Head Office

SAMVET SIKHAR BUILDING RAJBANDHA MAIDAN, RAIPUR 492001 - CHHATTISGARH

tranding

0 सीएम बघेल ने की थी सिफारिश, डॉ. रमन ने भी लिखा था केंद्र को पत्र

रायपुर। छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार ने राज्य के दो उपजातियों को अनुसूचित सूची में लाने का निर्णय लिया है। यह निर्णय लंबे समय से चली आर रही विसंगति को दूर करेगा, जिसके कारण प्रदेश में निवासरत महार समुदाय के आधे हिस्से को अक्षर और उच्चारण में भिन्नता के कारण अनुसूचित जाति के रूप में मान्यता नहीं दी गई थी।

केंद्र के फैसले के बाद छत्तीसगढ़ में महरा व महार उपजातियों को एक कानून के माध्यम से अनुसूचित जाति वर्ग में शामिल किया जाएगा, जिसे केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय संसद के आगामी मानसून सत्र में लाएगा। सूत्रों के मुताबिक भारत के रजिस्ट्रार जनरल और राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने भूपेश बघेल सरकार की सिफारिश पर अपनी सहमति दे दी है। इसके बाद केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 31 मई को अपनी बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। 

बता दें कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ध्वन्यात्मक विसंगति के कारण महार व महरा के अनुसूचित जाति के दर्जे से छूट दिए जाने के संबंध में केंद्र सरकार को पत्र लिखा था। तीन माह पहले प्रदेश के पूर्व सीएम रहे डॉ. रमन सिंह ने भी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर दोनों उपजातियों को अनुसूचित जाति वर्ग में शामिल करने की मांग की थी। छत्तीसगढ़ महरा व महार समाज की आबादी करीब 6 लाख है। मध्यप्रदेश में उक्त दोनों नाम के उपजाति को पहले ही अनुसूचित जाति का दर्जा मिल चुका है। 

सूत्रों के मुताबिक महार, महरा जाति को महार, मेहरा तथा मेहर के पर्यायवाची के रूप में शामिल किया जाएगा। ये छत्तीसगढ़ में अनुसूचित जाति की सूची में पहले से मौजूद नामों के ध्वन्यात्मक रूप मात्र है। सरकार के इस फैसले से लंबे समय से चली आ रही समाज की शिकायतों का समाधान हो जाएगा। जो छत्तीसगढ़ में महार आबादी का लगभग आधा हिस्सा अनुसूचित जाति के दर्जे से वंचित था। इससे उन्हें नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण के साथ-साथ अनुसूचित जाति के लिए उपलब्ध अन्य सुविधाओं का लाभ भी नहीं मिल रहा था। 

CBI investigation Corruption in 7 cases Dr Raman Singh attack on CM Bhupesh  Baghel Said government of scams - CBI ने 7 मामलों में मांगी जांच की सहमति,  डॉ. रमन का CM