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नई दिल्ली (ए)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की नेता एवं केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के 10 वर्ष के कार्यकाल को भ्रष्टाचार, परिवारवाद, भाई-भतीजावाद से ग्रस्त और झूठे सपने दिखाने वाला कालखंड करार देते हुए कहा कि वह सपने दिखाते थे, हम सपने पूरे करते हैं।

श्रीमती सीतारमण ने विपक्ष की ओर से मोदी सरकार के खिलाफ लाये गये अविश्वास प्रस्ताव पर तीसरे दिन की चर्चा
की शुरुआत करते हुए कहा कि संप्रग सरकार के कार्यकाल की तुलना में देश ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हर क्षेत्र में उल्लेखनीय तरक्की की है। कोविड संकट के बाद जहां वैश्विक आर्थिक परिदृश्य धुंधला होता जा रहा है, वहीं भारत की आर्थिक वृद्धि चौंकाने वाली है। यह सब मोदी सरकार की कुशल नीतियों के कारण संभव हो रहा है।

उन्होंने कहा कि संप्रग सरकार के कार्यकाल में 2जी, कोयला आदि घोटालाें की भरमार थी, वर्ष 2014 के बाद श्री मोदी सरकार के नेतृत्व में ‘सबका साथ और सबका विकास’ नीति के कारण देश का सर्वांगीण विकास हुआ है।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, यूरोपीय संघ और चीन में आर्थिक स्थिति डांवाडोल हो रही है जबकि भारत की अर्थव्यवस्था तरक्की की राह पर है। कई वैश्विक एजेंसियों और भारतीय रिजर्व बैंक की रिपोर्ट के अनुसार देश की अर्थव्यवस्था निरंतर मजबूत हो जा रही है।

उन्होंने कहा कि संप्रग सरकार के कार्यकाल में बैंकों की हालत क्या हो गयी थी, सभी को जानकारी है। अब बैंक रिकॉर्ड लाभ की स्थिति में आ गये हैं। बैंकों का नॉन परफारर्मिंग एसेट (एनपीए) घटा है। पिछली तिमाही में भारतीय स्टेट बैंक ने रिकॉर्ड लाभ कमाया है।

श्रीमती सीतारमण ने कहा आज देश में विश्व स्तरीय डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित हो रहा है। पहले प्रौद्योगिकी का आयात किया जाता था, अब देश प्रौद्योगिकी का निर्यात करता है। उन्होंने कहा कि संप्रग के कार्यकाल में अधिकतर परियोजनाओं को लेकर कहा जाता था, कि यह होगा, वह होगा लेकिन अब कहा जा रहा है कि हो गया, हो गया।
उन्होंने कहा कि तमिलनाडु के मदुरै में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान का निर्माण केन्द्र सरकार की लागत से रहा है। इसके निर्माण में राज्य सरकार का कोई खर्च शामिल नहीं है। इस मामले में सदन को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव एलायंस (इंडिया) के सदस्यों ने बहिर्गमन किया।

देश के सभी पब्लिक सेक्टर बैंक अच्छा परफॉर्म कर रहे
वित्त मंत्री ने कहा कि यूपीए के समय बैंकों की हालत बेहद खराब थी, फंसे हुए कर्ज को लेकर कोई कदम नहीं उठाए जा रहे थे। बीते 9 साल में बैंकों की सेहत में सुधार हुआ है और बदले हुए हालात सबके सामने हैं। आज देश के सभी पब्लिक सेक्टर के बैंक मुनाफे में हैं। पब्लिक सेक्टर बैंक रिकॉर्ड 1 लाख करोड़ से ज्यादा मुनाफा कमा रहे हैं। देश का सबसे बड़ा बैंक एसबीआई सबसे प्रॉफिटेबेल बैंक बना है। इसका नेट प्रॉफिट अप्रैल-जून तिमाही में 18,537 करोड़ रुपए रहा है। बैंक आज पिलर ऑफ जनकल्याण बन गए हैं। आज बैंक प्रोफेशनली मैनेज हो रहे हैं।

