0 मनोज झा बोले- खुले मन से हुई बात
नई दिल्ली। मणिपुर की मौजूदा स्थिति पर शनिवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक संपन्न हो गई। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सभी राजनीतिक दलों को मौजूदा हालातों की जानकारी दी। संसद भवन में करीब 3 घंटे तक चली। इस बैठक में भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, राजद, वामदलों समेत विभिन्न राजनीतिक दलों ने हिस्सा लिया।
राजद सांसद मनोज झा के मुताबिक सर्वदलीय बैठक में खुले मन से बातचीत हुई और तमाम दलों ने अपनी राय दी। उन्होंने कहा कि खुले मन से बात हुई हम सबने अपनी राय रखी। वहां के राजनीतिक नेतृत्व में (लोगों का) अविश्वास है और यह बात सारे विपक्षी दलों ने रखी। हमने कहा कि जो इंसान प्रशासन चला रहा है उसमें कोई विश्वास नहीं है। अगर आपको शांति बहाल करनी है तो आप ऐसे व्यक्ति के रहते नहीं कर सकते हैं।
वहीं, डीएमके सांसद तिरुचि शिवा ने कहा कि हमने मणिपुर को लेकर अपनी चिंताएं रखी हैं। 100 लोग मारे गए हैं और करीब 60,000 लोग विस्थापित हुए हैं।
डीएमके सांसद ने कहा कि इस पर सबसे दुखद यह है कि प्रधानमंत्री ने इस पर एक शब्द तक नहीं कहा। वहां की स्थिति का अच्छे से पता लगाने के लिए एक सर्वदलीय दल को मणिपुर भेजना चाहिए। गृह मंत्री ने हमें आश्वासन दिया है।
बैठक में कौन-कौन रहा मौजूद?
हिंसाग्रस्त राज्य की स्थिति का जायजा लेने के लिए अमित शाह ने बैठक बुलाई थी। बैठक में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड के संगमा, माकपा सांसद जॉन ब्रिटास, आम आदमी पार्टी सांसद संजय सिंह, शिवसेना (यूबीटी) नेता प्रियंका चतुर्वेदी, तृणमूल नेता डेरेक ओ ब्रायन सहित अन्य नेता मौजूद रहे।
क्या है पूरा मामला?
गौरतलब है कि मणिपुर में मेइती और कुकी समुदायों के बीच एक महीने पहले भड़की हिंसा में 100 से अधिक लोगों की जान चली गई है। मेइती समुदाय द्वारा अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा देने की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में 'जनजातीय एकजुटता मार्च' आयोजित किए जाने के बाद तीन मई को पहली बार झड़पें हुईं थीं।
अमित शाह ने किया था चार दिवसीय दौरा
गृह मंत्री शाह ने पिछले महीने चार दिन के लिए राज्य का दौरा किया था और मणिपुर में शांति बहाल करने के अपने प्रयासों के तहत विभिन्न वर्गों के लोगों से मुलाकात की थी। जिसके बाद हथियार सरेंडर करने की कई खबरें सामने आईं थीं।