0 आप बोली- बैठक में शामिल होंगे
नई दिल्ली। 2024 लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी दल 17-18 जुलाई को बेंगलुरु में मीटिंग करेंगे। मीटिंग से एक दिन पहले रविवार को कांग्रेस ने दिल्ली में अफसरों के ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ आम आदमी पार्टी (आप) का समर्थन करने की घोषणा कर दी।
कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि केंद्र सरकार के अध्यादेश के खिलाफ हम संसद में आप का समर्थन करेंगे। कल बेंगलुरु में होने वाली विपक्षी एकता की मीटिंग में आप भी शामिल होगी। कांग्रेस के फैसले पर आप सांसद राघव चड्ढा बोले कि यह एक अच्छी पहल है।
कांग्रेस के इस ऐलान के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर पार्टी की राजनीतिक मामलों की समिति (पीएसी) की बैठक हुई। इसमें राघव चड्ढा, गोपाल राय, आतिशी पार्टी जैसे कई नेता मौजूद रहे। बैठक में आप ने तय किया कि वो विपक्ष की बैठक में शामिल होगी। 20 जुलाई को संसद का मानसून सत्र शुरू होने वाला है। केंद्र सरकार इस सत्र में 21 बिल लाने वाली है, जिसमें दिल्ली में अफसरों के ट्रांसफर-पोस्टिंग के अधिकार को लेकर 20 मई को लाया गया अध्यादेश भी शामिल है। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल इस अध्यादेश के खिलाफ विपक्ष का समर्थन जुटा रहे हैं।
इससे पहले 23 जून को पटना में बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने विपक्षी दलों की बैठक बुलाई थी। इसमें आप समेत 17 दल शामिल हुए थे। तब बैठक में केजरीवाल ने कहा था कि कांग्रेस ने अगर अध्यादेश पर हमारा समर्थन नहीं किया तो हम विपक्ष की बैठक में नहीं आएंगे।
दिल्ली और पंजाब कांग्रेस समर्थन का विरोध कर रही थी
कांग्रेस पार्टी की दिल्ली और पंजाब यूनिट आप को समर्थन देने के खिलाफ थी। दिल्ली में पार्टी के नेता अजय माकन और पंजाब में पार्टी अध्यक्ष राजा वडिंग ने कहा था कि राज्य में हम जिसके खिलाफ लड़ रहे हैं, उन्हें समर्थन क्यों दें। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी ने 29 मई को दोनों राज्यों के नेताओं के साथ मीटिंग की थी। मीटिंग से निकलकर दिल्ली और पंजाब के नेताओं ने कहा कि हमने समर्थन देने या नहीं देने का फैसला पार्टी हाईकमान पर छोड़ दिया है। अंतिम फैसला वही करेंगे।