डीबीटी ने दुनिया के लिए उदाहरण स्थापित किया
हमारी डायरेक्ट बैंक ट्रांसफर, यानी डीबीटी स्टोरी ने बाकी दुनिया के लिए एक उदाहरण स्थापित किया है। यूपीए ने 2013-14 में केवल 7,367 करोड़ रुपए ट्रांसफर किए। उस अमाउंट से 2014-15 तक ही डीबीटी ट्रांसफर 5 गुना बढ़ गया है। पिछले वित्त वर्ष में हमने डीबीटी के माध्यम से 7.16 लाख करोड़ रुपए ट्रांसफर किए हैं।

'बनेगा, मिलेगा' जैसे शब्द अब प्रचलन में नहीं
वित्त मंत्री ने कहा कि 'बनेगा, मिलेगा' जैसे शब्द अब प्रचलन में नहीं हैं। आजकल लोग बन गए, मिल गए का उपयोग करते हैं। बिजली आएगी... अब बिजली आ गई, गैस कनेक्शन मिलेगा.. अब गैस कनेक्शन मिल गया, एयरपोर्ट बनेगा... अब एयरपोर्ट बन गया। उन्होंने कहा- परिवर्तन वास्तविक डिलीवरी के माध्यम से आता है, न कि बोले गए शब्दों के माध्यम से।

नौ साल में 9884 जन औषधि केंद्र खोले गए
वित्त मंत्री ने बताया कि 2014 में देश में 80 केंद्र थे, लेकिन बीते 9 साल में 9,884 जन औषधि केंद्र खोले गए हैं। वहीं अन्य सेक्टर्स का डेटा बताते हुए उन्होंने कहा कि कैपिटल एक्सपेंडिचर साल 2014 में 3.92 लाख करोड़ से बढ़कर अब 10.9 लाख करोड़ हो गया है। यूपीए कार्यकाल की तुलना में एग्रीकल्चर का बजट करीब पांच गुना बढ़कर 1 लाख 25 हजार करोड़ हो चुका है। साल 2014 में देश में 74 एयरपोर्ट थे, लेकिन अब ये आंकड़ा 148 तक पहुंच गया है। देश में उस समय सिर्फ 2 फूड पार्क थे, जो अब 23 हो गए हैं।

ग्लोबल रैंकिंग में 10 से 5वें नंबर पर पहुंचे
वित्त मंत्री ने कहा कि दुनिया में विकास दर 3% पर पहुंच गई है। आज दुनिया मंदी के दौर से गुजर रही है और ब्रिटेन-जर्मनी जैसे देश भी चुनौतियों से जूझ रहे हैं। यूरोप भी आर्थिक संकट में है, लेकिन भारत सबसे तेजी से आगे बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बन गया है। साल 2014 में भारत ग्लोबल में 10वें पायदान पर था, लेकिन आज ये तेज रफ्तार के साथ 5वें नंबर पर आ गया है।

भारतीय बाजार में होने वाली है लंबी तेजी की शुरुआत
हाल ही में मॉर्गन स्टेनली ने भारत के बाजार पर अपने आउटलुक को बढ़ाकर ओवरवेट किया था, जबकि चीन पर आउटलुक डाउनग्रेड कर इक्वलवेट कर दिया था। स्टेनली का मानना ​​है कि भारत में लंबी तेजी की शुरुआत होने वाली है, जबकि चीन की तेजी खत्म होने के करीब है। मॉर्गन स्टेनली ने कहा भारत का भविष्य काफी हद तक चीन के अतीत जैसा दिखता है। ऐसा लगता है कि दशक के अंत में चीन का जीडीपी ग्रोथ रेट भारत के 6.5% की तुलना में लगभग 3.9% रहेगा। नोट में यह भी कहा गया है कि डेमोग्राफिक ट्रेंड भी भारत के फेवर में दिख रहा है, जबकि चीन में पिछले दशक की शुरुआत से कामकाजी उम्र की आबादी में गिरावट देखी गई है।