नई दिल्ली। भारत एवं नेपाल ने अपने सदियों से चले आ रहे घनिष्ठ संबंधों में ‘विकास साझीदारी’ को ‘सुपरहिट’ बनाने का संकल्प लिया और रेल, हवाई, जलीय कनेक्टिविटी तथा पेट्रोलियम पाइपलाइन, विद्युत पारगमन लाइनों को विस्तार देने की छह परियोजनाओं काे आज क्रियान्वित किया और पारगमन संधि सहित सात समझौतों पर हस्ताक्षर किये।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्पकमल दहल प्रचंड के बीच आज यहां हैदराबाद हाउस में हुई द्विपक्षीय बैठक में ये निर्णय लिये गये। बैठक में रक्सौल से काठमांडू तक रेलवे लाइन बिछाने की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट नेपाली पक्ष को सौंपी गयी। इसके अलावा भारत ने नेपाल से दस साल तक दस हजार मेगावाट जलविद्युत खरीदने का भी समझौता किया। नेपाल के प्रधानमंत्री श्री दहल ने प्रधानमंत्री श्री मोदी को नेपाल यात्रा पर आने के लिए निमंत्रित भी किया।
बैठक के बाद दोनों नेताओं ने संयुक्त रूप से रिमोट कंट्रोल के माध्यम से जयनगर-कुर्था रेलवे लाइन के बिजलपुरा तक विस्तार का लोकार्पण किया। भारतीय अनुदान के तहत नवनिर्मित रेल लिंक बथनाहा (भारत) से नेपाल सीमा शुल्क यार्ड तक एक भारतीय रेलवे कार्गो ट्रेन का हरी झंडी दिखा कर शुभारंभ किया। इसके अलावा नेपालगंज (नेपाल) और रुपईडीहा (भारत) में एकीकृत चेकपोस्ट (आईसीपी) का उद्घाटन किया तथा भैरहवा (नेपाल) और सोनौली (भारत) में आईसीपी, मोतिहारी-अमलेखगंज पेट्रोलियम पाइपलाइन के तहत दूसरे चरण की सुविधा और दोनों देशों के उपक्रमों पीजीसीआईएल और एनईए के संयुक्त रूप से बनाई जा रही गोरखपुर-बुटवल विद्युत पारेषण लाइन के भारतीय हिस्से का शिलान्यास किया।
इसके बाद दोनों देशों के बीच पारगमन संधि के हस्ताक्षरित दस्तावेज के आदान प्रदान के अलावा मोतिहारी अमलेखगंज पेट्रोलियम पाइपलाइन के चितवन तक विस्तार, सिलीगुड़ी से पूर्वी नेपाल के झापा तक एक अन्य पेट्रोलियम पाइपलाइन बिछाने एवं चितवन और झापा में नए पेट्रोलियम भंडार स्थापित करने के समझौते, भारत-नेपाल सीमा पर दोधरा चांदनी चेक पोस्ट के बुनियादी ढांचे के निर्माण, सुषमा स्वराज इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेन सर्विस (एसएसआईएफएस) और इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेन अफेयर्स, नेपाल के बीच सहयोग के करार, सीमा पार भुगतान के लिए एनपीसीआईएल और एनसीएचएल, नेपाल के बीच सहयोग के समझौते, सतलुज जलविद्युत निगम और नेपाल निवेश बोर्ड के बीच लोअर अरुण जलविद्युत परियोजना के विकास के समझौते तथा फुकोट-करनाली जलविद्युत परियोजना के विकास के लिए एनएचपीसी और वीयूसीएल, नेपाल के बीच करार के दस्तावेजों का भी आदान प्रदान किया गया।
श्री मोदी ने अपने प्रेस वक्तव्य में कहा, “मुझे याद है, 9 साल पहले 2014 में कार्यभार संभालने के 3 महीने के भीतर, मैंने नेपाल की अपनी पहली यात्रा की थी। उस समय मैंने भारत-नेपाल संबंधों के लिए ‘हिट’ यानी (हाईवेज़, आईवेज़ एवं ट्रांसवेज़) फार्मूला दिया था। मैंने कहा था कि भारत-नेपाल के बीच ऐसे संबंध स्थापित करेंगे कि हमारी सीमाएं बाधा न बनें। ट्रकों की जगह पाइपलाइन से तेल का निर्यात होना चाहिए। साझा नदियों के ऊपर सेतु बनाने चाहिए। नेपाल से भारत को बिजली निर्यात करने के लिए सुविधाएं बनाई जानी चाहिए। आज, 9 साल बाद, मुझे कहते हुए ख़ुशी है कि हमारी साझीदारी वाकई में ‘हिट’ है।”
