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0 35 घंटे हवा में रह सकता है

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 21 से 24 जून तक अमेरिका के दौरे पर जाने वाले हैं। उनकी इस यात्रा की तैयारियों के बीच रक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को अमेरिका से प्रीडेटर ड्रोन सौदे को मंजूरी दे दी। इसके लिए अंतिम फैसला सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीएस) करेगी।

रक्षा सूत्रों ने न्यूज एजेंसी को बताया कि 15 जून को डिफेंस एक्यूजिशन काउंसिल की बैठक में प्रीडेटर ड्रोन के सौदे को मंजूरी दी गई। अब एक्यूजिशन को तय प्रोसेस का पालन करना होगा, फिर सीसीएस इसे मंजूरी देगी।

इंडियन नेवी के पूर्व वाइस चीफ वाइस एडमिरल एसएन घोरमाडे ने बताया कि हमारे पास विशाल समुद्री क्षेत्र है, जहां निगरानी की जरूरत है। इसके अलावा पश्चिमी और उत्तरी इलाकों में कुछ देशों के साथ हमारी सीमा जुड़ी है, वहां भी निगरानी की जरूरत है। इन जरूरतों को ध्यान में रखते हुए हमें इस ड्रोन की जरूरत है। रक्षा मंत्रालय ने इसे मंजूरी देकर अच्छा फैसला लिया है।

35 घंटे हवा में रह सकता है यह ड्रोन
प्रीडेटर ड्रोन करीब 35 घंटे हवा में रह सकता है। यह फुली रिमोट कंट्रोल्ड है। इसके लिए दो लोगों की जरूरत पड़ती है। यह एक बार उड़ान भरने के बाद 1900 किलोमीटर क्षेत्र की निगरानी कर सकता है। सूत्रों के अनुसार यह एक घंटे में 482 किलोमीटर उड़ सकता है। इसके पंखों की लंबाई 65 फीट 7 इंच और इसकी ऊंचाई 12 फीट 6 इंच होती है। प्रीडेटर को नेक्स्ट जेनरेशन ड्रोन कहा जाता है। तय वक्त में जमीन और समंदर दोनों में मिलिट्री मिशन को अंजाम दे सकता है। इजराइल और अमेरिका के अलावा किसी और के पास इतने बेहतरीन और एडवांस्ड ड्रोन नहीं हैं।