Head Office

SAMVET SIKHAR BUILDING RAJBANDHA MAIDAN, RAIPUR 492001 - CHHATTISGARH

tranding

नई दिल्ली। लोकसभा में मणिपुर के मामले में विपक्ष के हंगामे एवं शोरशराबे के बीच दो महत्वपूर्ण विधेयक -जनविश्वास (प्रावधानों में संशोधन) विधेयक 2023 तथा निरसन एवं संशोधन विधेयक 2022 को आज पारित कर दिया गया।

सभा की कार्यवाही तीन बजे जैसे फिर से शुरू हुई पीठासीन अधिकारी किरीट सोलंकी ने वाणिज्य उद्योग, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री पीयूष गोयल को जनविश्वास (प्रावधानों में संशोधन) विधेयक 2023 पेश करने के लिए कहा। उधर विपक्ष के सांसद काली पोशाकों में सदन के बीचों बीच आ गये और मोदी सरकार शर्म करो के नारे लगाने लगे। तभी सत्तापक्ष से मांग की गयी कि विपक्ष की ओर से कागज़ फाड़कर आसन की ओर फेंके गये हैं तो पीठासीन अधिकारी उस सदस्य का नाम लेकर उसे निलंबित करें। इस पर श्री सोलंकी ने कहा कि आसन पर कागज़ फेंकना आसन का अपमान है। आशा है कि आइन्दा से कोई नहीं करेगा।

इस बीच शोरशराबे को रोकने के प्रयास में संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा कि सरकार दोनों सदनों में मणिपुर पर चर्चा करना चाहती है। सरकार के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव आया है और लोकसभा अध्यक्ष नियमानुसार चर्चा की तिथि तय करेंगे। सरकार का मन खुला है और हम चर्चा करना चाहते हैं। विपक्ष भी बैठकर चर्चा करे।

नारेबाजी एवं हंगामा नहीं रुका तो उसी बीच श्री गोयल ने विधेयक पेश किया जिस पर संक्षिप्त चर्चा हुई। गौरतलब है कि इसे दिसंबर 2022 में सदन में पेश किया गया था जिस पर एक संयुक्त संसदीय समिति ने विचार करके यह मसौदा तैयार किया है। भाजपा के राजेन्द्र अग्रवाल से कारोबारी सुगमता एवं जीवन की सुगमता के लिए इस विधेयक को महत्वपूर्ण बताया और कहा कि 19 मंत्रालयों के 42 कानूनों के 183 ब्रिटिशराज के दौरान बने प्रावधानों को गैरअपराधिक बनाया गया है। छोटी छोटी गलतियों पर छोटे कारोबारियों एवं दुकानदारों को जेल की सजा के प्रावधानों को बदला गया है। बार बार गलती करने पर जुर्माने की राशि बढ़ती जाएगी। उन्होंने कहा कि इस विधेयक के पारित होने से देश के लाखों छोटे कारोबारी खुश हैं और जनता के मन में मोदी सरकार के प्रति विश्वास मजबूत हुआ है।

वाईएसआर कांग्रेस की वी सत्यवती ने भी विधेयक का समर्थन किया और कहा कि उनकी पार्टी की कुछ चिंताएं हैं जिन्हें सरकार को दूर करना चाहिए। बहुजन समाज पार्टी के मलूक नागर ने कहा कि इसी विधेयक की तर्ज पर किसानों को भी राहत देनी चाहिए ताकि किसानों का भी विश्वास जीता जा सके। किसानों को जीएसटी नहीं लिया जाना चाहिए।

इस संक्षिप्त चर्चा का जवाब देते हुए श्री गोयल ने कहा कि 2014 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा था कि उनकी सरकार गरीबों, दलितों, आदिवासियों को समर्पित होगी और महिलाओं एवं युवाओं की चिंता करेगी। उनके शासनकाल में 140 करोड़ लोगों के जीवन में बदलाव आया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने अप्रासंगिक हो चुके 1500 से अधिक कानून एवं 40 हजार से अधिक प्रावधानों को समाप्त किया है। श्री मोदी की सोच है कि छोटी मोटी गलती के लिए किसी को जेल की सजा नहीं होनी चाहिए। छोटे कारोबारियों से दुर्व्यवहार नहीं होना चाहिए। उन्होंने संयुक्त समिति को धन्यवाद दिया और सदन में सभी दलों से विधेयक को समर्थन देने की अपील की। इसके बाद जनविश्वास (प्रावधानों में संशोधन) विधेयक को ध्वनिमत से पारित किया गया।

पीठासीन अधिकारी श्री सोलंकी ने इसके बाद 76 कानूनों को निरस्त करने के प्रावधान वाले निरसन एवं संशोधन विधेयक 2022 पेश करने के लिए कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल का नाम पुकारा। श्री मेघवाल ने विधेयक पेश किया और कहा कि यह विधेयक भी कारोबारी सुगमता एवं जीवन की सुगमता के लिए महत्वपूर्ण है। इसमें पहले 65 कानूनों को निरस्त करने का प्रावधान था लेकिन अब इसमें 11 कानून और जोड़े गये हैं। इस प्रकार से 76 कानूनों को निरस्त किया जा रहा है जो औपनिवेशिक काल के हैं। इनके कारण नागरिकों को परेशान होना पड़ता था और इनका कोई औचित्य नहीं था। उन्होंने कहा कि अब तक 1486 कानून निरस्त हो चुके हैं और इन 76 कानून को मिला कर कुल 1562 कानून समाप्त हो रहे हैं।

इसके बाद पीठासीन अधिकारी ने मंत्री के तीनों संशोधनों को विधेयक में शामिल करके विधेयक को ध्वनिमत से पारित कराया। सदन में शोरशराबा निरंतर चलता रहा। इसके बाद श्री सोलंकी ने सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित करने की घोषणा कर दी।

tranding