उन्होंने कहा कि पिछले 9 सालों में हमने अनेक क्षेत्रों में कई उपलब्धियाँ हासिल की हैं। बीरगंज में नेपाल की पहली एकीकृत जांच चौकी बनाई गयी। भारत-नेपाल के बीच हमारे क्षेत्र की पहली सीमापार पेट्रोलियम पाइपलाइन बनाई गयी। हमारे बीच पहली ब्रॉड-गेज रेल लाइन स्थपित की गयी है। सीमा पार नई पारेषण लाइनों का निर्माण किया गया है। अब हम नेपाल से 450 मेगावाट से अधिक बिजली आयात कर रहे हैं।
श्री मोदी ने कहा, “आज मैंने और प्रधानमंत्री प्रचण्ड जी ने भविष्य में अपनी साझीदारी को ‘सुपरहिट’ बनाने के लिए बहुत से महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। आज पारगमन संधि संपन्न की गयी है। इसमें नेपाल के लोगो के लिए, नए रेल रूट्स के साथ साथ, भारत के अंतरदेशीय जलमार्गों की सुविधा का भी प्रावधान किया गया है।” उन्होंने कहा कि हमने नए रेल लिंक स्थापित कर भौतिक कनेक्टिविटी को बढ़ाने का निर्णय लिया है। इसके साथ-साथ, भारतीय रेल संस्थानों में नेपाल के रेल कर्मियों को प्रशिक्षण प्रदान करने का भी निर्णय लिया गया है। नेपाल के सुदूर पश्चिमी क्षेत्र से कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के लिए, शिरशा और झूलाघाट में महाकाली नदी पर दो और पुल बनाए जाएंगे। सीमापार डिजिटल पेमेंट के माध्यम से वित्तीय कनेक्टिविटी में उठाये गए क़दम भी सराहनीय हैं। इसका लाभ हजारों विद्यार्थी, लाखो सैलानियों और तीर्थ यात्रियों के साथ-साथ मेडिकल उपचार के लिए भारत आने वाले मरीजों को भी मिलेगा।
उन्होंने कहा कि तीन ‘आईसीपी” के निर्माण से आर्थिक कनेक्टिविटी सुदृढ़ होगी। पिछले साल हमने बिजली के क्षेत्र में सहयोग के लिए एक दृष्टिपत्र को अपनाया था। इसको आगे बढ़ाते हुए, आज भारत और नेपाल के बीच दीर्घकालिक ऊर्जा व्यापार समझौता संपन्न किया गया है। इसके अंतर्गत हमने आने वाले दस वर्षो में, नेपाल से दस हजार मेगावाट बिजली आयात करने का लक्ष्य रखा है। फुकोट-कर्णाली और लोअर अरुण जलविद्युत परियोजनाओं पर हुए समझौतों से विद्युत् क्षेत्र में सहयोग को और बल मिला है।
प्रधानमंत्री ने कहा, “भारत और नेपाल के धार्मिक और सांस्कृतिक संबंध बहुत पुराने और मजबूत हैं। इस सुन्दर कड़ी को और मजबूती देने के लिए प्रधानमंत्री प्रचण्ड जी और मैंने निश्चय किया है कि रामायण सर्किट से संबंधित परियोजनाओं में तेजी लायी जानी चाहिए।”
श्री मोदी ने नेपाल में नैनो उर्वरक के कारखाने के लिए काम करने पर प्रसन्नता व्यक्त की और कहा कि हम अपने रिश्तों को हिमालय जितनी ऊंचाई देने के लिए काम करते रहेंगे और इसी भावना से हम सभी मुद्दों को, चाहे सीमा का हो या कोई और विषय, सभी का समाधान करेंगे।
प्रधानमंत्री ने नेपाली प्रधानमंत्री को उनकी इंदौर एवं उज्जैन यात्रा के लिए शुभकामनाएं देते हुए कहा, “मुझे विश्वास है कि आपकी उज्जैन यात्रा ऊर्जामयी होगी, और पशुपतिनाथ से महाकालेश्वर की इस यात्रा में आपको अध्यात्मिक अनुभूति भी होगी।”
नेपाली प्रधानमंत्री ने अपने वक्तव्य में श्री मोदी की पड़ोसी प्रथम की नीति और भारत की आर्थिक प्रगति एवं उपलब्धियों की सराहना करते हुए भारत के विभिन्न शहरों से महेन्द्रनगर, भैरवाह, पोखरा के हवाई अड्डों के लिए उड़ानें शुरू करने और सीमा मसले का समाधान करने तथा भारत से नेपाली कृषि उत्पादों पर डंपिंग रोधी शुल्क को हटाने का अनुरोध किया। श्री दहल ने नेपाल में नैनो यूरिया के संयंत्र लगाने के श्री मोदी के प्रस्ताव पर भी प्रसन्नता व्यक्त की।
बाद में विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने एक संवाददाता सम्मेलन में भारत नेपाल द्विपक्षीय शिखर बैठक की जानकारी दी और पत्रकारों के सवालों के जवाब में कहा कि सेना में भर्ती की अग्निवीर योजना और गणमान्य नागरिकों की रिपोर्ट के बारे में कोई चर्चा नहीं हुई।