0 पूछताछ के लिए 14 अगस्त को बुलाया
0 इसके पहले खनन घोटाले में हुई थी पूछताछ
रांची। प्रवर्तन निदेशालय ( ईडी) ने जमीन घोटाला मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को नोटिस भेजा है। ईडी इस मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के परिवार की संलिप्तता भी मान रही है, इसमें परिवार के सदस्य के नाम का जिक्र नहीं किया गया है। केस नंबर 25/23 के आधार पर यह नोटिस भेजा गया है। 14 अगस्त को हेमंत सोरेन को पूछताछ के लिए ईडी कार्यालय बुलाया गया है।
इससे पहले ईडी ने अवैध खनन मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से 18 नवंबर 2022 को करीब 10 घंटे तक पूछताछ की थी। ई़डी ने इस पूछताछ में पत्थर खनन से जुड़े कई सवाल मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पूछे थे। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ईडी को एक खुली चिट्ठी लिखकर चुनौती दी थी। अब एक बार फिर हेमंत सोरेन जमीन घोटाला मामले में ईडी की रडार में हैं।
जमीन घोटाले में सीएम का नाम
रांची में हुए जमीन घोटाले की जांच में अब मुख्यमंत्री का नाम भी सामने आ रहा है। इसी मामले में रांची प्रमंडल के तत्कालीन आयुक्त नितिन मदन कुलकर्णी की रिपोर्ट के आधार पर जांच हो रही है। सेना के कब्जे वाली जमीन के सिलसिले में जांच कर आयुक्त ने रिपोर्ट सरकार को सौंपी थी।
जांच रिपोर्ट में फर्जी नाम पते से अवैध कब्जे का खुलासा
रिपोर्ट में कहा गया है कि फर्जी नाम और पते के आधार पर सेना की जमीन पर अवैध कब्जा किया गया है। रांची नगर निगम ने इस मामले की शिकायत दर्ज कराई है। ईडी ने इसी प्राथमिकी को इसीआइआर के रूप में दर्ज कर इसकी जांच शुरू की है। नवंबर 2022 में व्यापारी विष्णु अग्रवाल, अमित अग्रवाल के ठिकानों पर छापा पड़ा था। इस छापे में कई अहम दस्तावेज ईडी के हाथ लगे हैं। ईडी ने दूसरी बार छापा मारा 13 अप्रैल को रांची के पूर्व डीसी छवि रंजन, बड़गाईं अंचल के अंचलाधिकारी मनोज कुमार, कर्मचारी भानु प्रताप समेत जमीन के कारोबार से जुड़े 21 ठिकानों पर छापा मारा था। रिमांड पर इन अभियुक्तों से हुई पूछताछ के दौरान जमीन के मूल दस्तावेज में छेड़छाड़ करने में शामिल अन्य लोगों की जानकारी मांगी गयी थी।
कारोबारी विष्णु अग्रवाल से पूछताछ जारी
रांची लैंड स्कैम के आरोपी और न्यूक्लियस मॉल के मालिक विष्णु अग्रवाल से ईडी पूछताछ कर रही है। कोर्ट ने विष्णु अग्रवाल से पूछताछ के लिए चार दिनों की रिमांड दी। इससे पहले 2 अगस्त को विष्णु अग्रवाल से पूछताछ के लिए ईडी ने 5 दिनों का रिमांड दिया था।
31 जुलाई को पूछताछ के बाद हुई गिरफ्तारी
लैंड स्कैम मामले में ईडी के अधिकारियों के सवालों का जवाब देने के बाद कारोबारी विष्णु अग्रवाल को 31 जुलाई को गिरफ्तार कर लिया गया था। लैंड स्कैम में नाम आने के बाद वे शाम तकरीबन चार बजे ईडी कार्यालय पहुंचे। ईडी के अधिकारियों ने उनसे पांच घंटे से अधिक पूछताछ की। उनके जवाब से संतुष्ट नहीं होने के बाद गिरफ्तार कर लिया गया। जिसके बाद दूसरे दिन कोर्ट में पेश किया गया। जहां से उन्हें ईडी को पांच दिनों की रिमांड पर भेजा गया।
ऐसे हुआ था स्कैम का खुलासा
जमीन से जुड़े मामले को लेकर खुलासा तब हुआ जब रांची के अफसर अली को ईडी ने गिरफ्तार किया। इससे पहले साल 2022 के चार नवंबर को जमीन घोटाले में विष्णु अग्रवाल के कई ठिकानों पर ईडी ने छापेमारी की थी। बाद में तीन बार विष्णु अग्रवाल को पूछताछ के लिए समन भेजा गया। जमीन के तमाम मामलों के साथ चेशायर होम रोड की जमीन की खरीद में उनका नाम सामने आया था। जांच में ईडी ने पाया कि जमीन की इस डील में प्रेम प्रकाश की भूमिका भी सामने आयी थी। वहीं पुगडू में 9.30 एकड़ खास महल जमीन की खरीद में भी फर्जीवाड़े की बात सामने आयी थी।
कौन है कारोबारी विष्णु अग्रवाल
कारोबारी विष्णु अग्रवाल मूल रूप से पुरुलिया के रहने वाले हैं। रांची में कई सालों से रह रहे हैं। रांची के सर्कुलर रोड का चर्चित न्यूक्लियस मॉल इन्हीं का है। न्यूक्लियस मॉल का फेज टू कांके रोड चांदनी चौक में है। वह भी इन्हीं का है। रांची में 500 करोड़ रुपये से ज्यादा के जमीन का मालिक भी हैं। बताया जाता है कि कई मंत्री और विधायकों से विष्णु अग्रवाल के अच्छे संबंध हैं। विष्णु अग्रवाल के संपर्क में हैं कई आईएएस-आईपीएस अधिकारी भी हैं।
सीएम पर कैसे कसा शिकंजा
19 जुलाई साल 2022 को गिरफ्तार किए गए मुख्यमंत्री के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा के घर पर 8 जुलाई को छापेमारी के दौरान ईडी को सीएम हेमंत सोरेन के बैंक खाते से जुड़ा चेक बुक मिलने की सूचना थी । ईडी के पास कई और ऐसे सबूत हैं जिसके संबंध में मुख्यमंत्री से सवाल किए जाने हैं। ईडी ने पीएमएलए कोर्ट में दाखिल चार्जशीट में जिक्र किया है कि 2 ब्लैंक चेक पर मुख्यमंत्री के हस्ताक्षर भी थे। प्रेम प्रकाश की गिरफ्तारी के बाद भी कई खुलासे हुए हैं । अब जमीन घोटाला मामले में भी सीएम और उनके परिवार का नाम सामने आ रहा है।
1000 करोड़ रुपए से अधिक अवैध खनन का दावा
अब तक, ईडी ने इस मामले में 1000 करोड़ रुपये से अधिक के अवैध खनन से संबंधित पीओसी की पहचान की है। मामले में ईडी द्वारा की गई जांच के दौरान, कई तारीखों पर पूरे भारत में 47 स्थानों पर तलाशी ली गई। जिसके परिणामस्वरूप 5.34 करोड़ रुपये की नकदी जब्त की गई, बैंक की शेष राशि को फ्रीज कर दिया गया। 13.32 करोड़, एक अंतर्देशीय पोत एमवी इंफ्रालिंक -थ्री की पंजीकरण संख्या - डब्ल्यूबी 1809, 5 स्टोन क्रशर, दो हाइवा ट्रक, दो एके -47 असॉल्ट राइफलों के साथ कई आपत्तिजनक दस्तावेजों की जब्ती की गयी।