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भुवनेश्वर। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुरुवार को कहा कि भौतिकवादी परिवर्तन खुशी का कारक हो सकती है, लेकिन यह मानसिक शांति आध्यात्मिक मार्ग पर चलकर ही प्राप्त की जा सकती है इसलिए मानवता के लिए भौतिक एवं आध्यात्मिक विकास आवश्यक है।

सुश्री मुर्मू ने आज यहां शहर के बाहरी इलाके दसाबतिया में प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के ‘दिव्य लाइट हाउस’ की आधारशिला रखते हुए यह मंतव्य जाहिर किया। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी परिवर्तन की चालक है और विकास के लिए परिवर्तन अपरिहार्य एवं आवश्यक है।

उन्होंने कहा कि प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय सिर्फ एक संगठन नहीं है, बल्कि महिलाओं की ओर से चलाया जाने वाला एक सामाजिक और आध्यात्मिक अभियान भी है। उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय ध्यान और अनुशासित जीवन शैली के माध्यम से आध्यात्मिकता का मार्ग प्रशस्त कर रहा है। राष्ट्रपति ने कहा कि समय-समय पर कुछ नकारात्मक विचार हमारे मन को परेशान करते हैं और आत्मनिरीक्षण की कमी के कारण हम नकारात्मक सोच का शिकार होने लगते हैं। 

श्रीमती मुर्मू ने कहा कि हमारे अंदर ईर्ष्या और नफरत की भावना बढ़ने लगती है। आज हमारे सामने सबसे बड़ी चुनौती नकारात्मक विचारों से छुटकारा पाकर सकारात्मकता की ओर कदम बढ़ाना है। 

उन्होंने मानवता को जागरूक करने और लोगों को सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ने में मदद करने के लिए ब्रह्माकुमारीज संगठन के प्रयासों की सराहना की।
इस मौके पर उन्होंने सेमिनार और सम्मेलन आयोजित करने के लिए वर्ष की थीम ‘सकारात्मक परिवर्तन का वर्ष’ को भी लॉन्च किया।