0 लोकसभा में केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से दिया गया जवाब
नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मंगलवार को लोकसभा में बताया कि वीर सावरकर को भारत रत्न देने के सुझाव अलग-अलग जगहों से आते रहते हैं। इसके लिए किसी औपचारिक सुझाव की जरूरत नहीं होती। भारत रत्न किसे देना है, इस बारे में सरकार फैसला लेती है।
दरअसल, लोकसभा में एक सवाल में पूछा गया था कि सरकार ने फ्रीडम फाइटर वीर सावरकर को भारत रत्न देने की दिशा में कोई कदम उठाया है? क्या सरकार को किसी जनप्रतिनिधि की ओर से इस बारे में सिफारिश मिली है।
भाजपा, शिवसेना जैसी पार्टियों के अलावा हिंदूवादी संगठन कई बार वीर सावरकर को भारत रत्न देने की मांग कर चुके हैं। वहीं, कांग्रेस का कहना है कि सावरकर ने अंग्रेजों से माफी मांगी थी और उन्हें अंग्रेजों से हर महीने 60 रुपए की पेंशन भी मिलती थी। गांधी की हत्या में उनका नाम आया था, ऐसे शख्स को भारत रत्न नहीं दिया जाना चाहिए।
उधर, साल 2020 में भारत के संस्कृति मंत्रालय ने संसद में बताया कि अंडमान और निकोबार प्रशासन के पास ऐसा कोई रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है, जिससे यह स्पष्ट हो कि सावरकर ने अंग्रेजों से माफी मांगी थी या नहीं।
उद्धव ठाकरे ने सावरकर को भारत रत्न देने की मांग की
उद्धव ठाकरे ने सितंबर 2019 में वीर सावरकर को भारत रत्न देने की मांग की थी। एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा था- अगर सावरकर देश के पहले प्रधानमंत्री बने होते तो पाकिस्तान कभी अस्तित्व में नहीं आता। हम गांधी और नेहरू के कामों से इनकार नहीं करते हैं। यह कहना ठीक है कि महात्मा गांधी और जवाहरलाल नेहरू ने देश के लिए योगदान दिया, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि किसी और ने भी राष्ट्र के विकास में योगदान नहीं दिया।