0 सीएम स्टालिन के बेटे ने सनातन धर्म को बीमारी बताया था
चेन्नई। तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन ने 2 सितंबर को सनातन धर्म को खत्म करने की बात कही थी। अयोध्या के संत परमहंस आचार्य ने सोमवार को उनके बयान पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि जो उदयनिधि का सिर कलम करके लाएगा, उसे 10 करोड़ रुपए का इनाम मिलेगा। इस दौरान उन्होंने उदयनिधि के पोस्टर पर तलवार चलाई।
उधर, उदयनिधि अपने बयान पर कायम हैं। उन्होंने रविवार शाम को भी सनातन धर्म को खत्म करने की बात दोहराई। उदयनिधि ने चेन्नई में पत्रकारों से बातचीत में कहा- लोगों ने इसे बेवजह नरसंहार से जोड़ा है।
शनिवार को भाजपा आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने उदयनिधि के बयान को नरसंहार के लिए उकसाने वाला बताया था। जिसके बाद उदयनिधि ने कहा कि मोदी भी कांग्रेस मुक्त भारत की बात करते हैं, तो क्या इसका मतलब यह है कि कांग्रेसियों को मार दिया जाना चाहिए?
कहां से शुरु हुआ विवाद
उदयनिधि स्टालिन 2 सितंबर को चेन्नई में एक सनातन उन्मूलन कार्यक्रम में शामिल हुए थे। वहां स्पीच के दौरान उन्होंने सनातन धर्म को लेकर विवादित टिप्पणी दी। उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म की तुलना डेंगू, मलेरिया और कोरोना से की। उदयनिधि ने कहा- मच्छर, डेंगू, फीवर, मलेरिया और कोरोना ये कुछ ऐसी चीजें हैं, जिनका केवल विरोध नहीं किया जा सकता, बल्कि उन्हें खत्म करना जरूरी होता है।
सनातन धर्म को समाप्त करने की बात हमेशा कहता रहूंगा
उदयनिधि ने रविवार शाम को कहा कि मैं फिर से कह रहा हूं कि मैंने केवल सनातन धर्म की आलोचना की है और सनातन धर्म को समाप्त कर दिया जाना चाहिए। ये बात मैं लगातार कहूंगा। कुछ लोग बचकाना व्यवहार कर रहे हैं और कह रहे हैं कि मैंने नरसंहार के लिए आमंत्रित किया है। कुछ लोग द्रविड़म को भी समाप्त करने की बात करते हैं। क्या इसका मतलब यह है कि DMK वासियों को भी मार दिया जाना चाहिए?'