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न्यूयार्क। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के माध्यम से योग एक वैश्विक आंदोलन बन गया है।
अमेरिका की यात्रा पर गए श्री मोदी ने बुधवार को नौवें अंतर्राष्ट्रीय योग पर अपने एक वीडियो संदेश में देशवासियों को 'अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस' की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि इस बार विभिन्न दायित्वों की वजह से वह अमेरिका में हैं।

उन्होंने कहा कि वह भारतीय समयानुसार आज शाम शेड पांच बजे बजे संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में आयोजित योग दिवस समारोह में शामिल होंगे।
श्री मोदी ने कहा कि भारत के आह्वान पर दुनिया के 180 से ज्यादा देशों का एक साथ आना, ऐतिहासिक और अभूतपूर्व है। उन्होंने कहा ,“ आप सबको याद होगा, 2014 में जब यूएन जनरल एसम्ब्ली में योग दिवस का प्रस्ताव आया, तो रिकॉर्ड देशों ने इसे समर्थन दिया था। तब से लेकर आज तक, अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के जरिए योग एक वैश्विक आंदोलन बन गया है, ग्लोबल स्पिरिट बन गया है।”

श्री मोदी ने कहा कि इस साल योग दिवस के कार्यक्रमों को ‘ओसियन रिंग ऑफ योग’ ने और विशेष बना दिया है। यह योग के विचार और समुद्र के विस्तार के पारस्परिक संबंध पर आधारित है। सेना के जवानों ने भी हमारे जलस्रोतों के साथ एक 'योग भारतमाला और योग सागरमाला' बनाई है। इसी तरह, आर्कटिक से लेकर अंटार्कटिका तक भारत के दो रिसर्च बेस यानि पृथ्वी के दो ध्रुव भी योग से जुड़ रहे हैं। योग के इस अनूठे समारोह में देश-दुनिया के करोड़ों लोगों का इतने सहज स्वरूप में शामिल होना, योग के प्रसार और प्रसिद्धि को उसके महात्म्य को उजागर करता है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि योग के लिए कहा गया है- 'योगः कर्मसु कौशलम्'। यानी, कर्म में कुशलता ही योग है। आज़ादी के अमृतकाल में ये मंत्र हम सभी के लिए बहुत अहम है।जब हम अपने कर्तव्यों के लिए समर्पित हो जाते हैं, तो हम योग की सिद्धि तक पहुँच जाते हैं। योग के जरिए हम निष्काम कर्म को जानते हैं, हम कर्म से कर्मयोग तक की यात्रा तय करते हैं। मुझे विश्वास है, योग से हम अपने स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाएँगे, और इन संकल्पों को भी आत्मसात करेंगे। हमारा शारीरिक सामर्थ्य, हमारा मानसिक विस्तार, हमारी चेतना शक्ति, हमारी सामूहिक ऊर्जा विकसित भारत का आधार बनेंगे।