन कारावास की सजा काट रहे आनंद मोहन समेत अन्य को पूर्व निर्धारित सजा से पहले पिछले महीने रिहा करने का रास्ता साफ हो गया था। सरकार के इस फैसले के बाद आनंद मोहन को करीब 14 साल की सजा काटने के बाद रिहा कर दिया गया था। हालांकि, इससे पहले वह कई बार पैरोल पर रिहा किए गए थे।
निचली अदालत ने पूर्व सांसद आनंद मोहन को 2007 में दोषी ठहराते हुए मृत्यु दंड की सजा सुनाई थी। पटना उच्च न्यायालय ने इस सजा को बरकरार रखा था, लेकिन 2008 में शीर्ष अदालत ने उनकी मृत्युदंड की सजा को उम्र कैद में तब्दील करने का आदेश दिया था।