0 मानसून सत्र के आखिरी दिन सदन में पीएम मोदी पर टिप्पणी की थी
नई दिल्ली। लोकसभा की विशेषाधिकार समिति (प्रिविलेज कमेटी) ने कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी पर लगाए निलंबन को 19 दिनों बाद बुधवार यानी 30 अगस्त को हटा लिया।
पीएम मोदी पर टिप्पणी को लेकर उन्हें 11 अगस्त को मानसून सत्र के आखिरी दिन लोकसभा से सस्पेंड किया गया था। लोकसभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा था कि जहां राजा अंधा बैठा रहता है, वहां द्रौपदी का चीरहरण होता है। चाहे हस्तिनापुर में हो या फिर मणिपुर में हो। इस बयान को संसद की कार्यवाही से हटा दिया गया था।
न्यूज एजेंसी के मुताबिक, विशेषाधिकार समिति के सामने पेश होकर कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने माफी मांगी और कहा कि वे किसी की भावनाओं को आहत करना नहीं चाहते थे।
विशेषाधिकार समिति लोकसभा स्पीकर के पास प्रस्ताव भेजेगी
विशेषाधिकार समिति के मेंबर ने बताया कि अधीर रंजन चौधरी का सस्पेंशन हटाने के लिए सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव स्वीकार किया गया है। बहुत जल्द इस प्रस्ताव को लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला के पास भेजा जाएगा।
अधीर रंजन ने 10 अगस्त को मणिपुर हिंसा को लेकर टिप्पणी की थी
10 अगस्त को लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा था- जहां राजा अंधा बैठा रहता है, वहां द्रौपदी का चीरहरण होता है। चाहे हस्तिनापुर में हो या फिर मणिपुर में हो, हस्तिनापुर और मणिपुर में कोई फर्क नहीं है। इस बयान को संसद की कार्यवाही से हटा दिया गया था।
अमित शाह ने कहा था-पीएम के लिए ऐसे बयान देना गलत
कांग्रेस नेता की इस टिप्पणी पर अमित शाह ने आपत्ति जताई थी। उन्होंने स्पीकर से कहा-पीएम के लिए ऐसे बयान देना गलत है। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने सदन में निलंबन का प्रस्ताव पेश किया था, जिसे स्पीकर ने स्वीकार कर लिया था।
विशेषाधिकार समिति के सामने सांसदों ने अधीर रंजन का बचाव किया
इसके बाद अधीर रंजन चौधरी को लोकसभा से सस्पेंड कर दिया गया। हालांकि, 18 अगस्त को कमेटी की मीटिंग हुई, जिसमें धीरज चौधरी ने कहा था- मेरा मकसद PM का अपमान करने का नहीं था। इस दौरान लोकसभा के कई सदस्यों ने भी कहा था कि चौधरी को उनकी गलती की सज मिल चुकी है। इसके बाद विशेषाधिकार समिति ने कांग्रेस सांसद को एक मौका देते हुए 30 अगस्त को अपनी बात रखने की इजाजत दी थी।