Head Office

SAMVET SIKHAR BUILDING RAJBANDHA MAIDAN, RAIPUR 492001 - CHHATTISGARH

tranding

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि विश्व में भारत की स्थिति और कद को देखते हुए उसकी भूमिका व्यापक तथा बड़ी होनी चाहिए।
श्री मोदी ने अमेरिका और मिस्र की यात्रा पर रवाना होने से पहले वॉल स्ट्रीट जनरल को दिये साक्षात्कार में कहा कि अमेरिका और भारत के नेताओं के बीच परस्पर भरोसा बढा है और दोनों देशों के संबंध मजबूत हुए हैं। उन्होंने कहा कि भारत को किसी को उसके स्थान से हटाना नहीं चाहता है। हम चाहते हैं कि भारत को दुनिया में उसका उचित स्थान मिले। भारत की भूमिका बड़ी तथा व्यापक होनी चाहिए। आज के युग में दुनिया परस्पर जुड़ी हुई है और एक दूसरे पर पहले से कहीं अधिक निर्भर है। मजबूत आपूर्ति व्यवस्था बनाने के लिए आपूर्ति श्रंखला में और विविधता लाये जाने की जरूरत है। 

चीन के साथ संबंधों को सामान्य बनाये जाने से संबंधित सवाल के जवाब में उन्होंने कहा “सीमा पर शांति तथा मैत्री का माहौल जरूरी है। हमारा मजबूती से मानना है कि सभी की संप्रभुता और प्रादेशिक अखंडता का सम्मान होना चाहिए, नियमों का पालन होना चाहिए तथा मतभेद और विवादों का शांतिपूर्ण समाधान होना चाहिए। उन्होंने जोर दिया कि भारत अपनी संप्रभुता और सम्मान की रक्षा के लिए पूरी तरह तैयार तथा प्रतिबद्ध है।

उन्होंने कहा कि सभी देशों को अंतर्राष्ट्रीय कानूनों और अन्य देशों की संप्रभुता का सम्मान करना चाहिए। विवादों का समाधान कूटनीति तथा संवाद से हाेना चाहिए। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों का कहना है कि हम तटस्थ हैं लेकिन हम तटस्थ नहीं हैं। हम शांति के पक्षधर हैं। उन्होंने कहा कि दुनिया को पूरा भरोसा है कि भारत की प्राथमिकता शांति ही है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के बारे में पूछे गये सवाल के जवाब में श्री मोदी ने कहा कि परिषद की मौजूदा सदस्यता का आंकलन होना चाहिए और दूनिया से पूछा जाना चाहिए कि क्या वह चाहती है कि भारत को इसमें जगह मिले। उन्होंने कहा कि भारत टकरावों के शांतिपूर्ण समाधान के लिए वह सभी प्रयास करेगा जो वह कर सकता है।

एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंन कहा कि मैं आजाद भारत में जन्म लेने वाला देश का पहला प्रधानमंत्री हूं और इसीलिए मेरे विचार , व्यवहार , मैं क्या कहता हूं , क्या करता हूं, वे मेरे देश की परंपराओं से प्रभावित तथा प्रेरित हैं । मुझे इससे ताकत मिलती है। मैं दुनिया के समक्ष अपने देश को वैसा ही पेश करता हूं जैसा मेरा देश है और अपने आप को भी वैसे ही पेश करता हूं जैसा मैं हूं।