0 कहा- न्याय के लिए सर्वे जरूरी है
प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गुरुवार को ज्ञानवापी परिसर के एएसआई सर्वे की इजाजत दे दी। हाईकोर्ट ने अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी की याचिका खारिज करते हुए सेशन कोर्ट के आदेश का तत्काल पालन करने, यानी सर्वे शुरू करने का ऑर्डर दिया। चीफ जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर की एकल पीठ ने यह फैसला सुनाया।
फैसले के बाद वाराणसी में एएसआई टीम और जिला प्रशासन की मीटिंग हुई। डीएम एस. राजलिंगम ने बताया कि कल यानी शुक्रवार से दोबारा सर्वे शुरू होगा। अदालत ने सर्वे पर रोक लगाने से इनकार करते हुए कहा है कि न्याय के लिए यह सर्वे जरूरी है। कुछ शर्तों के साथ इसे लागू करने की जरूरत है। सर्वे करिए, लेकिन बिना खुदाई किए।
विश्व वैदिक सनातन संघ की संस्थापक सदस्य और श्रृंगार गौरी मुकदमे की मुख्य वादी पक्षकार राखी सिंह की ओर से सुप्रीम कोर्ट में केविएट याचिका दाखिल कर दी गई है। उधर, मुस्लिम पक्ष के वकील मुमताज अहमद ने कहा कि वह अब सुप्रीम कोर्ट जाएंगे।
पिछली सुनवाई में हाईकोर्ट ने एएसआई से सुनवाई खत्म होने तक मस्जिद का सर्वे शुरू नहीं करने को कहा था। जुलाई के अंतिम सप्ताह में कोर्ट में दोनों पक्षों की तरफ से लगातार दो दिन बहस चली थी। कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद 27 जुलाई को अपने फैसले को रिजर्व कर लिया था।
एएसआई टीम के साथ जिला प्रशासन की बैठक
कमिश्नरेट सभागार में एएसआई की टीम के साथ वाराणसी जिला प्रशासन की बैठक हुई। इसमें डीएम एस राजलिंगम, पुलिस कमिश्नर अशोक मुथा जैन सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे। बैठक में तय हुआ कि सर्वे शुक्रवार से शुरू होगा। हिंदू पक्ष के वकील और पैरोकार ने एक-दूसरे को मिठाई खिलाई। हिंदू पक्ष के वकील सुभाषनंदन ने कहा कि कल से सर्वे शुरू करवाने की कोशिश है। प्रशासन से सर्वे के बारे में बात करेंगे।
हाईकोर्ट ने जिला कोर्ट के फैसले को तत्काल लागू करने को कहा
हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने हाईकोर्ट के फैसले पर कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एएसआई को सर्वे करने के लिए कहा है। हाईकोर्ट ने जिला कोर्ट के फैसले को तत्काल प्रभाव से लागू करने के लिए भी कहा है। कोर्ट ने सर्वे को मंजूरी दे दी है। उन्होंने बताया कि एएसआई ने अपना हलफनामा दे दिया है। कोर्ट का आदेश आ गया है, ऐसे में अब कोई सवाल नहीं बनता है। हाईकोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की दलीलों को खारिज किया है।