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0 कोर्ड वर्ड में करोड़ों की डीलिंग के सबूत मिले
0 पूछताछ में खामोश रहे अफसर-कारोबारी

रायपुर। शराब घोटाला मामले में कारोबारी त्रिलोक सिंह ढिल्लन को जेल भेज दिया गया। पिछले कई दिनों से रिमांड पर थे। गुरुवार को न्यायधीश अजय सिंह की विशेष अदालत में करीब 1 घंटे की सुनवाई के बाद ढिल्लन को 14 दिन की न्यायिक रिमांड पर भेजा गया है। वह अब रायपुर की सेंट्रल जेल में रहेंगे। यहां पहले से कारोबारी अनवर ढेबर और नितेश पुरोहित बंद हैं।

ईडी के दावे के मुताबिक, शराब घोटाले के मामले में अनवर ढेबर, नितेश पुरोहित, ढिल्लन के अलावा एक्साइज आबकारी विभाग के बड़े अफसर एपी त्रिपाठी को पकड़ा गया था। वह अब भी ईडी की हिरासत में हैं। ऐसा माना जा रहा है कि, अदालत की कार्रवाई के बाद उन्हें भी 1 से 2 दिन में जेल भेज दिया जाएगा।

अब तक इस मामले में ईडी ने इन्हीं चार लोगों की गिरफ्तारी की है। आबकारी विभाग के कई अन्य अफसरों से भी पूछताछ की गई है। ईडी ने मार्च में एजाज ढेबर समेत अन्य के ठिकानों पर छापेमारी की थी।

ईडी की ओर से अधिवक्ता सौरभ पांडेय ने बताया, त्रिलोक सिंह ढिल्लन को 14 दिन की न्यायिक रिमांड पर भेजा गया है। ढिल्लन ने करोड़ों रुपए के लोन लिए यह सभी लोन अनसिक्योर्ड लोन थे। यानी किसी बैंक से यह पैसा उनके खातों में नहीं आया किसी दोस्त और परिचितों ने भेजे। एजेंसी इस बात की छानबीन कर रही है कि, ऐसे कौन से दोस्त थे जिन्होंने करोड़ों रुपए का लोन दे दिया। वह पैसा कहां से आया और कहां गया इसकी जांच की जा रही है।

मुंह नहीं खोल रहे अफसर और कारोबारी
प्रवर्तन निदेशालय के सूत्रों के मुताबिक शराब घोटाला मामले के मास्टरमाइंड बताए जा रहे अनवर ढेबर, एपी त्रिपाठी, त्रिलोक ढिल्लों और नितेश पुरोहित जांच में कोई खास सहयोग नहीं कर रहे हैं। इनके पास से मिले दस्तावेज और संपत्तियों की जानकारी के बारे में पूछने पर आरोपियों की ओर से जवाब नहीं दिए गए। यही वजह रही कि गिरफ्तारी के बाद करीब 10 दिनों से अधिक समय तक इन सभी को ईडी ने अपनी हिरासत में रखा।

यही दलील अदालत में दी गई। कि, कई बार समन पेश करने के बाद भी आरोपी पेश नहीं हुए। पेश हुए तो पूछताछ में सहयोग नहीं किया। सभी को गिरफ्तार करने के पीछे ये बड़ा आधार भी था। अब भी पूछताछ में दो हजार करोड़ के इस घोटाले में ईडी को इन आरोपियों के पास से कुछ बड़ी जानकारी नहीं मिली है। ऐसा माना जा रहा है कि जल्द ही इन आरोपियों से जेल में भी प्रवर्तन निदेशालय पूछताछ कर सकता है।

कोड वर्ड में डीलिंग
प्रवर्तन निदेशालय के सूत्रों के मुताबिक आबकारी विभाग के अफसर रहे एपी त्रिपाठी के लैपटॉप और मोबाइल की जांच चल कर रहे हैं। इसमें कई तरह के ऐसे चैट मिले हैं, जो शराब कारोबारियों के साथ किए गए हैं। आपस में हुई उनकी बातचीत में बहुत से कोड वर्ड यूज किए गए हैं। जिसे समझना ईडी के अधिकारियों के लिए भी कठिन हो रहा है। इसमें वक्त लग रहा है। हालांकि इन सभी मैसेज और चैट को डिकोड किया जा रहा है। इन चैट्स में कई तरह की मीटिंग, रुपयों को इधर से उधर करने, कमीशन के लेनदेन की जानकारी शामिल है।

अब तक 180 करोड़ की संपत्ति अटैच
पिछले सोमवार को इसी मामले में ईडी ने बड़ी कार्रवाई करते हुए संपत्तियां जब्त की। आधिकारिक जानकारी में कहा गया कि, अनवर ढेबर, अरुणपति त्रिपाठी और अनिल टुटेजा से 121.87 करोड़ की 119 अचल संपत्ति अटैच की गई है। शराब घोटाला मामले में अब तक प्रदेश में कुल 180 करोड़ रुपए की संपत्ति अटैच की जा चुकी है। इसमें कैश, एफडी भी होल्ड किए गए हैं।