नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय के समक्ष तमिलनाडु पुलिस ने विवादास्पद फिल्म 'द केरला स्टोरी' पर 'अप्रत्यक्ष प्रतिबंध' लगाने के आरोपों को खारिज करते हुए मंगलवार को कहा कि ऐसा लगता है कि इसे दर्शकों ने ही नकार दिया है। तमिलनाडु सरकार ने शीर्ष अदालत को बताया है कि मुस्लिम संगठनों के विरोध बावजूद तमिलनाडु में 19 मल्टीप्लेक्सों में रिलीज हुई, लेकिन दर्शकों ने उसे नहीं चाहा। इस वजह से मल्टीप्लेक्स मालिकों द्वारा फिल्म को हटा दिया गया था।
पुलिस ने दलील देते हुए कहा, "ऐसा प्रतीत होता है कि मल्टीप्लेक्स मालिकों ने फिल्म को मिल रही आलोचना, जानेमाने अभिनेताओं की कमी, अभिनेताओं के खराब अभिनय और दर्शकों की बेरुखी के कारण सात मई 2023 से फिल्म का प्रदर्शन बंद करने का निर्णय लिया था।
राज्य के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) ने एक लिखित जवाब में कहा कि हिंदी में फिल्म को पांच मई को राज्य भर के 19 मल्टीप्लेक्सों में प्रदर्शित किया गया था।
हलफनामे में कहा गया, 'यह दोहराया जाता है कि यह निर्णय थिएटर मालिकों द्वारा खुद लिया गया था और राज्य की इसमें कोई भूमिका नहीं थी।"
पुलिस ने कहा कि फिल्म पर 'अप्रत्यक्ष प्रतिबंध' के आरोप के समर्थन में याचिकाकर्ता ने एक भी दस्तावेज या आदेश या सबूत पेश नहीं किया है, जिससे यह साबित हो सके कि तमिलनाडु ने फिल्म के प्रदर्शन पर प्रतिबंध लगाने के लिए कदम उठाए हैं।
शीर्ष अदालत के समक्ष पेश हलफनामे में पुलिस ने कहा है कि वास्तव में पुलिस ने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई की और नौ मामले दर्ज किए।
शीर्ष अदालत ने फिल्म निर्माताओं- सनशाइन पिक्चर्स प्राइवेट लिमिटेड और निर्माता विपुल अमृतलाल शाह की एक रिट याचिका पर 12 मई को सुनवाई करते हुए पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु सरकारों से जवाब मांगा था कि देशभर में सुचारू रूप से चलने वाली फिल्म वहां (पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु) क्यों नहीं चल सकती है।
जवाबी हलफनामे में पुलिस ने आरोप लगाया कि याचिकाकर्ताओं ने इस तथ्य के बावजूद कि राज्य ऐसी स्थिति बनाने और बनाए रखने के लिए अपने सकारात्मक दायित्व का निर्वहन कर रहा, "प्रचार पाने के प्रयास में दुर्भावनापूर्ण इरादों से प्रेरित झूठे आरोप लगाए।"
पुलिस ने अपने जवाब में कहा, "मल्टीप्लेक्स/थिएटर मालिकों ने खुद ही फिल्म का प्रदर्शन बंद कर दिया है। ऐसे में सरकार सिनेमाघरों को सुरक्षा प्रदान करने के अलावा उक्त फिल्म के लिए दर्शकों की संख्या बढ़ाने के लिए कुछ नहीं कर सकती है।
पुलिस ने यह भी कहा कि पांच मई 2023 को पुलिस महानिदेशक / पुलिस बल के प्रमुख, तमिलनाडु ने राज्य के सभी पुलिस आयुक्तों और जिला पुलिस अधीक्षकों को ( जहां फिल्म की स्क्रीनिंग की गई थी।) पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करने के निर्देश जारी किए गए थे।
पुलिस ने दावा किया, "राज्य ने फिल्म को प्रदर्शित करने के लिए सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम किए हैं। थिएटर मालिक और दर्शको की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए 25 डीएसपी सहित 965 से अधिक पुलिस कर्मियों को जगह-जगह तैनात किया गया था।"
अपने हलफनामे में पुलिस ने कहा कि पांच मई 2023 को विभिन्न मुस्लिम संगठनों द्वारा 19 जगहों पर प्रदर्शन, आंदोलन और धरने दिये गये थे। छह मई 2023 को चेन्नई और सात मई को कोयम्बटूर में कई जगहों पर प्रदर्शन हुए। प्रदर्शनकारियों के खिलाफ चेन्नई में पांच और कोयम्बटूर में चार मामले दर्ज किए गए थे।