0 बिष्णुपुर में हिंसा की आशंका पर पुलिस ने रोका था काफिला
इम्फाल। राहुल गांधी सरकारी हेलिकॉप्टर से मणिपुर के चूराचांदपुर पहुंच गए हैं। यहां रिलीफ कैंप में उन्होंने लोगों से मुलाकात की। इससे पहले गुरुवार को वे हिंसाग्रस्त चूराचांदपुर रिलीफ कैम्प जाना चाहते थे, लेकिन पुलिस ने करीब 34 किलोमीटर पहले विष्णुपुर में उनका काफिला रोक दिया था। पुलिस ने कहा था- रास्ते में हिंसा हो सकती है। इसके बाद वे इंफाल लौट आए थे।
पुलिस अधिकारियों ने कहा कि बिष्णुपुर जिले में हाइवे पर टायर जलाए गए थे और काफिले पर कुछ पत्थर फेंके गए थे। इसलिए सावधानी रखते हुए काफिले को विष्णुपुर में रोका गया। राहुल का काफिला रोके जाने के बाद यहां एक गुट उनके समर्थन में जबकि दूसरा उनके विरोध में प्रदर्शन कर रहा है। उन्हें काबू करने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने पड़े।
इस बीच सेना ने कहा है कि हथियार लिए दंगाइयों ने मणिपुर के कांगपोकपी जिले में सुबह 5:30 बजे गोलीबारी की है। सेना ने इसका जवाब दिया और वहां स्थिति अब काबू में है। बाद में वहां से एक शव बरामद हुआ।
काफिला रोकने की वजह समझ से परेः वेणुगोपाल
कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि पुलिस का कहना है कि वे हमें इजाजत देने की स्थिति में नहीं हैं। राहुल का स्वागत करने लिए लोग सड़क के दोनों ओर खड़े हैं। समझ नहीं आ रहा कि उन्होंने हमें क्यों रोका है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने ट्वीट कर कहा कि प्रधानमंत्री इस मुद्दे पर चुप रहना चुन सकते हैं, लेकिन वे मणिपुर के सभी तबकों की आवाज सुनने की राहुल गांधी की कोशिशों को क्यों रोक रहे हैं।
30 जून तक मणिपुर में रहेंगे राहुल
राहुल को मणिपुर के रिलीफ कैंपों का दौरा करना है और सिविल सोसाइटी के नेताओं से मुलाकात करनी है। वे 30 जून तक मणिपुर में रहेंगे। मणिपुर कांग्रेस अध्यक्ष ओकराम इबोबी सिंह ने बताया कि राहुल का सीनियर सिटीजन और कई नेताओं से भी मिलने का भी प्रोग्राम है।
हिंसा में 131 लोग गंवा चुके हैं जान
मणिपुर में 3 मई से कुकी और मैतेई समुदाय के बीच हिंसा जारी है। हिंसा में अब तक 131 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं 419 लोग घायल हुए हैं। 65,000 से अधिक लोग अपना घर छोड़ चुके हैं। आगजनी की 5 हजार से ज्यादा घटनाएं हुई हैं। 6 हजार मामले दर्ज हुए हैं और 144 लोगों की गिरफ्तारी हुई है। हिंसा को देखते हुए राज्य में 30 जून तक इंटरनेट पर प्रतिबंध बढ़ा दिया गया है। राज्य में 36 हजार सुरक्षाकर्मी और 40 IPS तैनात किए गए हैं।