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0 कांग्रेस ने कहा-28 मई को सावरकर जयंती, इस दिन इनॉगरेशन राष्ट्र निर्माताओं का अपमान

नई दिल्ली। 28 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद की नई बिल्डिंग का उद्घाटन करेंगे। राहुल गांधी ने इसका विरोध किया है। राहुल ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर लिखा कि संसद के नए भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को ही करना चाहिए, प्रधानमंत्री को नहीं। 18 मई को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने पीएम को नए भवन का उद्घाटन करने का निमंत्रण दिया था।

न्यूज एजेंसी के मुताबिक तमाम विपक्षी दल और कांग्रेस ने नई बिल्डिंग के इनॉगरेशन की तारीख पर सवाल उठाए हैं। कांग्रेस ने कहा कि 28 मई को हिंदुत्व विचारक विनायक दामोदर सावरकर की जयंती है। इसी दिन नए संसद भवन का उद्घाटन करना राष्ट्र निर्माताओं का अपमान है।

862 करोड़ रुपए में तैयार हुआ
862 करोड़ रुपए में बने नए संसद भवन का काम पूरा हो गया है। प्रधानमंत्री ने 10 दिसंबर 2020 को इसकी आधारशिला रखी थी। नए संसद भवन का निर्माण 15 जनवरी 2021 को शुरू हुआ था। इस बिल्डिंग को पिछले साल नवंबर में पूरा हो जाना था। सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत बनी ये बिल्डिंग प्रधानमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट है। इसे 28 महीने में बनाया गया।

4 मंजिला बिल्डिंग, भूकंप का असर नहीं
पुराना संसद भवन 47 हजार 500 वर्गमीटर में है, जबकि नई बिल्डिंग 64 हजार 500 वर्ग मीटर में बनाई गई है। यानी पुराने से नया भवन 17 हजार वर्ग मीटर बड़ा है। नया संसद भवन 4 मंजिला है। इसमें 3 दरवाजे हैं, इन्हें ज्ञान द्वार, शक्ति द्वार और कर्म द्वार नाम दिया गया है। सांसदों और वीआईपी के लिए अलग एंट्री है। इस पर भूकंप का असर नहीं होगा। इसका डिजाइन एचसीपी डिजाइन, प्लानिंग एंड मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड ने तैयार किया है। इसके आर्किटेक्ट बिमल पटेल हैं।

क्यों बनाई गई नई बिल्डिंग
मौजूदा संसद भवन को 96 साल पहले 1927 में बनाया गया था। मार्च 2020 में सरकार ने संसद को बताया था कि पुरानी बिल्डिंग ओवर यूटिलाइज्ड हो चुकी है और खराब हो रही है। इसके साथ ही लोकसभा सीटों के नए सिरे से परिसीमन के बाद जो सीटें बढ़ेंगीं, उनके सांसदों के बैठने के लिए पुरानी बिल्डिंग में पर्याप्त जगह नहीं है। इसी वजह से नई बिल्डिंग बनाई जा रही है।