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0 इसरो वैज्ञानिक पद्म कुमार बोले- रॉकेट में गड़बड़ी होने पर एस्ट्रोनॉट कैसे निकलेंगे ये टेस्ट होगा

बेंगलुरु। इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (इसरो) भारत के पहले ह्यूमन स्पेस फ्लाइट मिशन 'गगनयान' के क्रू एस्केप सिस्टम की टेस्टिंग करने जा रहा है। यानी मिशन के दौरान कोई परेशानी आती है तो रॉकेट में मौजूद एस्ट्रोनॉट कैसे पृथ्वी पर सुरक्षित रूप से आ सकेंगे इसे टेस्ट किया जाएगा। इसरो वैज्ञानिक पद्म कुमार ने कहा कि ये टेस्टिंग अगले महीने यानी अक्टूबर में हो सकती है।

पद्म कुमार ईएस आईआईएसयू यानी इसरो इनर्शियल सिसटम्स यूनिट के डायरेक्टर भी हैं। उन्होंने इस टेस्टिंग के बारे में बताया कि 'स्पेस में जाने के दौरान रॉकेट में किसी तरह की खराबी आती है तो क्रू को तुरंत वहां से निकालना होगा। इसके लिए इसरो ने क्रू एस्केप सिस्टम बनाया है। ये सिस्टम क्रू को रॉकेट से दूर ले जाएगा। इस सिस्टम की टेस्टिंग के लिए टेस्ट व्हीकल तैयार किया गया है।'

अबॉर्ट जैसी सिचवेशन बनाई जाएगी
पद्म कुमार ने कहा कि 'टेस्ट व्हीकल एस्ट्रॉनॉट के लिए बनाए गए क्रू मॉड्यूल को अपने साथ ऊपर ले जाएगा। फिर एटमॉस्फियर में किसी एक पॉइंट पर अबॉर्ट जैसी सिचुएशन बनाई जाएगी। इसरो वैज्ञानिक ये टेस्ट करेंगे कि अबॉर्ट ट्रैजेक्टरी क्या ठीक तरह से काम कर रही है।'

वहीं उन्होंने बताया कि अगले साल की शुरुआत में गगनयान मिशन का पहला अनमैन्ड मिशन प्लान किया गया है। अनमैन्ड मिशन यानी इसमें किसी भी मानव को स्पेस में नहीं भेजा जाएगा। अनमैन्ड मिसन के सफल होने के बाद मैन्ड मिशन होगा, जिसमें इंसान स्पेस में जाएंगे।

गगनयान के लिए इसरो ने की थी पैराशूट की टेस्टिंग
इससे पहले इसरो ने गगनयान मिशन के लिए ड्रैग पैराशूट का सफल परीक्षण 8 से 10 अगस्त के बीच चंडीगढ़ में किया था। ये पैराशूट एस्ट्रोनॉट्स की सेफ लैंडिंग में मदद करेगा। यह क्रू मॉड्यूल की स्पीड को कम करेगा, साथ ही उसे स्थिर भी रखेगा। इसके लिए एस्ट्रोनॉट्स की लैंडिंग जैसी कंडीशन्स टेस्टिंग के दौरान क्रिएट की गई थीं।

तीन एस्ट्रोनॉट 400 किमी ऊपर जाएंगे, 3 दिन बाद लौटेंगे
'गगनयान' में 3 दिनों के मिशन के लिए 3 सदस्यों के दल को 400 किमी ऊपर पृथ्वी की कक्षा में भेजा जाएगा। इसके बाद क्रू मॉड्यूल को सुरक्षित रूप से समुद्र में लैंड कराया जाएगा। अगर भारत अपने मिशन में कामयाब रहा तो वो ऐसा करने वाला चौथा देश बन जाएगा। इसे पहले अमेरिका, चीन और रूस ऐसा कर चुके हैं।

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