0 कहा-सीएम और उनके परिवार का नाम लेने दबाव बना रही ईडी
रायपुर। छत्तीसगढ़ में 2 हजार करोड़ के शराब घोटाला मामले में ईडी की टीम ने बुधवार को कारोबारी अनवर ढेबर को कोर्ट में पेश किया। अनवर ने जज के सामने ही ईडी पर प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए खुदकुशी की धमकी दे दी। ईडी ने अनवर ढेबर की 5 दिन की रिमांड बढ़ाई है।
बुधवार को अनवर ढेबर ने जज के सामने कहा- कि ईडी उन्हें प्रताड़ित कर रही है और सीएम और उनके परिवार के सदस्यों का नाम लेने के लिए दबाव बना रही है। अगर ऐसा ही चलता रहा तो मैं खुदकुशी कर लूंगा और ईडी उसकी जिम्मेदार होगी। कारोबारी अनवर ढेबर की 4 दिन की रिमांड के बाद अजय सिंह राजपूत को कोर्ट में पेश किया गया। इसके साथ ही होटल कारोबारी नितेश पुरोहित को भी पेश किया गया है।
कोर्ट में नितेश पुरोहित की तबीयत बिगड़ी
ईडी द्वारा इस मामले में गिरफ्तार किए गए कारोबारी नितेश पुरोहित को भी कोर्ट में पेश किया गया। जहां अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई। जिसके बाद कोर्ट ने उन्हें इलाज के लिए एम्स ले जाने के निर्देश दिए हैं। बताया जा रहा है कि नितेश होटल कारोबारी है और हवाला से भी उसके तार जुड़े हुए हैं।
अनवर के समर्थन में कोर्ट में पहुंची भीड़
कोरोबारी अनवर ढेबर के समर्थन में बड़ी संख्या में लोग कोर्ट परिसर में पहुंच गए, इनमें ज्यादातर महिलाएं शामिल थी। भीड़ की वजह से पुलिस ने यहां पहुंचे लोगों को बाहर ही रोक दिया। अनवर ढेबर को ईडी ने 5 दिन पहले ही हिरासत में लिया था। ईडी के द्वारा जारी किये गये प्रेस रिलीज में अनवर ढेबर को प्रदेश में 2 हजार करोड़ के शराब घोटाले से जुड़े हुए होने की बात कही है। अनवर ढेबर रायपुर के महापौर एजाज ढेबर के भाई हैं, इसलिए समर्थकों की भीड़ कोर्ट परिसर में लगी हुई है। इस लिहाज से यहां की सुरक्षा भी बढ़ा दी गई है। सुरक्षा के मद्देनजर मीडिया को भी बाहर ही रोक दिया गया है।
2000 करोड़ के शराब घोटाले की बात को मनगढ़ंत बताया था
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस मामले में कहा है कि जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रही हैं, वैसे-वैसे बीजेपी की हताशा बढ़ती जा रही है। ईडी के माध्यम से राज्य सरकार को बदनाम करने की साजिश की जा रही है । सीएम ने कहा कि ये मैंने पहले ही बोला था कि ईडी और आईटी स्थाई रूप से यहां रहेगी और जैसे-जैसे चुनाव होगा यह लोग नए-नए षड्यंत्र करेंगे। जहां तक शराब की बात है ,शराब कर कारपोरेशन के माध्यम से जो विक्रय निर्णय है। वो रमन सरकार के समय की बात है 2017 की और 2017-18 में आबकारी मध्य से लगभग 3900 करोड़ की प्राप्ति हुई। साल 2017-18 में आबकारी मद से 3900 करोड़ मिला था और ये हमारे शासनकाल में बढ़कर 6000 करोड़ हुआ।। दूसरी बात यह है की 2017 में शराब व्यवसाय से संबंधित डिस्टलर और व्यवसायी, परिवहनकर्ता, प्लेसमेंट एजेंसी में कोई परिवर्तन नहीं हुआ।