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0 सीएम के राजनीतिक सलाहकार ने कहा-मैग्जीन में छपी मनोहर कहानी को आधार मानकर ईड़ी ने मारा छापा 
रायपुर। मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार और एआईसीसी के सदस्य विनोद वर्मा ने उन पर की गई ईडी की छापेमारी को लेकर गुरुवार को प्रेस कांफ्रेंस की। श्री वर्मा ने आरोप लगाया कि ईडी ने कल उनके घर में डकैती की है, लूट हुई है, राबरी की है। उऩ्होंने ऑनलाइन गेमिंग ऐप के मामले में गिरफ्तार आरोपी चंद्र भूषण वर्मा से अपने संबंधों को सिरे से खारिज किया।
छापे के बाद मीडिया के सामने आकर विनोद वर्मा ने आरोप लगाया कि ईडी अब अफवाहों पर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि मैं 1987 से पत्रकार हूं और कुछ साल पहले ही वे राजनीति में आए हैं। मेरे पास कुछ भी नहीं है। उन्होंने कहा कि ईडी कह रही है कि मैं 65 करोड़ रुपए की लॉन्ड्रिंग में शामिल हूं, जबकि मैंने अठन्नी भी लॉन्ड्रिंग नहीं की।

विनोद वर्मा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एक मैग्जीन को हाथ में रखकर कहा कि ईडी के आरोप महज कुछ साल पहले छपी एक मैग्जीन के मनोहर कहानी पर आधारित हैं। मेरा एएसआई चंद्रभूषण वर्मा से कोई संबंध नहीं है। उन्होंने कहा कि ईडी के पास क्या सबूत है कि मैं उनसे संबंधित हूं? साथ ही, उनके पास क्या सबूत है कि हम संपर्क में थे? ये छापेमारी मेरे खिलाफ सुनी-सुनाई बातों और सिर्फ एक व्यक्ति के बयान पर आधारित है। उनके पास कोई सबूत नहीं है, वर्मा ने कहा कि उस मैगजीन के खिलाफ वे कोर्ट जाएंगे।

ढाई साल पहले एएसआई चंद्रभूषण वर्मा से मिला थाः विनोद वर्मा
विनोद वर्मा के मुताबिक ढाई साल पहले उन्होंने गिरफ्तार आरोपी एएसआई चंद्रभूषण से भी मुलाकात की थी और उन्हें चेतावनी दी थी कि अगर उनके नाम का दुरुपयोग किया गया तो वे कार्रवाई करेंगे। श्री वर्मा ने यह भी कहा कि उन्होंने इस एप के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए दिसंबर 2022 में दुर्ग पुलिस को लिखा था। ईडी की छापेमारी को डकैती करार देते हुए श्री वर्मा ने कहा कि मैंने अपनी पत्नी को मिले एक गोल्ड के गिफ्ट को छोड़कर, खरीदे गए गोल्ड के सभी बिल पेश किए, लेकिन उन्होंने फिर भी उनके घर में रखा सारा गोल्ड जब्त कर लिया कि इसका भुगतान आपने कैसे किया, इसका जवाब नहीं दे पाए। उन्होंने नकदी भी ले ली, जो हमें मेरे बेटे की शादी के दिन उपहार के रूप में लिफाफे में मिली थी। यह एक डकैती है, एक लूट है।

पीएम मोदी और शाह पर लगाया तानाशाही का आरोप
श्री वर्मा ने गृहमंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए दावा किया कि वे इसके पीछे हैं और चुनाव से पहले कांग्रेस को बदनाम करने के लिए ऐसा किया जा रहा है। अमित शाह जानते हैं कि छत्तीसगढ़ में चुनाव कौन जीतने वाला है। प्रधानमंत्री एक तानाशाह हैं और वह हर उस व्यक्ति पर बुलडोजर चला रहे हैं, जो उनके रास्ते में आता है या उनके खिलाफ बोलता है। वे हर उस व्यक्ति को चोट पहुंचाना चाहते हैं जो भूपेश बघेल के लिए काम कर रहा है। केंद्रीय एजेंसियों का उपयोग करके या तो उन्होंने हमें धमकी दी या उन्होंने हमें सलाखों के पीछे डाल दिया। उन्होंने कहा कि पिछले चुनावों के दौरान भी इसी तरह मुझे गिरफ्तार किया था और मुझ पर दबाव डाला था। श्री वर्मा ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार ही ऐसे ऑनलाइन सट्टेबाजी के ऐप को बढ़ावा दे रही है।