Head Office

SAMVET SIKHAR BUILDING RAJBANDHA MAIDAN, RAIPUR 492001 - CHHATTISGARH

tranding

0 महाराष्ट्र के राज्यपाल रमेश बैस का अभिनंदन समारोह
0 चुनाव से पहले बैस समर्थकों के शक्ति प्रदर्शन के तौर पर निकाले गए सियासी मायने

रायपुर। रायपुर के इंडोर स्टेडियम में बुधवार को महाराष्ट्र के राज्यपाल रमेश बैस के सम्मान में नागरिक अभिनंदन समारोह का आयोजन किया गया। जिसमें अलग-अलग समाज के प्रमुख लोगों के अलावा बड़ी संख्या में बीजेपी के नेता और कार्यकर्ता दिखाई दिए। इसके अलावा लोरमी विधायक धर्मजीत सिंह और बलौदा बाजार विधायक प्रमोद शर्मा भी कार्यक्रम में मौजूद रहे, जिनके बीजेपी में शामिल होने के कयास लगाए जा रहे हैं।

हमर सियान हमर अभिमान के नाम से राज्यपाल बैस का ये अभिनंदन समारोह आयोजित किया गया। यहां पहुंचे लोगों को सम्बोधित करते हुए रमेश बैस ने कहा कि आज ये सम्मान मेरा नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ की जनता का है। उन्होंने कहा कि मैंने कभी सपनें में भी ये नहीं सोचा था कि कभी राजनीति में आऊंगा। जो पार्टी ने कहा मैंने किया, मुझे पार्षद की टिकट मिली चुनाव लड़ा, विधायक की मिली तब भी चुनाव लड़कर जीता और फिर लोकसभा का चुनाव लड़ा।

उस समय की चुनौतियों को लेकर बैस ने कहा कि बड़े कांग्रेस नेता जिन्हें सब जानते हैं, उनकी बराबरी कैसे कर पाउंगा ये विचार मन में चल रहा था लेकिन ठाकरे जी ने सपोर्ट किया। राज्यपाल रमेश बैस ने कहा कि 40 साल की राजनीति में कोई दाग नहीं है, कोई भी ये नही बोल सकता कि बैस जी ने कोई गलत काम किया है,उन्होंने कहा कि सभी की दुआ और आशीर्वाद के चलते वे यहां तक पहुंचे हैं। बैस ने कहा कि मैं रायपुर में रहूं या ना रहूं लेकिन आपके प्रति जो प्रेम है वो दिखाई देता है इसके लिए उन्होंने छत्तीसगढ़ की जनता का आभार व्यक्त किया।

क्या हैं कार्यक्रम के सियासी मायने
राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक रमेश बैस की प्रदेश की राजनीति मंे सक्रियता के दौरान उनके समर्थकों का बड़ा वर्ग रहा है हांलाकि उन्होंने अपने सियासी सफर में केन्द्र की ही राजनीति ज्यादा की है लेकिन प्रदेश में सर्व स्वीकार्य नेता के रूप में बैस जाने जाते रहे हैं। प्रदेश में बीजेपी के हाथ से सत्ता जाने और कांग्रेस की सरकार आने के बाद परिस्थितियां बदली हैं। यहां की सियासत में छत्तीसगढ़ियावाद भी देखने को मिल रहा है। रमेश बैस प्रदेश में ओबीसी वर्ग का बड़ा छत्तीसगढ़िया चेहरा हैं। ऐसे में बैस समर्थकों को इस कार्यक्रम के बहाने शक्ति प्रदर्शन का बड़ा मौका मिला है। ताकी वे प्रदेश की सियासत में अपनी पूरी सक्रियता दिखा पाएं। समर्थकों ने बड़े कार्यक्रम का आयोजन कर ये मैसेज भी देने की कोशिश की है कि आगामी चुनाव में उनकी भी बड़ी भागीदारी होने वाली है।

 7 बार लोकसभा जीतने का रिकॉर्ड
रमेश बैस का जन्म 2 अगस्त 1947 को रायपुर में हुआ। बैस को पहली बार 1978 में पहली बार रायपुर नगर निगम में पार्षद चुना गया। 1980 से 1984 तक वे अविभाजित मध्यप्रदेश में विधानसभा के सदस्य भी रहे हैं। साल 1982 से 1988 तक मध्यप्रदेश के प्रदेश मंत्री के पद पर भी कार्य कर चुके हैं। 7 बार लगातार चुनाव जीतने वाले रमेश बैस 1989 में पहली बार लोकसभा चुनाव में नजर आए यहां उन्होंने जीत हासिल कर संसद में अपनी जगह बनाई। मार्च 1998 से अक्टूबर 1999 तक केन्द्रीय राज्य मंत्री, इस्पात और खान रहे। अक्टूबर 1999 से सितम्बर 2000 तक केन्द्रीय राज्य मंत्री, रसायन उर्वरक रहे। सितंबर 2000 से जनवरी 2003 तक केन्द्रीय राज्य मंत्री सूचना प्रसारण। जनवरी 2003 से जनवरी 2004 केन्द्रीय राज्य मंत्री, खान मंत्रालय। जनवरी 2004 से मई 2004 तक केन्द्रीय राज्य मंत्री, पर्यावरण और वन मंत्रालय के पद पर काम किया। साल 2019 में पार्टी ने उन्हें लोकसभा का टिकट नहीं दिया लेकिन इसके बाद उन्हें त्रिपुरा का राज्यपाल बनाया गया और फिर झारखंड की जिम्मेदारी दी गई और अब रमेश बैस महाराष्ट्र जैसे बड़े राज्य के राज्यपाल हैं।

कार्यक्रम के दौरान विधायक धर्मजीत सिंह भी मौजूद रहे। हाथ जोड़कर अभिवादन करते सिंह।